(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
श्रीदेवी के इंतजार में यशराज और लम्हें की पूरी टीम जयपुर में 1 महीने तक रुकी रही, जानिए क्यों
हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार कहलाने वाली एक्ट्रेस श्रीदेवी (Sridevi) आज भले ही हमारे बीच मौजूद ना हो लेकिन अपनी फिल्मों के चलते वो हमेशा ही फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगी.
हिंदी सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार कहलाने वाली एक्ट्रेस श्रीदेवी (Sridevi) आज भले ही हमारे बीच मौजूद ना हो लेकिन अपनी फिल्मों के चलते वो हमेशा ही फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगी. ये वो वक्त था जब श्रीदेवी 'रानी मेरा नाम' और 'सोलवा सावन' जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं थी और अपने करियर को आगे ले जाने के लिए हिंदी सिनेमा में एक सही मौके की तलाश कर रही थीं. फिर उन्हें वो मौका मिला जब श्रीदेवी ने साल 1983 में जीतेंद्र के साथ फिल्म 'हिम्मतवाला' में काम किया. उस फिल्म में लोगों ने श्रीदेवी की अदाकारी और अदाएं दोनों को ही बेहद पसंद किया था. वैसे भी इतनी खूबसूरत एक्ट्रेस इससे पहले हिंदी सिनेमा में किसी ने नहीं देखी थी. फिल्म 'हिम्मतवाला' के बाद तो जैसे श्रीदेवी ने हिट फिल्मों की लाइन लगा दी. इस फिल्म के अगले 3 साल में ही श्रीदेवी बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में शामिल हो गई थीं. लेकिन उनके करियर के लिए जो फिल्म मील का पत्थर साबित हुई वो थी 'चांदनी'.
श्रीदेवी और यश चोपड़ा का रिश्ता एक पिता-पुत्री की तरह रहा. दोनों से साथ में 'लम्हें' और 'चांदनी' में काम किया और दोनों ही फिल्में ब्लॉक बस्टर साबित हुई. हालांकि यश चोपड़ा श्रीदेवी के साथ एक और महिलाप्रधान फिल्म बनाना चाहते थे. लेकिन उस वक्त श्रीदेवी की दोनों बेटियां छोटी थीं और वो फिल्मों में वापसी के बारे में नहीं सोच रही थीं.
श्रीदेवी, यश चोपड़ा की बहुत इज्जत करती थीं और उन्हें अपने पिता का दर्जा देती थी. यश चोपड़ा के बारे में बात करते हुए एक बार श्रीदेवी ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि- 'हम पूरी यूनिट लेकर राजस्थान में 'लम्हे' की शूटिंग के लिए पहुंचे थे. उस दौरान होटल में मुझे यशजी का फोन आया कि तुम्हारे पिता तुमसे मिलना चाहते हैं तुम तुरंत घर चली जाओ. मैंने यशजी से कहा कि अभी कुछ समय पहले ही तो पिताजी से बात हुई है. मैं यहां से चली जाउंगी तो शूटिंग बंद हो जाएगी. तब तक उन्होंने मेरी टिकट बुक करा दी थीं. जब मैं चेन्नई पहुंची तो पता चला कि मेरे पिताजी का देहांत हो गया. उस वक्त मुझे अपनी मां के पास रुकना था और शूटिंग पर वापस आने में मुझे लगभग एक महीने का वक्त लग गया. उस पूरे वक्त में एक बार भी मुझे यशराज फिल्म्स से शूटिंग पर वापस आने के लिए फोन नहीं आया. पूरी यूनिट राजस्थान में ही मेरा इंतजार करती रही'. जब श्रीदेवी एक महीने बाद शूटिंग पर वापस गई उसके बाद 'लम्हें' की शूटिंग शुरू हुई.