Happy Birthday Gulzar: हिंदी सिनेमा के इतिहास में कई अच्छे गीतकार हैं, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे गीतकार है जिन्हें आज भी याद किया जाता है. उन्हीं में से एक सबके फेवरेट गीतकार गुलज़ार साहब हैं. जिनका जन्म सिंह कालरा से हुआ था. आज गुलजार साहब 87 साल के हो गए हैं, लेकिन 87 साल की उम्र में गुलज़ार एक ऐसे कलाकार हैं, जो कभी भी अपनी लेखनी से निराश नहीं करते हैं. अपनी इस स्टोरी में हम आपको उन्हीं से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं, यह किस्सा ये है कि गुलजार साहब ने एआर रहमान के लिए गाना लिखने से मना कर दिया था. इसकी वजह थी गुलजार साहब के पास वक्त की कमी.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, एक बार एआर रहमान और गुलजार साहब चेन्नई में थे. एआर रहमान उस समय चाहते थे कि अगर वो चेन्नई में हों तो वो उनके लिए एक गाना लिखें, लेकिन गुलज़ार ने ये कहते हुए मना कर दिया कि, ‘मुझे डर है कि मैं ऐसे गाना नहीं लिख सकता. मुझे समय की जरूरत है और मेरे पास समय इस गाने को लिखने के लिए बहुत कम है.’ आपको बता दें, गुलजार साहब फिल्म के गाने लिखते समय फिल्म की स्टोरी से आपना मार्गदर्शन लेना नहीं भूलते हैं. वो हमेशा पहले फिल्म की स्टोरी सुनते हैं फिर उसके बाद वो गानों पर काम करते हैं.
गुलजार साल 1963 में आई फिल्म बंदिनी के बाद से गाने लिख रहे हैं. जहां उन्होंने ‘मोरा गोरा अंग’ के साथ एक गीतकार के रूप में शुरुआत की थी. उनकी आखिरी हिंदी फिल्म साल 2019 प्रियंका चोपड़ा जोनास और फरहान अख्तर की फिल्म द स्काई इज पिंक थी, जहां उन्होंने फिल्म के सभी गाने लिखे थे. उन्होंने ‘वो शाम कुछ अजीब थी,’ ‘मेरा कुछ सामना,’ ‘मैंने तेरे लिए,’ ‘मुसाफिर हूं यारों,’ ‘तुझसे नराज नहीं जिंदगी,’ ‘सत्रंगी रे,’ सहित कई अनमोल गाने लिखे हैं.
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