एक्सप्लोरर

कांग्रेस-लेफ्ट के गढ़ केरल में सेंधमारी करना बीजेपी के लिए कितना मुश्किल, जानें क्या है राज्य का चुनावी गणित

BJP Mission South: बीजेपी के मिशन साउथ के तहत पीएम मोदी दो दिन पहले केरल पहुंचे थे. जहां उन्होंने तिरुवनंतपुरम में एक बड़ा रोड शो किया. इस रोड शो के दौरान पीएम वहां की पारंपरिक वेश-भूषा में दिखे.

मिशन साउथ के तहत बीजेपी ने दक्षिण भारत के तमाम राज्यों में अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है. फिर चाहे कर्नाटक हो, तेलंगाना हो या फिर केरल... पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं की नजर इन राज्यों पर टिकी है. जेपी नड्डा और अमित शाह के नेतृत्व में इसके लिए पूरी रणनीति भी तैयार हो चुकी है, जो हमें अब देखने को मिल रही है. हाल ही में अमित शाह का तेलंगाना में मुस्लिम रिजर्वेशन को खत्म करने का ऐलान इसी का एक उदाहरण है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तुरवनंतपुरम में रोड शो किया और राज्य के लिए करोड़ों की परियोजनाएं शुरू कीं. केरल दक्षिण का ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी किसी भी हाल में घुसपैठ करना चाहती है, इसके लिए अब ईसाई और मुस्लिम वोटों को साधने की कोशिश हो सकती है. आइए जानते हैं कि केरल जैसे राज्य में बीजेपी क्या संभावनाएं तलाश रही है और यहां का चुनावी गणित क्या है. 

पीएम मोदी का अचानक चर्च पहुंचना
पीएम मोदी और अमित शाह अगर कुछ भी कहते हैं या करते हैं तो इसके पीछे कोई बड़ा कारण होता है. ठीक इसी तरह जब 9 जनवरी को ईस्टर के मौके पर पीएम मोदी अचानक दिल्ली के सेक्रेड कैथेड्रल कैथोलिक चर्च पहुंचे तो उन्होंने सभी को चौंका दिया. बाद में इस कदम को केरल से जोड़ा गया, जहां ईसाईयों की आबादी काफी ज्यादा है. कहा गया कि पीएम मोदी साउथ में भगवा लहराने के लिए अल्पसंख्यकों की आउटरीच को बढ़ा रहे हैं. पीएम के इस कदम को बीजेपी की हिंदुत्ववादी छवि को तोड़ने वाला भी बताया गया. यानी बीजेपी अब सिर्फ हिंदू वोटर्स तक सीमित न रहकर सभी वर्गों में अपना वोट बैंक बनाने की कोशिश कर रही है. 

केरल में रोड शो और परियोजनाओं की शुरुआत
बीजेपी के मिशन साउथ के तहत पीएम मोदी दो दिन पहले केरल पहुंचे थे. जहां उन्होंने तिरुवनंतपुरम में एक बड़ा रोड शो किया. इस रोड शो के दौरान उन्होंने अपने काफिले से उतरकर पैदल चलने का फैसला किया, इस दौरान पीएम मोदी को साउथ इंडियन लिबास में देखा गया. इसके अलावा पीएम ने कई बड़े चर्चों के पादरियों से भी मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में राज्य के लोग बीजेपी को स्वीकार करेंगे. इसके लिए उन्होंने गोवा, मेघालय और नागालैंड जैसे राज्यों का उदाहरण दिया, जहां बड़ी ईसाई आबादी है और उसके बावजूद बीजेपी को सियासी जमीन मिल गई. 

बीजेपी के लिए क्यों जरूरी हैं ईसीई-मुस्लिम वोट
एक तरफ जहां बीजेपी कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में खुलकर मुस्लिम आरक्षण पर कैंची चलाने की बात कर रही है, वहीं केरल में ऐसा कुछ कहना पार्टी के लिए घातक हो सकता है. क्योंकि यहां की सत्ता के रास्ते को ईसाई और मुस्लिम वोट ही तय करते हैं. बीजेपी आलाकमान को ये अच्छी तरह से पता है. यही वजह है कि जब 2020 में केरल लोकल बॉडी के इलेक्शन हुए थे तो बीजेपी की तरफ से 600 से ज्यादा मुस्लिम और ईसाई उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया था. हालांकि इसमें मुस्लिमों की संख्या 112 ही थी. बाकी ईसीई समुदाय के उम्मीदवार थे. 

