Villain Rami Reddy: बॉलीवुड फिल्मों में जितना एक हीरो जरुरी होता है ठीक उतना ही विलेन भी जरुरी होता है.विलेन के बिना फिल्म अधूरी होती है. कई सालों से फिल्मों में विलेन का किरदार जरुरी माना जाता है. हालांकि अब विलेन के किरदार में काफी बदलाव आ गए हैं. आजकल के विलेन काफी एडवांस हो गए हैं. वह हीरो को परेशान करने के नए ट्रिक ढूंढ लेते हैं. मगर 80 और 90 के दशक के विलेन काफी खतरनाक हुआ करते थे. जिन्हें देखकर लोग कांपने लगते हैं. वह अपनी एक्टिंग से लोगों के मन में नफरत पैदा कर देते थे कि लोग फिल्म देखते हुए उनपर गुस्सा करने लगते थे. ऐसे ही एक एक्टर थे रामी रेड्डी (Rami Reddy). जिन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से सभी का दिल जीत लिया था.
रामी ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत तेलुगु फिल्मों से की थी. उनकी पहली तेलुगु फिल्म अंकुसम थी. उसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में प्रतिबंध (Pratibandh) फिल्म से एंट्री की थी. इस फिल्म में उन्होंने गैंगस्टर का किरदार निभाया था. मगर उन्हें असली पहचान फिल्म वक्त हमारा है (Waqt Humara Hai) से मिली थी. इस फिल्म में उनके साथ अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और सुनील शेट्टी (Suniel Shetty) लीड रोल में नजर आए थे. फिल्म में रामी ने कर्नल चिकारा का किरदार निभाया था. इस फिल्म के बाद से उन्हें लोग चिकारा के नाम से ही जानने लगे थे.
ये हैं फेमस किरदार
रामी रेड्डी ने मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) के साथ कई फिल्मों में काम किया है. वह खुद्दार, ऐलान, आंदोलन, हकीकत, जानवर जैसी कई फिल्मों में विलेन के किरदार के लिए जाने जाते हैं. इन किरदारों से उनकी बॉलीवुड में अलग पहचान बनी है.
रामी रेड्डी ने अपने फिल्मी करियर में 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़,हिंदी, मलयालम और भोजपुरी भाषाओं में काम कर चुके हैं.
इस बीमारी की वजह से हुआ था निधन
रामी रेड्डी को लीवर और किडनी की बीमारी थी. जिसकी वजह से निधन से पहले वो सिर्फ हड्डियों का ढांचा रह गए थे. रामी रेड्डी का 14 अप्रैल 2011 को निधन हो गया था. उस वक्त उनकी उम्र 52 साल थी.