JP Dutta on Film Border: परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा (Vikram Batra) की बहादुरी को दिखाती फिल्म ‘शेरशाह’ (SherShaah) रिलीज हो चुकी है. यह फिल्म दर्शकों को खासी पसंद आ रही है. हालांकि, आज हम बात फिल्म शेरशाह की नहीं बल्कि एक ऐसे फिल्ममेकर की करेंगे जिनकी बनाई वॉर फिल्म आज भी मील का पत्थर मानी जाती है. जी हां, हम बात कर रहे हैं फिल्ममेकर जेपी दत्ता (J.P Dutta) की जिनकी फिल्म ‘बॉर्डर’ (Border) आज भी बेस्ट वॉर फिल्म मानी जाती है. साल 1997 में रिलीज हुई यह फिल्म सुपर-डुपर हिट साबित हुई थी.
इस फिल्म ने सफलता के गजब कीर्तिमान गढ़े थे, हालांकि क्या आप जानते हैं कि फिल्म बॉर्डर की सफलता ने कहीं ना कहीं फिल्ममेकर जेपी दत्ता को दुखी भी कर दिया था. जी हां, खुद जेपी दत्ता ने इस बात का जिक्र एक इंटरव्यू में किया था. जेपी दत्ता के अनुसार, इस फिल्म की ज़बरदस्त सफलता के बाद लोग उन्हें सिर्फ फिल्म ‘बॉर्डर’ की वजह से जानने लगे थे, फिल्ममेकर को इससे दुःख होता था क्योंकि उन्होंने इससे पहले भी कई फ़िल्में बनाई थीं लेकिन बॉर्डर की रिलीज के बाद सिर्फ इसी फिल्म से उन्हें पहचाना जाने लगा था जो जे.पी.दत्ता के दुःख की एक बड़ी वजह थी.
जे.पी. दत्ता ने इंटरव्यू में यह भी बताया था कि उन्होंने बॉर्डर से ज्यादा मेहनत फिल्म ‘एलओसी कारगिल’ को बनाने में लगाई थी. यहां तक कि उन्होंने कमर्शियल हितों को नज़रंदाज़ करते हुए फिल्म का समय 4 घंटे से घटाकर 3 घंटे नहीं किया था. फिल्ममेकर जेपी दत्ता कहते हैं कि बावजूद इसके लोग सिर्फ बॉर्डर, बॉर्डर करते हैं कोई एलओसी कारगिल की बात नहीं करता. आपको बता दें कि फिल्म बॉर्डर 1971 के भारत पाक युद्ध पर आधारित फिल्म थी. इस फिल्म में सनी देओल ने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी का रोल निभाया था जो 71 की जंग के हीरो कहे जाते हैं.
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