आर डी बर्मन(R D Burman) एक ऐसे म्यज़िक डायरेक्टर जिन्होंने 70 - 80 के दशक में अपने गानों से लोगों को मदहोश कर दिया. एक के बाद एक ऐसे हिट गाने दिए जो उस दौर में ही नहीं बल्कि आज की पीढ़ी की भी जुबां पर है. भले ही उन गानों को नए कलेवर में उन्हें सौंपा गया हों. आर डी बर्मन(R D Burman) को इंडस्ट्री में प्यार से ‘पंचम’ या ‘पंचम दा’ के नाम से पुकारा जाता था. लेकिन आखिरकार उनको ये नाम दिया किसने? इससे जुड़ा दिलचस्प किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं.


क्यों पुकारा जाता था पंचम



आर डी बर्मन को पंचम पुकारे जाने के पीछे एक खास कारण था. लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि आखिर उन्हें ये नाम दिया किसने? उन्हें ‘पंचम’ निक नेम देने वाले मशहूर और दिग्गज एक्टर अशोक कुमार(Ashok Kumar) थे. दरअसल, न जाने क्या बात थी कि जब भी आर डी बर्मन किसी धूम को गुनगुनाते तो ‘प’ शब्द का ही इस्तेमाल करते थे. एक दिन अशोक कुमार ने ये बात नोटिस की और देखा कि सरगम यानि सा रे गा मा पा में ‘प’ पांचवे नंबर पर आता है. बस फिर क्या था अशोक कुमार उन्हें पंचम ही कहने लगे. धीरे धीरे हर कोई ही नहीं पंचम ही कहने लगा और वो इसी नाम से फेमस हो गए. जो उनसे बड़े थे वो ‘पंचम’ कहते और जो छोटे थे वो ‘पंचम दा’.

धुन बनाने में माहिर थे पंचम दा

धुन बनाने में तो आर डी बर्मन का जवान नहीं था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो वो ऐसे म्यूजिशियन थे जो कंघी से भी धुन बना लेते थे. इतना ही नहीं उन्होंने तो ऐसे ऐसे गीतों की धुन बनाई जो नामुमकिन थे और उन गानों ने न जाने कितने अवॉर्ड भी जीते. इनमें से एक गाना है गुलज़ार साहब का लिखा - ‘मेरा कुछ सामान’.

रीमिक्स होते हैं आर डी बर्मन के गाने



आर डी बर्मन ने जिस तरह का संगीत दिया उसे लेकर कहा जाता है कि वो उस दौर से कही आगे का संगीत था. शायद यही कारण है कि उनके गाने आज भी फिल्मों में रीमिक्स किए जाते हैं. ये उनकी धुनों का ही करिश्मा है कि उनके गाने तब भी सदाबहार थे और आज की पीढ़ी की ताल से ताल भी मिला लेते हैं. 

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