मुख्यमंत्री रहते इन बड़े नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, कुछ सालों बाद कई गए जेल
Corruption Allegations Against CM's: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने पूछताछ की, विपक्षी नेता उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
Corruption Allegations Against CM's: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शराब घोटाला मामले को लेकर लंबी पूछताछ हुई. सीबीआई ने केजरीवाल पर लगे आरोपों को लेकर ये पूछताछ की, जिसके बाद आम आदमी पार्टी देशभर में इसे लेकर प्रदर्शन कर रही है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी मुख्यमंत्री पर ऐसे आरोप लगे हों, पहले भी देश में कई मुख्यमंत्रियों पर गंभीर आरोप लगे और इनमें से कुछ नेताओं को बाद में जेल की हवा तक खानी पड़ी. आज हम आपको ऐसे ही नेताओं के बारे में बता रहे हैं जिन्हें मुख्यमंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार के मामलों का सामना करना पड़ा.
शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सीबीआई की तरफ से समन किया गया था. जिसके बाद वो पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर पहुंचे. जहां सीबीआई ने करीब 9 घंटे तक उनसे सवाल पूछे. इस मामले में पहले ही दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हो चुकी है. जिसके बाद अब सीएम केजरीवाल से पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि केजरीवाल को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
भ्रष्टाचार के मामले में फंसे बीएस येदियुरप्पा
साल 2021 में जब बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे, तब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला चल रहा था. तब येदियुरप्पा पर कथित जालसाजी मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाने की इजाजत दी थी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आप एक मौजूदा मुख्यमंत्री हैं, आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट कौन जारी कर सकता है. इस मामले में येदियुरप्पा और उनके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे. आरोप था कि बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के ठेके दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की रिश्वतखोरी हुई.
शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे ओपी चौटाला
हरियाणा में 1999 से लेकर 2000 के बीच शिक्षक भर्ती को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया था. जिसमें करीब 3 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई थी. इस बड़े घोटाले का खुलासा शिक्षा विभाग के ही एक अधिकारी ने किया था. इस दौरान ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने केस दर्ज किया. तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला पर आरोप था कि उन्होंने लिस्ट बदलवा दी थी. बाद में ये आरोप साबित भी हो गए. इसमें बताया गया कि भर्ती के लिए हर उम्मीदवार से 5 लाख रुपये तक लिए गए थे. इस मामले में ओपी चौटाला और उनके बेटे समेत कई लोगों को दोषी करार दिया गया था.
चारा घोटाला और लालू प्रसाद यादव
बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले का आरोप लगा था. उन पर आरोप था कि उन्होंने चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 68 लाख रुपये का गबन किया. चारा घोटाला में इसी तरह के तीन और मामले थे. ये पूरा घोटाला 900 करोड़ रुपये से ज्यादा का था. पहली बार 1996 में चारा घोटाला सामने आया था. तब बताया गया कि पशुपालन विभाग में करोड़ों का घोटाला हुआ है. मवेशियों के चारे के लिए केंद्र सरकार से जो पैसा आता था उसके गबन का आरोप लगाया गया. कई सालों तक ये मामला चला और लालू यादव को दोषी करार दिया गया. इसी घोटाले के अलग-अलग मामलों में लालू यादव सजा काट रहे हैं. इस घोटाले में नेताओं, अफसरों से लेकर चारा सप्लाई करने वाले लोगों के नाम शामिल थे.
मधु कोड़ा और कोयला घोटाला
झारखंड के मुख्यमंत्री रहे मधु कोड़ा का नाम कोयला घोटाले से जुड़ा था. उन पर आरोप था कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते कोल ब्लॉक का आवंटन अनियमित तरीके से किया. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार समेत अन्य मामले दर्ज हुए. मामला कई सालों तक चला और आखिरकार 2017 में उन्हें कोयला घोटाला मामले में दोषी करार दे दिया गया. इससे पहले वो आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल जा चुके थे. ईडी ने 2009 में उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया था. कोड़ा को 2006 में मुख्यमंत्री बनाया गया था, जब वो एक निर्दलीय विधायक थे. उन्होंने 23 महीने तक मुख्यमंत्री के तौर पर काम किया, जो बतौर निर्दलीय विधायक एक रिकॉर्ड है.
जयललिता की आय से अधिक संपत्ति
आय से अधिक संपत्ति के मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को चार साल की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. उनके खिलाफ आरोप था कि उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री रहते हुए 67 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की थी. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. स्पेशल कोर्ट की तरफ से सुनाई गई इस सजा के बाद जयललिता हाईकोर्ट गईं, जहां से उन्हें राहत मिली.
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