अल्पसंख्यकों को लेकर क्यों मजबूर है बीजेपी
अब सवाल ये है कि जो बीजेपी नॉर्थ के सभी राज्यों में किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को उतारने में यकीन नहीं रखती है और इसे खुलकर डिफेंड भी करती है, उसके लिए केरल में क्या मजबूरियां हैं. इसका सीधा जवाब ये है कि केरल में मुस्लिम और ईसाई समुदाय की आबादी 45 फीसदी है. जिसमें बीजेपी पिछले कई दशकों में सेंध नहीं लगा पाई. अब भगवा पार्टी के चुनावी पंडितों का मानना है कि इस 45 फीसदी के बिना केरल में घुसना मुमकिन नहीं है. क्योंकि हिंदू वोटों का कितना भी ध्रुवीकरण हो जाए ये बीजेपी को जीत तक नहीं पहुंचा सकते हैं. हिंदू वोटों के बड़े हिस्से पर कांग्रेस और लेफ्ट का भी कब्जा है. ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों को लुभाने की हर कोशिश की जा रही है.   

केरल में क्या है वोटों का समीकरण 
केरल में बीजेपी के लिए जगह बना पाना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि यहां कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और लेफ्ट-सीपीएम के एलडीएफ का अपना-अपना मजबूत वोट बैंक है. जिस 45 फीसदी वोट बैंक की हमने बात की, यानी अल्पसंख्यक वोट बैंक कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ का माना जाता है. ईसाई और मुस्लिम ज्यादातर इसी फ्रंट को चुनते हैं. वहीं केरल की पिछड़ी जातियों में लेफ्ट का काफी ज्यादा प्रभाव माना जाता है. केरल में हिंदू वोट करीब 55 फीसदी है, जिनके वोट एलडीएफ और यूडीएफ के बीच बंटे हुए हैं. 

पिछले चुनावों में बीजेपी का केरल के नायर समुदाय में वोट बैंक बढ़ा है. सबरीमाला के मुद्दे के बाद से ही ये समुदाय बीजेपी की तरफ झुकता नजर आया. केरल की कुल आबादी में नायर समुदाय करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी रखता है. इसमें केरल के अपर कास्ट हिंदू आते हैं. इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाले एझवा समुदाय भी काफी अहम भूमिका निभाता है. इसकी केरल में कुल आबादी करीब 28 फीसदी है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन खुद इस समुदाय से आते हैं. यानी विजयन का ये पारंपरिक वोट बैंक है. इसीलिए इस पर सीपीएम का एकाधिकार माना जाता है. 

केरल में क्यों अछूत है बीजेपी
पिछले कई दशकों में बीजेपी ने दक्षिण भारत के केरल जैसे बड़े राज्य में घुसने की हर कोशिश की, इसके लिए पार्टी ने पूरा दमखम लगा दिया, लेकिन हर बार सूपड़ा साफ हुआ. जबकि केरल में पिछले करीब 80 साल से आरएसएस लगातार काम कर रहा है. देश के बाकी राज्यों में भी आरएसएस कार्यकर्ता और नेता बीजेपी के लिए जमीन बनाने का काम करते आए हैं और कई जगह पार्टी को सफलता भी हाथ लगी है. लेकिन केरल में अब तक कोई करिश्मा नहीं दिखा है. 2016 में मिली एक सीट (नेमम) को छोड़ दें तो बीजेपी का राज्य में कभी खाता ही नहीं खुला. 

केरल की राजनीति को जानने वाले बीजेपी की हार का कारण केरल की साक्षरता दर को भी मानते हैं. उनका कहना है कि केरल में देश के बाकी राज्यों के मुकाबले ज्यादा पढ़े-लिखे लोग हैं, जो किसी भी मुद्दे पर भावनाओं में बहकर वोट नहीं करते हैं. लोगों को हर विषय की अच्छी जानकारी होती है और वो स्पष्ट होते हैं कि उन्हें कहां और किसे वोट करना है. 

बीजेपी के लिए ध्रुवीकरण ही विकल्प
अब केरल में बीजेपी हर समुदाय में ध्रुवीकरण की तरफ देख रही है. हिंदू वोटों में ध्रुवीकरण करने में पार्टी कहीं न कहीं कामयाब भी रही है. बीजेपी कहीं न कहीं खुद को तीसरे मोर्चे के तौर पर स्थापित करने में कामयाब रही है. हालांकि ये उतनी संख्या में नहीं है, जिनती पार्टी को जरूरत थी. अब बीजेपी के सामने दो विकल्प हैं, पहला तो वो हिंदू वोटर (55%) का पूरी तरह ध्रुवीकरण कर अपना जनाधार बनाए, वहीं दूसरा विकल्प ये है कि वो अल्पसंख्यक वोट बैंक (45%) में सेंधमारी कर अपने लिए जमीन बनाने का काम करे. मुस्लिम वोटों से पार्टी को ज्यादा उम्मीद नहीं है, लेकिन ईसाई वोटर्स को अपने पाले में खींचने की पूरी कोशिश हो रही है. ईसाई वोटों को कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ से तोड़कर अब बीजेपी अपने पाले में खींच रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए आरएसएस के बड़े नेताओं को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है. जो चर्च के बड़े नेताओं से लगातार बातीचत में जुटे हैं. 

ये भी पढ़ें - कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना में BJP ने मुस्लिम आरक्षण पर खेला दांव, जानें कितनी हकीकत कितना फसाना

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

क्या एकनाथ शिंदे में है महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनने का दम? जानें क्यों चर्चा में है 'बिहार मॉडल'
क्या एकनाथ शिंदे में है महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनने का दम? जानें क्यों चर्चा में है 'बिहार मॉडल'
संभल हिंसा: डीएम बोले- 'उन्हें सर्वे की सूचना नहीं दी गई, मैंने अनुमति नहीं दी'
संभल हिंसा: डीएम बोले- 'उन्हें सर्वे की सूचना नहीं दी गई, मैंने अनुमति नहीं दी'
IPL 2025 Mega Auction: राजस्थान रॉयल्स ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, वैभव सूर्यवंशी पर लगाया बड़ा दांव
राजस्थान ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, कम उम्र में जड़ चुका है शतक
केंद्र सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगात, इन रेलवे प्रोजेक्ट को दिखाई हरी झंडी; जानें कैबिनेट के बड़े फैसले
केंद्र सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगात, इन रेलवे प्रोजेक्ट को दिखाई हरी झंडी; जानें कैबिनेट के बड़े फैसले
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Masjid Clash: सर्वे की जल्दबाजी से संभल में हिंसा? Chitra Tripathi के साथ सबसे बड़ी बहसGehna Zevar Ya Zanjeer: 😱 Gehna trapped in Alia and Shakti Singh's web, will Ayushman believe?Jammu Protest: वैष्णो देवी रोप-वे प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों ने किया जमकर हंगामाSambhal Masjid Clash: संभल में कहां से आए इतने पत्थर? SP नेता Manoj Kaka का सन्न करने वाला जवाब

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
क्या एकनाथ शिंदे में है महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनने का दम? जानें क्यों चर्चा में है 'बिहार मॉडल'
क्या एकनाथ शिंदे में है महाराष्ट्र के नीतीश कुमार बनने का दम? जानें क्यों चर्चा में है 'बिहार मॉडल'
संभल हिंसा: डीएम बोले- 'उन्हें सर्वे की सूचना नहीं दी गई, मैंने अनुमति नहीं दी'
संभल हिंसा: डीएम बोले- 'उन्हें सर्वे की सूचना नहीं दी गई, मैंने अनुमति नहीं दी'
IPL 2025 Mega Auction: राजस्थान रॉयल्स ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, वैभव सूर्यवंशी पर लगाया बड़ा दांव
राजस्थान ने 13 साल के खिलाड़ी को बनाया करोड़पति, कम उम्र में जड़ चुका है शतक
केंद्र सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगात, इन रेलवे प्रोजेक्ट को दिखाई हरी झंडी; जानें कैबिनेट के बड़े फैसले
केंद्र सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगात, इन रेलवे प्रोजेक्ट को दिखाई हरी झंडी; जानें कैबिनेट के बड़े फैसले
आने वाली हैं ये 6 लाइव एक्शन फिल्में, फटाफट नोट कर लें तारीख
आने वाली हैं ये 6 लाइव एक्शन फिल्में, फटाफट नोट कर लें तारीख
सर्दियों में बच्चे पड़ते हैं बार-बार बीमार, तो उनके लंच बॉक्स में दें ये 4 हेल्दी रेसीपी
बच्चे पड़ते हैं बार-बार बीमार, तो उनके लंच बॉक्स में दें ये हेल्दी रेसीपी
हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर के लिए तैयार हुआ इजरायल! पीएम नेतन्याहू ने रखी ये शर्त
हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर के लिए तैयार हुआ इजरायल! पीएम नेतन्याहू ने रखी ये शर्त
8GB RAM और 108MP कैमरा के साथ लॉन्च हुआ HMD Fusion स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और कीमत
8GB RAM और 108MP कैमरा के साथ लॉन्च हुआ HMD Fusion स्मार्टफोन, जानें फीचर्स और कीमत
Embed widget