कर्नाटक: कांग्रेस के 5 वादों पर सीएम सिद्धारमैया की मुहर, जानिए सरकारी खजाने पर कितने हजार करोड़ का आएगा बोझ?
सरकार बनकर फ्लोर पर आते ही कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने पहली कैबिनेट बैठक बुलाई और चुनाव प्रचार के दौरान की गई पांच गारंटी को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
कर्नाटक में सिद्धारमैया ने बीते शनिवार यानी 20 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. सिद्धारमैया ने सीएम बनने के साथ ही उन वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है जो कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान किए थे. सीएम सिद्धारमैया ने पहली कैबिनेट बैठक बुलाई और चुनाव प्रचार के दौरान की गई पांच गारंटी को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी.
कल्याणकारी योजनाओं से जुड़े ये पांच ऐलान जनता को राहत जरूर पहुंचाएंगे लेकिन इनको लागू करना आसान नहीं है. इन योजनाओं का बोझ सरकारी खजाने पर पड़ने वाला है. सीएम सिद्धारमैया के ही अनुमान को मानें तो कम से कम 50,000 करोड़ का खर्चा इन पांच योजनाओं को लागू करने में आने वाला है.
शपथ लेने के बाद सिद्धारमैया ने क्या कहा
सीएम सिद्धारमैया ने राज्य के मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद कहा, "हम हमारी जनता को बिल्कुल वैसा ही प्रशासन देंगे जिसकी हमसे अपेक्षा की जाती है.
उन्होंने उसी समारोह में ऐलान कर दिया था कि कैबिनेट की बैठक में पांच गारंटी पारित की जाएगी. वहीं शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम बने सिद्धारमैया ने विधानसभा में पहली कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस की पांच गारंटी को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी.
क्या है ये पांच वादे
- गृहलक्ष्मी- कांग्रेस ने पहले वादे में घर की महिला प्रमुख को 2000 रुपये मासिक भत्ता देने का वादा किया था.
- गृह ज्योति- पार्टी का दूसरा वादा था कि अगर वह सत्ता में आती है तो राज्य के बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त मुहैया करवाएगी.
- अन्न भाग्य- तीसरा वादा ये किया गया था कि बीपीएल परिवार यानी गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवार को 10 किलोग्राम चावल दिया जाएगा.
- शक्ति- कांग्रेस ने चौथा वादा किया था कि उनकी सरकार आने के बाद राज्य की हर महिला को सरकारी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा मिलेगी.
- युवा निधि- बेरोजगार ग्रेजुएट को दो साल तक 3,000 रुपये प्रति महीना और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये प्रति महीना दिया जाएगा.
इन वादों को पूरा करने में कितना खर्च होगा
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि इन योजनाओं पर कितना खर्च हो जाएगा इसका शुरुआती अनुमान लगाया गया है. अनुमान के अनुसार चुनावी वादों को पूरा करने से सरकारी खजाने पर हर साल 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. हालांकि सीएम ने ये भी कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमारी सरकार के लिए एक साल में 50,000 करोड़ रुपये जुटाना असंभव है.
सबसे पहले इस योजना को किया जाएगा लागू
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि इन पांच गारंटी योजनाओं में से सबसे पहले गृह ज्योति योजना को लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत राज्य के बीपीएल यानी गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त होगी. इस योजना को लागू करने के लिए सरकारी खजाने से 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं अगर बेंगलुरु शहर के बिजली बिल को आधार मानें तो इस योजना को पूरा करने में सरकार को सालाना 19,018 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे.
गृह लक्ष्मी योजना पर कितना होगा खर्च
गृह ज्योति योजना के लागू करने के बारे में बात करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गृह लक्ष्मी योजना पर भी काम चल रहा है. इस योजना में घर की महिला प्रमुख को 2,000 रुपये दिए जाने का प्लान है. अगर इस योजना पर होने वाले खर्च को देखें तो कर्नाटक में 1.31 करोड़ घर हैं. ऐसे में इन सभी घरों की एक महिला को 2000 की राशि देने पर सरकार का करीब 31,680 करोड़ रुपए खर्च आएगा.
युवा निधि योजना में कितना आएगा खर्च
इसी कड़ी में एक और योजना है बेरोजगार स्नातकों को इस शैक्षणिक वर्ष से दो साल के लिए हर महीने 3,000 रुपये दिया जाना. ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2020-21 के अनुसार कर्नाटक में कुल 18.12 लाख अंडर ग्रेजुएट छात्र हैं. अगर हर लगभग 6 लाख छात्र भी फाइनल ईयर की परीक्षा पास करते हैं. तो इस स्कीम के तहत इन्हें आने वाले दो साल के लिए 3 हजार रुपये दिये जाएंगे और इसमें लगभग 4,320 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से खर्च होगा.
