Covid-19 Booster Dose in India: कोरोना महामारी से जंग अभी तक खत्म नहीं हुई है. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के नए मामलों में एक बार फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है. देश में कोविड-19 (Covid-19) के दैनिक मामलों की संख्या एक महीने पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई है. 12 जून को देश में कोरोना के 8582 नए मामले सामने आए. कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से एक बार फिर से लोगों के बीच डर का माहौल बनने लगा है. इस बीच वैक्सीनेशन (Vaccination) अभियान भी तेजी से जारी है. लोगों को बूस्टर खुराक (Booster Dose) भी दी जा रही है.
कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी के बीच कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक की खपत में भी वृद्धि देखी जा रही है. बूस्टर शॉट यानी कोविड-19 वैक्सीन की तीसरी खुराक. इसे देश में एहतियाती या प्रिकॉशन डोज (Precaution Dose) भी कहा जाता है. कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक के 9 महीने बाद बूस्टर डोज दिया जाता है. 10 अप्रैल को केंद्र सरकार ने 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए निजी केंद्रों पर बूस्टर खुराक को मंजूरी दी थी.
क्या बूस्टर खुराक की मांग बढ़ी?
कोरोना के दैनिक मामलों में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. 12 जून को देश में कोरोना के 8,582 नए केस सामने आए. हालांकि इस दौरान कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 4435 रही. अब बूस्टर खुराक की मांग भी तेजी से बढ़ी है. बूस्टर खुराक की मांग अप्रैल में कुछ समय के लिए बढ़कर 10 लाख से 15 लाख शॉट्स प्रति सप्ताह हो गई, जो महीने के अंत तक कम हो गई. मई के मध्य से दैनिक मामलों में वृद्धि के साथ, बूस्टर शॉट्स की मांग फिर से बढ़ी. 21 मई से 28 मई के बीच 21.08 लाख खुराक का आंकड़ा छू लिया.
कोरोना के मामलों में तेजी से फिर बढ़ी चिंता
लोग अब तीसरी खुराक का विकल्प चुन रहे हैं. महाराष्ट्र में राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ सचिन देसाई का कहना है कि मार्च या अप्रैल में हमने जो देखा, उससे अधिक मांग है. रोजाना टीकाकरण का 30% -40% बूस्टर खुराक है. हालांकि कुछ डॉक्टरों का मानना है कि अब तक प्राकृतिक और वैक्सीन-प्रेरित दोनों तरह की प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगी.
बूस्टर खुराक जरूरी क्यों है?
कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान जारी है. इस बीच बूस्टर डोज भी दिए जा रहे हैं. ऐसा देखा जाता रहा है कि कोरोना के टीके गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में प्रभावी रहे हैं. मेडिकल एजेंसी सीडीसी के मुताबिक एक समय बाद इन टीकों की सुरक्षा कम हो सकती है. शोध से पता चला है कि बूस्टर डोज न सिर्फ प्रतिरक्षा को बढ़ाता है बल्कि ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के खिलाफ भी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को व्यापक और मजबूत करने में सहायता करता है. ऐसे में बूस्टर डोज लेने से इस गंभीर बीमारी के खिलाफ सुरक्षा मजबूत होती है.
किसके लिए बूस्टर खुराक?
भारत में तो अब 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए बूस्टर खुराक की मंजूरी अप्रैल से ही मिल गई है और लोग बूस्टर डोज ले भी रहे हैं. कोरोना वैक्सीन की प्रिकॉशन यानी बूस्टर डोज लगवाने की सुविध प्राइवेट सेंटरों पर उपलब्ध है. इस खुराक को वही व्यस्क लगवा सकेंगे जिनको दूसरी डोज लगवाए हुए 9 महीने पूरे हो गए हैं. पहले ये सिर्फ 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी, अग्रिम मोर्चे में शामिल कार्यकर्ताओं को दी जा रही थी. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजिस्ट और प्रोफेसर डॉ गगनदीप कांग का कहना है कि इस समय बूस्टर उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो स्वाभाविक रूप से संक्रमित नहीं थे और पहले ही टीके की दो खुराक ले चुके हैं. कांग के मुताबिक युवाओं को तुरंत बूस्टर खुराक की आवश्यकता नहीं होती है. वरिष्ठ नागरिकों में, तीन शॉट पर्याप्त हो सकते हैं.
बूस्टर डोज के लिए क्या-क्या विकल्प?
देश में बूस्टर डोज (Booster Shot) लगाने को लेकर लोग अब जागरूक दिख रहे हैं. हालांकि देश में बूस्टर डोज के ज्यादा विकल्प नहीं हैं. जिन लोगों को प्राथमिक टीकाकरण के रूप में कोवैक्सिन या कोविशील्ड मिला है, उन्हें बूस्टर के समान टीका मिलेगा. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर ने 200 प्रतिभागियों को शामिल करते हुए एक अध्ययन का डेटा प्रस्तुत किया. जहां कोवैक्सिन की दो खुराक लेने वालों को बूस्टर के रूप में कोविशील्ड दिया गया था अध्ययन में पाया गया कि कोविशील्ड को कोवैक्सिन या कोविशील्ड की दो खुराकों के बाद बूस्टर के रूप में दिए गए लोगों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया मिली.
5 जून को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 साल और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए देश की पहली हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक के रूप में एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन कॉर्बेवैक्स (Corbevax) को मंजूरी दी. कॉर्बेवैक्स बूस्टर खुराक (Booster Dose) को कोरोना वैक्सीन के दूसरे शॉट के 6 महीने बाद दिया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: