Mohammed Zubair Bail: ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर की जमानत के बाद भी फिलहाल आसान नहीं रिहाई, जानें क्यों?
Mohammad Zubair:ऑल्ट न्यूज को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) पर दर्ज 7 मामलों में एक मामले में उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई हैं, लेकिन ये जमानत उनके कोई काम नहीं आएगी.जानें ऐसा क्यों हैं.
Mohammad Zubair Bail: आसमान से गिरे और खजूर में अटके यह कहावत ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) वेबसाइट को-फाउंडर मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammad Zubair ) पर बिल्कुल सटीक बैठती है.उनके खिलाफ देश भर में धार्मिक भावनाओं को ठोस पहुंचाने जैसी धाराओं के तहत कुल सात मामले दर्ज हैं. इनमें से 6 मामले अकेले उत्तर प्रदेश में तो एक दिल्ली में दर्ज है. इन मामलों में से दिल्ली और यूपी के सीतापुर में दर्ज एक मामले में उनको जमानत मिल चुकी है. लेकिन ये जमानत उनके किसी काम नहीं आएगी.सात मामलों में उन्हें चार मामलों में हिरासत में लिया गया है. उनके लिए दिल्ली और सीतापुर में तो कुछ राहत मिली है, लेकिन जब-तक उन्हें यूपी के लखीमपुर खीरी और हाथरस केस में जमानत नहीं मिल जाती उनका जेल से बाहर आना नामुमकिन ही है.जब तक मोहम्मद जुबैर पर दर्ज सभी एफआईआर के एकसाथ सुनवाई का आदेश नहीं आ जाता तब-तक उनसे जेल से बाहर आना टेढ़ी खीर है. पहली बार जुबैर को 27 जून 2022 को उनके 2018 में किए गए एक ट्वीट पर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.बाद में यूपी पुलिस में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में उनको रिमांड पर लिया था.
जुबैर पर कितने हैं मामले दर्ज
ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) मोहम्मद जुबैर पर यूपी में छह तो दिल्ली में एक एफआईआर दर्ज हैं. यूपी में सीतापुर, हाथरस, लखीमपुर, खीरी, गाजियाबाद और मुज्जफर नगर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं. इनमें से चार मामलों में उन्हें हिरासत में लिया गया है.इनमें दिल्ली,सीतापुर, हाथरस और लखीमपुर खीरी के मामले हैं. हिरासत वाले चार मामलों में से सीतापुर और अब दिल्ली मामले में उनको जमानत मिल चुकी है, लेकिन इसके बाद भी उनका जेल से निकलना तभी संभव हो पाएगा, जब उन्हें लखीमपुर खीरी और हाथरस केस में भी जमानत मिलेगी.हालांकि जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली है. इसमें उन्होंने यूपी में उन पर दर्ज 6 एफआईआर को रद्द करने की अपील के साथ ही यूपी में उनके खिलाफ गठित एसआईटी की (SIT) को चुनौती दी है.
दिल्ली में दर्ज केस में मिली जमानत
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर को दिल्ली में दर्ज केस में शुक्रवार 15 जुलाई को राहत मिल गई है.पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जांगला की अदालत ने जुबैर को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया है.हालांकि अदालत ने कहा कि वह न्यायिक अधिकारी की पहले से अनुमति लिए बगैर देश नहीं छोड़ सकते हैं. हालांकि उनकी जमानत का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया था. इससे पहले गुरुवार 14 जुलाई को अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.उन्होंने सोमवार 11 जुलाई दिल्ली की अदालत में यह जमानत याचिका दायर की थी.यह एफआईआर मोहम्मद जुबैर के साल 2018 के ट्वीट पर दर्ज हुई थी. इसमें एक वीडियो में एक पुरानी हिंदी फिल्म में दिखाए गए हनीमून होटल (Honeymoon Hotel) का नाम बदलकर हनुमान होटल कर दिया था.
