बॉलीवुड के सुपरस्टार दिलीप कुमार जिन्हें लोग ट्रेजेडी किंग के नाम से भी जानते हैं, उन्होंनें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और दर्शकों के दिलों पर कई दशकों तक राज किया. करोड़ों फैंस में उनका एक फैन ऐसा भी था जो घर से चोरी-छुपे उनकी फिल्में देखने पहुंच जाया करता था. उस फैन का नाम है अनुपम खेर. अनुपम, दिलीप कुमार के कितने बड़े फैन हैं इस बात का खुलासा उन्होंने खुद अपने एक इंटरव्यू के दौरान किया.
36 साल के अपने लंबे करियर में अनुपम खेर ने लगभग 515 फिल्मों में काम किया और इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई. अब बहुत जल्द उनका नाटक जिसका नाम है ‘कुछ भी हो सकता है’ जल्द ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होने जा रहा है. इस नाटक का एक हिस्सा अनुपम खेर और सुपरस्टार दिलीप कुमार की पहली ‘मुठभेड़’ का किस्सा भी है.
इस इंटरव्यू में अनुपम ने उस किस्से के बारे में बताया और कहा- ‘दिलीप साहब से मेरी पहली मुलाकात बेहद दिलचस्प रही. मेरी फिल्म ‘सारांश’ की रिलीज से लगभग साल भर पहले की बात है. मेरे एक पत्रकार दोस्त है जिसका नाम है अली पीटर जॉन. उन्होंने मुझे कॉल किया और कहा कि एक पार्टी है, तुम आ जाओ. पता चला कि दिलीप साहब भी पार्टी में आने वाले हैं तो ये जानकर मैं खुद को पार्टी में जाने से रोक नहीं पाया. उस पार्टी में मैंने दिलीप साहब को देखते ही नमस्ते किया ये देखकर उन्हें लगा कि मैं शायद उनका कोई पुराना जानने वाला हूं, उन्होंने बड़े प्यार से मेरा हाथ पकड़ा और जिसके बाद वो मेरे हाथ को 10-15 मिनट के लिए पकड़े ही रहे और लोगों को अपने पुराने जानकार के तौर पर मुझे मिलवाते रहे, उस वक्त मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं कि कौन हूं मैं? पार्टी के बाद मैंने अपने हाथों को दो दिन तक न धोया ना मैं नहाया, क्योंकि मेरा हाथ दिलीप कुमार ने पकड़ा था.’
फिर अनुपम खेर की फिल्म ‘सारांश’ रिलीज हुई और हर तरफ उनकी अदाकारी की तारीफ होने लगी. इस फिल्म के बाद उन्हें सुभाष घई की फिल्म ‘कर्मा’ में काम करने का मौका मिला. दोनों ही फिल्मों में अनुपम के किरदार को दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स की भी खूब तारीफें मिली. इस फिल्म में उन्होंने दिलीप कुमार के साथ काम किया था.
इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान हुआ एक किस्सा अनुपम ने इस इंटरव्यू में बताया-‘ उस दिन मेरी सुबह सात बजे की शिफ्ट थी और मैं मेकअप के साथ तैयार था. दिलीप साहब लगभग 11 बजे सेट पर आए. उन्होंने सेट पर आते ही सुभाष जी से कहा कि- अरे भई कुछ चाय वाय मिलेकी? मैं उन्हें अपने सामने देखकर बिल्कुल स्तब्ध रह गया था. मैं बस उन्हें देखे ही जा रहा था. ये देखकर सुभाष घई मुझे एक कोने में ले गए और कहने लगे, ये तुम क्या कर रहे हो. अगर ऐसा करोगे तो उनके साथ एक्टिंग कैसे करोगे? ये सुनकर मैंने कहा कि जब कैमरा चालू होगा तो उनके सामने अनुपम खेर नहीं बल्कि डॉक्टर डैंग होगा. आप इस बात से बेफिक्र हो जाओ.’