हिंदी सिनेमा का एक ऐसा चेहरा जिसने दर्शकों के दिलों में अपनी खास पहचान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वो हैं अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan). सदी के महानायक ने अब तक कई बड़ी हिट फिल्मों में काम किया है जिनमें, 'जंज़ीर', 'शहंशाह', 'दीवार',
'मोहब्बतें', 'कभी खुशी कभी गम' जैसी बहुत सी फिल्में शामिल हैं. वहीं बात करें सन 1976 की जब अमिताभ बच्चन स्टार बन चुके थे. उन दिनों भारत सरकार ने अमिताभ बच्चन के पिता हरीवंश राय बच्चन को पद्म भूषण अवार्ड देने की घोषणा की. इस समाहरोह में पूरा बच्चन परिवार शामिल होना चाहता था लेकिन आधिकारिक तौर पर सिर्फ 2 लोगों को ही साथ जाने की अनुमति थी.






बच्चन परिवार ने तय किया कि पिता के साथ उनके दोनों बेटे अमिताभ और अजिताभ जाएंगे. इतना ही नहीं ये भी तय हुआ कि तीनों काले रंग का सूट पहनकर वहां जाएंगे. सूट सिलवाने के लिए खास तौर पर टेलर बुलवाया गया. जया बच्चन ने ज़िम्मेदारी ली कि वो तीनों की पैकिंग खुद करेंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस दिन हरिवंश राय बच्चन, अमिताभ और अजिताभ को मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना होना था उस दिन अजिताभ की तबियत अचानक खराब हो गई, जिसकी वजह से उनका जाना कैंसिल हो गया था.







अमिताभ बच्चन अपने पिता के साथ दिल्ली पहुंचे, जब होटल में उन्होंने अपना सूट निकाला तो अमिताभ के होश उड़ गए क्योंकि जया बच्चन ने अजिताभ का सूट अमिताभ के सूटकेस में रख दिया था. अजिताभ की पैंट अमिताभ के लिए काफी छोटी थी. तभी उन्हें अपने दोस्त राजीव गांधी की याद आई. अमिताभ ने राजीव को फोन करके सारी बात बता दी जिसके कुछ ही समय बाद राजीव गांधी ने अपना कुर्ता पजामा और शॉल अमिताभ के लिए भिजवा दिया. अमिताभ उन्हीं को पहनकर पिता के साथ समारोह में पहुंचे थे.


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