Here is another video of 'Mahant' Bajrang Muni abusing and threatening Muslims. @sitapurpolice@Uppolice https://t.co/BndaJh4QdG pic.twitter.com/FlsM5HBerZ
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 8, 2022
बीते हफ्ते सीतापुर में मिली जमानत
पहली बार जुबैर को 27 जून 2022 को उनके 2018 में किए गए एक ट्वीट पर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया. इस ट्वीट के जरिए दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके एक हफ्ते बाद ही उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस ने ट्विटर पर साधुओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनका रिमांड मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को सीतापुर वाले मामले में जुबैर को पांच दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी. यह जमानत उन्हें जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने दे दी थी. उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वो आगे कोई ट्वीट नहीं करेंगे.इसके बाद जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीतापुर मामले में उनकी अंतरिम जमानत 12 जुलाई को अगले आदेश तक बढ़ा दी थी. कोर्ट ने यूपी सरकार को 4 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी.
Alt News co-founder Mohammed Zubair sent to 14-day judicial custody after he appeared before Hathras court after 2 cases were registered against him in the district in 2018 pic.twitter.com/nOoj5Ou8lN
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 14, 2022
हाथरस कोर्ट में खारिज हुई जमानत अर्जी
उधर गुरुवार 14 जुलाई को हाथरस कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ जिले में 2018 में दर्ज दो मामलों में सुनवाई की. उन पर यह मामले धार्मिक भावना भड़काने पर दर्ज किए गए थे. इन मामलों पर पर कोर्ट ने 27 जुलाई तक जुबैर को न्यायिक हिरासत में भेजने के साथ ही उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. उन्हें 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में भेजा गया. यहां जुबैर पर नूपुर शर्मा (Nupur Shrama) की एक "संपादित क्लिप" ट्वीट करने को लेकर मामला दर्ज है.
RW propaganda channel @SudarshanNewsTV has used a pic of Al Masjid an Nabawi from Madina, superimposed it with an old pic from Ghaza, with graphics bombing the Mosque.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) May 15, 2021
Is this reporting or trying to incite violence. Hope @Uppolice @noidapolice @dgpup takes action. pic.twitter.com/CE4BnGtT5k
लखीमपुर खीरी में भी नहीं मिली राहत
लखीमपुर खीरी पुलिस ने जुबैर के खिलाफ 2021 में दुश्मनी को बढ़ावा देने पर दर्ज एक एफआईआर के तहत अदालत में पेश होने के लिए वारंट भेजा था. उनके खिलाफ यह मामला 25 नवंबर को एक लोकल पत्रकार ने दर्ज किया था. पत्रकार ने अपने चैनल के इसराइल-फिलिस्तीन विवाद के कवरेज के बारे में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए यह मामला दर्ज कराया था. इसी को लेकर लखीमपुर खीरी की एक अदालत ने उन्हें तलब किया था.सोमवार 11 जुलाई को जुबैर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुए थे.अभियोजन पक्ष ने उनकी पुलिस हिरासत की मांग की थी और अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
गाजियाबाद में भी केस
यूपी में छठा मामला गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाने का है. जो जून 2021 में दायर किया गया था. इसमें जुबैर के अलावा द वायर पत्रकार सबा नकवी और राणा अय्यूब और ट्विटर शामिल हैं. यह एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की दाढ़ी को जबरन काटे जाने और उसे पीटे जाने को लेकर है. शुरुआत में, बुजुर्ग व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसके हमलावरों द्वारा उसे "जय श्री राम" बोलने के लिए मजबूर किया गया था. लेकिन उनका बयान संदेह के घेरे में आया जब पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों को यह दावा करते हुए गिरफ्तार किया कि उन्होंने एक स्थानीय विवाद को लेकर बुजुर्ग व्यक्ति को निशाना बनाया था. इस मामले में जुबैर और सह-आरोपियों ने बुजुर्ग व्यक्ति के शुरुआती बयान की सूचना दी थी, इसलिए पुलिस ने उन पर घटना को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया.
यूपी में एसआईटी गठित
ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) पर यूपी में छह मामले दर्ज हैं. ये मामले यूपी के सीतापुर (Sitapur), लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Khiri), हाथरस (Hathras) और मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में मामले दर्ज हैं. इनकी जांच के लिए यूपी सरकार ने एसआईटी (SIT) गठित की है. यह आईजी प्रीतिंदर सिंह (Dr Preetinder Singh)की अध्यक्षता में जांच को अंजाम देगी. इस टीम में डीआईजी अमित कुमार वर्मा भी शामिल हैं.
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