सुपरस्टार दिलीप कुमार (Dilip Kumar), मधुबाला (Madhubala) और पृथ्वीराज कपूर के अभिनय से सजी फिल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' (Mughal-E-Azam) को भला कौन भूल सकता है. इस फिल्म ने सफलता का इतिहास रचा था, लेकिन एक इंसान ऐसा भी था जिसने इस ऐतिहासिक फिल्म का हिस्सा बनने से साफ इनकार कर दिया था. दरअसल, ये बात है सन 1956 की, दिलीप कुमार का एक दोस्त था जो उनके पड़ोस में ही रहता था. नाम था मीर ताज मोहम्मद. मीर वकालत करते थे और देखने में बहुत ही हैंडसम थे. आजादी की लड़ाई में मीर ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था.
एक बार मीर ताज मोहम्मद दिलीप कुमार से मिलने मुंबई उनके घर पहुंचे. दिलीप ने उन्हें अपने मुंबई वाले दोस्तों से मिलवाया. जिनमें डायरेक्टर के.आसिफ (K. Asif) भी शामिल थे. उन्हीं दिनों के. आसिफ फिल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' की कास्टिंग कर रहे थे. आसिफ ने मीर मोहम्मद की पर्सनैलिटी से प्रभावित होकर उन्हें इस फिल्म में राजा मान सिंह का किरदार ऑफर कर दिया. मीर मोहम्मद बड़े बेकाब इंसान थे. उन्होंने इसी बेबाकी से के. आसिफ को जवाब देते हुए कहा, 'मुझे नैटंकी में काम करने का कोई शौक नहीं है.' मीर मोहम्मद के रिजेक्ट करने के बाद के. आसिफ ने ये किरदार एक्टर मुराद को दिया.
साल 1981 में मीर ताज मोहम्मद का देहांत हो गया. आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस मीर ताज मोहम्मद ने सिनेमा को नौटंकी कहकर उसका मजाक उड़ाया था उन्हीं के बेटे सिनेमा की बदौलत आज करोड़ों दिलों पर राज कर रहे हैं, जिनका नाम है शाहरुख खान (Shahrukh Khan).
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