अन्न भाग्य योजना को पूरा करने में कितना आएगा खर्च
चुनाव प्रचार के दौरान डीके शिवकुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो पार्टी बीपीएल परिवारों को दिए जाने वाले चावल की मात्रा को दोगुना करके 10 किलो कर देगी. सीएम सिद्धारमैया ने कहा, "हम कर्नाटक को भूख मुक्त राज्य बनाना चाहते हैं." अन्ना भाग्य योजना के तहत कर्नाटक के बीपीएल परिवार यानी गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवार को 10 किलोग्राम चावल दिया जाएगा.
हालांकि उस वक्त बीजेपी ने कांग्रेस पर झूठा वादा करने का आरोप लगाते हुए कहा था वर्तमान में बीजेपी कर्नाटक के बीपीएल परिवारों को 5 किलो चावल वितरित कर रही है लेकिन इसमें ही सरकारी खजाने का लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च हो जा रहा है. ऐसे में अगर वर्तमान की सिद्धारमैया सरकार 10 किलो चावल देता है तो पार्टी को 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में सिद्धारमैया ने किया लोगों का धन्यवाद
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शपथ ग्रहण के बाद राज्य की सभी जनता का धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद के बिना राज्य में कांग्रेस सत्ता में नहीं आ पाती. इसके साथ ही सिद्धारमैया ने 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का श्रेय कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार मुहिम राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से शुरू हो गई थी. मैं राहुल और प्रियंका वाड्रा के साथ कांग्रेस के लिए प्रचार करने वाले सभी नेताओं को धन्यवाद देता हूं.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए आए सभी दलों के नेताओं और कांग्रेस के मुख्यमंत्री के मंच से जाने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ''आपने अपना प्यार और अपनी शक्ति कांग्रेस पार्टी को दी, हम इस बात को कभी नहीं भूलेंगे. ये सरकार दिल से आपके लिए काम करेगी. हम झूठे वादे नहीं करते. हम वादे पूरे करेंगे.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास पैसे, पावर, पुलिस और बाकी सब कुछ था लेकिन हमारे साथ सच और ग़रीब थे. कर्नाटक के लोगों ने उन्हें रोक दिया. आपने उनके भ्रष्टाचार को हराया. आपने नफरत को हराया. नफरत हार गई. प्यार जीत गया. नफरत के बाज़ार में कर्नाटक के लोगों ने प्यार की दुकान खोल दी."
शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन आया?
शपथ समारोह विपक्ष के कई प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में आयोजित हुआ. कांग्रेस ने इस कार्यक्रम के माध्यम से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
कब आए नतीजे
10 मई को कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर 72.82 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे और 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए. जिसमें कांग्रेस ने जहां बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 135 सीटों पर जीत हासिल किया तो वहीं बीजेपी को महज 66 सीटों से पराजय का सामना करना पड़ा. जबकि किंगमेकर कहे जाने वाले देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस को सिर्फ 19 सीटों से काम चलाना पड़ा.
कांग्रेस की जीत पर पीएम मोदी ने क्या कहा
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इस मौको पर कांग्रेस को बधाई दी. उन्होंने कहा. 'मैं कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए बधाई देता हूं. मैं उन्हें जनता की उम्मीदों को पूरा करने की शुभकामनाएं देता हूं.'
प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि मैं बीजेपी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने कर्नाटक चुनाव में बीजेपी का समर्थन किया. मैं बीजेपी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत को सलाम करता हूं. आने वाले समय में हम कर्नाटक की अब और ज्यादा तत्परता के सेवा करेंगे.
हिमाचल के बाद अब कर्नाटक में कांग्रेस का जलवा
कांग्रेस पार्टी पिछले काफी समय से अपने खराब राजनीतिक हालात से गुजर रही थी. पार्टी को लगातार चुनावों में मिल रही हार के चलते कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे समय में कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 68 में से 40 सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेस पार्टी ने अपनी सत्ता कायम की थी. अब हिमाचल प्रदेश से 2500 किलोमीटर दूर कर्नाटक तक भी कांग्रेस की जीत की हवा पहुंच गई है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का जीतना इसके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं था, वह अब काम करती हुई नजर आ रही है. देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में भी अब एक साल से कम का वक्त ही रह गया है. ऐसे में कांग्रेस को लगातार दो राज्यों में जीत मिलने से न केवल नेता कार्यकर्ता बल्कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी उत्साहित हैं.