बॉलीवुड में जगह बनाना आसान काम नहीं होता फिर वो आउटसाइडर हो या इनसाइडर. ये बात फिल्म इंडस्ट्री में 34 साल गुजार चुके गोविंदा भी अच्छे से जानते हैं. गोविंदा ने इतने लंबे फ़िल्मी करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. उनके माता-पिता फिल्म इंडस्ट्री में थे लेकिन गोविंदा ने इस बात का फायदा नहीं उठाया क्योंकि जब उन्होंने फिल्मों में आने का संघर्ष शुरू किया तब से काफी समय पहले ही उनके पेरेंट्स फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह चुके थे.
ऐसे में गोविंदा ने जो किया, अपने दम पर किया. एक इंटरव्यू में गोविंदा ने अपनी करियर स्ट्रगल को लेकर बात की थी और बताया था कि उन्होंने 21 साल की उम्र में फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था. उनके पास कोई बैकअप नहीं था और ना ही वो किसी को जानते थे. जब वह काम पाने के लिए प्रोड्यूसर्स या प्रोडक्शन हाउस के पास जाते थे तो उन्हें ऑफिस के बाहर कई घंटों तक इंतज़ार करना पड़ता था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोविंदा ने इस इंटरव्यू में ये भी बताया था कि शुरुआत में लोगों ने उनसे कहा था कि वह बॉलीवुड में टिक नहीं पाएंगे लेकिन उन्होंने अपने काम पर फोकस बनाए रखा क्योंकि वो जानते थे कि एक दिन वो अपना मनचाहा मुकाम हासिल करेंगे. और फिर हुआ कुछ ऐसा ही, गोविंदा ने 90 के दशक की कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया जिनमें शोला और शबनम, हीरो नंबर 1, कुली नंबर 1, आंखें, राजा बाबू, साजन चले ससुराल जैसी फ़िल्में शामिल हैं. खासकर उनके जबरदस्त डांसिंग स्किल्स की तारीफ आज तक होती है.