Akshay Khanna के लिए आसान नहीं था पापा विनोद खन्ना के संन्यास लेने के फैसले को कुबूल करना
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन एक वक्त ऐसा था जब हिंदी सिनेमा में विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को कड़ी टक्कर देते थे.
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन एक वक्त ऐसा था जब हिंदी सिनेमा में विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को कड़ी टक्कर देते थे. उस वक्त लोगों को लग रहा था कि विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन के स्टारडम को पीछे छोड़ देंगे. लेकिन अचानक उनके संन्यास लेने के फैसले ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. अपने करियर के पीक पर पहुंचकर विनोद खन्ना ने अध्यात्मिक गुरु ओशो की शरण में जाने का फैसला किया. उस फैसले ने पूरी इंडस्ट्री को चौंका दिया था. विनोद खन्ना के इस फैसले को एक्सेप्ट करना उनके परिवार के लिए भी आसान नहीं था. इस बारे में खुद अक्षय खन्ना (Akshay Khanna) ने अपने हाल ही दिए एक इंटरव्यू के दौरान बात की.
जब विनोद खन्ना ने अपने काम और परिवार को छोड़कर अध्यात्म का दामन थामा था उस वक्त उनके बेटे अक्षय खन्ना की उम्र सिर्फ 5 साल थी. उस वक्त की कुछ यादें आज भी अक्षय के ज़हन में ताज़ा हैं जिनके बारे में अक्षय ने मीडिया से बात की. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्षय खन्ना ने पिता के बारे में बात करते हुए कहा- 'उन्होंने सिर्फ परिवार ही नहीं छोड़ा था बल्कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी ही त्याग दी थी. उन्होंने अपने आपको पूरी तरह से समर्पित कर दिया था. मैं उस वक्त 5 साल का था और मेरे लिए ये सबकुछ समझ पाना काफी मुश्किल था. आज मैं उन सब चीजों को बेहतर समझ पाता हूं. उस वक्त उन्हें ये निर्णय ठीक लगा होगा.
आपको बता दें कि विनोद खन्ना उस वक्त अपने करियर की ऊंचाइयों पर थे और ऐसे में उन्होंने ओशो की शरण में जाने का फैसला किया. सूत्रों के अनुसार, वहां पर वो झाडू लगाते और टॉयलट की साफ-सफाई भी करते थे. हालांकि कुछ समय बाद ही विनोद खन्ना ने घर वापस लौटने का फैसला किया और एक बार फिर से उन्होंने अपने करियर और परिवार की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया था. मगर, बाद में फिल्म इंडस्ट्री में विनोद खन्ना को पहले की तरह कामयाबी नहीं मिल सकी.