भारत में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. पिछले 24 घंटे में भारत में कुल 773 नए केस रिपोर्ट किए गए हैं. इसी के साथ भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या 5,274 हो गई है. 149 लोगों की मौत इस बीमारी से हुई है और 411 लोग बीमारी से ठीक होकर अपने-अपने घर जा चुके हैं.


लेकिन बीमारी बढ़ती ही जा रही है और इसी वजह से आशंका जताई जा रही है कि 21 दिनों के लिए लगा लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ सकता है. यानि कि स्थितियां और ज्यादा खराब हो सकती हैं. लेकिन अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलेगा कि देश के कुल 736 जिलों में से 62 जिले ही ऐसे हैं, जहां कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव है. भारत में कोरोना के करीब 80 फीसदी से भी ज्यादा मरीज इन्हीं 62 जिलों से हैं.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश भर के 736 जिलों में से 274 जिलों में एक या एक से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव पेशेंट पाया गया है. 62 जिले ऐसे हैं, जिनमें कुल कोरोना पॉजिटिव पेशेंट का 80 फीसदी हिस्सा शामिल है. और इसी वजह से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अगर 15 अप्रैल से लॉकडाउन खत्म होता भी है तो इन 62 जिलों पर पाबंदियां लागू ही रहेंगी. और ये पाबंदियां लगाई जाएंगी भीलवाड़ा मॉडल की तर्ज पर.


भीलवाड़ा राजस्थान का एक जिला है, जहां पर कोरोना के ज्यादा के पाए गए थे और वो हॉट स्पॉट में तब्दील हो गया था. इसके बाद पूरे भीलवाड़ा जिले को ही सील कर दिया गया था. न तो जिले में बाहर से कोई आ सकता था और न ही जिले से बाहर कोई जा सकता था. नतीजा ये हुआ कि भीलवाड़ा में कोराना कंट्रोल हो गया. अब केंद्र सरकार इसी तर्ज पर सभी 62 जिलों को भी पूरी तरह से सील कर सकती है.


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 8 अप्रैल से इसकी शुरुआत भी कर दी है. उत्तर प्रदेश में 15 ऐसे जिले चिन्हित किए गए हैं, जो कोरोना के लिए हॉट स्पॉट हैं. योगी सरकार ने इन हॉट स्पॉट को पूरी तरह से सील करने का आदेश जारी कर दिया है. इसका मतलब ये है कि अब इन हॉट स्पॉट से अगले आदेश तक न तो कोई बाहर आ सकता है और न ही कोई बाहर से अंदर जा सकता है. दिल्ली में भी 20 इलाकों को सील कर दिया गया है.


अगर देश में प्रभावित जिलों की बात की जाए तो अंडमान निकोबार में 1, आंध्र प्रदेश में 11, अरुणाचल प्रदेश में 1, असम में 10, बिहार में 9, चंडीगढ़ में 1, छत्तीसगढ़ में पांच, दिल्ली में 11, गोवा में 2, गुजरात में 13, हरियाणा में 12, हिमाचल प्रदेश में 2, जम्मू-कश्मीर में 11, झारखंड में 3, कर्नाटक में 17, केरल में 14, लद्दाख में 2, मध्य प्रदेश में 9, महाराष्ट्र में 20, मणिपुर में 2, मिजोरम में 1, ओडिशा में पांच, पुणुचेरी में 2, पंजाब में 9, राजस्थान में 18, तमिलनाडु में 27, तेलंगाना में 23, उत्तर प्रदेश में 27, उत्तराखंड में पांच और पश्चिम बंगाल में 11 जिलों में कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं.


अब इनमें भी अगर सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों की बात की जाए तो अंडमान निकोबार का अंडमान जिला, आंध्र प्रदेश का गुंटुर, कृष्णा और नेल्लोर जिला, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, दिल्ली में सेंट्रल दिल्ली, ईस्ट दिल्ली, नई दिल्ली, शाहदरा, साउथ दिल्ली, साउथ ईस्ट, साउथ वेस्ट और वेस्ट दिल्ली, गुजरात में अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, भावनगर और राजकोट, हरियाणा का गुडगांव, जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर, बांदीपोरा और बारामुला, कर्नाटक में बीबीएमपी, बेंगलुरु शहरी और मैसूर, केरल में कासरगोडा, कन्नूर, एर्नाकुलम, तिरुअनंतपुरम, त्रिशुरू, पत्थनमिट्ठा, मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल, महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे, सांगली, थाणे और नागपुर, ओडिशा में खुर्दा, पंजाब में नावानशहर और सासनगर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा और टोंक, तमिलनाडु में चेन्नई, डिंडिगुल, इरोड, करुर, और कोयंबटूर, तेलंगाना में हैदराबाद, निजामाबाद, वारंगल और करीमनगर, उत्तर प्रदेश में आगरा, नोएडा, लखनऊ, मेरठ और सहारनपुर, उत्तराखंड में देहरादून और पश्चिम बंगाल में कोलकाता कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है.


अगर शुरुआत में ही इन 62 जिलों को एक साथ लॉकडाउन कर दिया गया होता तो शायद अभी हालात सुधरने शुरू हो गए होते और हम लॉकडाउन खोलने की कगार पर बढ़ रहे होते. लेकिन अभी के हालात देखकर तो यही लग रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लॉकडाउन की 21 दिन की मियाद पूरी होने के बाद भी इसे बढ़ा सकती हैं.