मलिका-ए-तरनुम्म’ के नाम से विख्यात नूरजहां का नाम लीजेंड्री गायिकाओं में लिया जाता है. ब्रिटिश काल में पैदा हुईं नूरजहां(Noor Jahan) बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई थीं. हालांकि, इसके बावजूद उनके चाहने वालों की संख्या कम नहीं हुई थी. दोनों ही देशों में नूर के ढ़ेरों चाहने वाले थे. आपको बता दें कि नूरजहां का असली नाम अल्लाह वसाई था और उन्होंने कलकत्ता से अपने कला के सफ़र की शुरुआत की थी. यहीं से अल्लाह वसाई का नाम नूरजहां पड़ गया था.



नूरजहां के चाहने वालों में पाकिस्तानी सेना के जनरल याह्या खान भी शामिल थे और जो आगे चलकर पाकिस्तान के तानाशाह और राष्ट्रपति बने थे. एक बार की बात है नूरजहां लंदन से लाहौर जा रहीं थीं और बीच में उन्हें कराची रुकना पड़ा. कहते हैं यह बात जब कराची रेडियो स्टेशन को लगी तो उन्होंने झट से गाड़ी भेजकर नूरजहां से तीन गाने गवा लिए. यहां तक सब ठीक था लेकिन इसके बाद की घटना ने सबके रोंगटे खड़े दिए.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नूरजहां ने कहा मेरी बात याह्या खान से करवाओ.ऐसे में रेडियो स्टेशन के लोग चिंता में पड़ गए कि कैसे देश के सबसे बड़े जनरल से नूरजहां की बात करवाएं. इस बीच वक़्त निकलता गया तो नूरजहां ने खुद ही उस रेडियो स्टेशन से पाकिस्तान के तानाशाह जनरल याह्या खान को फ़ोन लगा दिया और कहा कि मैने यहां तीन गाने रिकॉर्ड किए हैं आप रात 8 बजे सुन लेना. बता दें कि नूर और याह्या खान अच्छे दोस्त थे.


नूरजहां ने इतना कहकर फ़ोन काट दिया लेकिन यहां रेडियो स्टेशन में हडकंप मच चुका था. ख़बरों की मानें तो रात 8 बजे के समय रेडियो पाकिस्तान पर ख़बरें प्रसारित होती थी. ऐसे में रेडियो के वरिष्ट अधिकारियों तक बात पहुंचाई गई जिसके बाद यह पूरा मामला सेना मुख्यालय तक पहुंचा. कहते हैं आखिर में यह हल निकला कि समाचार रात 8 बजे ही जाएंगे और इसके फ़ौरन बाद नूरजहां के गाने सुनाए जाएंगे.