हिंदी सिनेमा में लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी, दोनों का ही बहुत बड़ा नाम है. म्यूज़िक इंडस्ट्री में इन दोनों का ही बड़ा योगदान रहा है. वहीं, एक साथ कई सुपरहिट गाने देने वाले मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) और लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने लगभग 4 साल तक एक-दूसरे से बात नहीं की थी. 60 के दशक में रफी साहब का लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) से विवाद भी काफी सुर्खियों में रहा था. भले ही दोनों की जोड़ी के गाए हुए गीतों की खूब सराहना हुई थी, लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि दोनों ने 4 साल तक एक-दूसरे से बात भी नहीं की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद रफी और सुरों की मलिका लता मंगेशकर के बीच के विवाद की वजह थी गानों को लेकर मिलने वाली गायकों की रॉयल्टी. लता जी चाहती थीं, म्यूजिक डायरेक्टर्स की तरह सिंगर्स को भी गानों की रॉयल्टी में हिस्सा मिलना चाहिए. जबकि रफी साहब की राय लता जी से बिल्कुल जुदा थी. रफी साहब का मानना था कि सिंगर को जब एक गाने के लिए फीस मिल जाती है तो फिर रॉयल्टी में उसका कोई हक नहीं रह जाता.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1961 में फिल्म माया के गाने की रिकार्डिंग के दौरान लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी के मतभेद सामने आए. रिकार्डिंग के बाद जब लता मंगेशकर ने रफी साहब से रॉयल्टी को लेकर उनकी राय पूछी, तो उन्होंने साफ मना कर दिया. तब लता जी ने उसी स्टूडियो में ऐलान किया कि आगे से मैं रफी साहब के साथ कोई गाना नहीं गाऊंगी. ये कहकर लता मंगेशकर नाराज़ होकर वहां से चली गईं थीं. कहते हैं कि पूरे 4 साल बाद एक्ट्रेस नरगिस की कोशिशों के बाद दोमों में पैचअप हुआ था.
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