जीवन यापन के लिए जरूरी चीजों में से एक है मुद्रा, जिसे हम रुपया या पैसा भी कहते हैं. पुराने समय से लेकर आधुनिक जीवन में इसके इस्तेमाल के तरीके में लगातार बदलाव हुआ है. पहले जहां लोग वस्तुओं के लेन-देन से चीजों को आपस में इस्तेमाल करते थे, वहीं उसके कुछ समय बाद अलग-अलग धातु की मुद्रा बाजार में आ गई और फिर कागजी नोटों का भी देन-लेन शुरू हुआ. लेकिन आज के दौर में चीजें लगातार बदल रही हैं, लोगों की आवश्यकता के मुताबिक इनमें बदलाव किए जा रहे हैं.
इस समय यदि हम कहीं कुछ खरीदारी या फिर खाना-खाते हैं तो कैश के साथ-साथ ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प भी है. अधिकतर लोग ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं. वहीं बाकि लोग भी इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. धीरे-धीरे कैश पेमेंट का विकल्प कम होता जा रहा है. लोगों ने कैश रखना भी कम कर दिया है. क्योंकि किराने की दुकान, दूध, सब्जी वाले तक के पास ऑनलाइन पैसे लेने की सुविधा आ गई है.
इस कारण से लोग डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ रहे हैं. लेकिन अब आपको आने वाले समय में डिजिटल करेंसी भी देखने को मिलेगी. यानि की एक ई-रुपया होगा. जिसे किसी भी सामान्य नोट या करेंसी की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा. डिजिटल तौर पर इसका लेन-देन हो सकेगा. भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 1 दिसंबर को ये डिजिटल करेंसी लांच करने जा रही है. जिसके बाद आपकी जेब में ये डिजिटल करेंसी होगी.
भारत सरकार लगातार डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे रही है. इसी कड़ी में 1 दिसंबर को इस डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोटेक्ट के तौर पर लांच किया जा रहा है. शुरुआत में देश के 4 शहरों में इसे लांच किया जाएगा जिसमें मुंबई, नई दिल्ली,बेंगलुरु और भुवनेश्वर शामिल हैं. इन शहरों में ग्राहक और व्यापारी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. ये डिजिटल करेंसी आरबीआई द्वारा बैंक को उपलब्ध कराई जाएगी. शुरुआत में इन 4 शहरों के बाद इस डिजिटल करेंसी का विस्तार किया जाएगा और फिर अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में भी इसे जारी किया जाएगा.
1 दिसंबर को आरबीआई, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को डिजिटल करेंसी का टोकन जारी करेगी. जिसके बाद ये लोगों तक पहुंचेगा और इसका इस्तेमाल होगा.
इसे मौजूद करेंसी की तरह ही इसे इस्तेमाल में लाया जा सकेगा और लोगों की उपयोगिता को देखते हुए इसका विस्तार किया जाएगा और फिर अन्य बैंको में भी इस करेंसी को लागू किया जाएगा. जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं.
नोट की जगह होगी इस्तेमाल
डिजिटल रुपया को सैंट्रल बैंक डिजिटल कंरेसी सीबीडीसी का नाम दिया गया है. ये डिजिटल करेंसी मौजूदा करेंसी की तरह इस्तेमाल में आसान होगी. इसका लेन-देन भी नार्मल ट्रांजेक्शन की तरह किया जा सकेगा.
ये एक तरह से डिजिटल टोकन होगा जो बाकि पैसों की तरह ही इस्तेमाल हो सकेगा. जिस प्रकार से अभी 5, 10, 50, 100, 500, और 2000 के नोटों का इस्तेमाल हम इस्तेमाल करते हैं, ठीक उसी तरह इस करेंसी का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. ये मौजूदा करेंसी की तरह ही होगी. इसमें भी इतने ही यूनिट होंगे. साथ ही जैसे हम अभी अलग-अलग ऐप के जरिए डिजिटल वॉलेट को यूज करते हैं, उसमें एक निश्चित रकम रख पाते हैं ठीक उसी तरह इसमें भी रकम रखकर इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसे ऐप के जरिए इस्तेमाल कर सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी को बैंक द्वारा जारी किया जाएगा.
कैसे काम करेगी डिजिटल करेंसी ?
आरबीआई के मुताबिक शुरुआत में इस करेंसी को खुदरा व्यापारियों के लिए लांच किया जा रहा है. ये एक तरह से आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी होगी. जिसे ग्राहक और व्यापारी बैंको के जरिए डिजिटल रुपये (ई-आर) या ई-रुपये की तरह इस्तेमाल में ला सकेंगे.
इसका इस्तेमाल एक लीगल टेंजर के साथ होगा. मौजूदा समय में कागजी और सिक्के जैसी मुद्रा की तरह ही इसकी वैल्यू होगी. ये पूरी तरीके से सुरक्षित होगी. क्योंकि केंद्रीय बैंक की तरफ से इस करेंसी को डिजिटल फॉम में एक लीगल टेंडर के साथ लांच किया जा रहा है और ये केंद्रीय बैंको की ओर से बाकि बैंको को जारी होगा. उन बैंको से लोगों तक पहुंचेगा. इसीलिए ये पूरी तरह से सुरक्षित होगा. बैंक इसमें सरकार और जनता के बीच ब्रिज का काम करेंगी.
बैंक में जमा कर सकेंगे डिजिटल करेंसी
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आरबीआई बैंक ने दो भागों नें बांटा है जिसमें सीबीडीसी- खुदरा और सीबीडीसी-रिटेल करेंसी है. इन दोनों चीजों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति से इसका लेन-देन होने के साथ व्यापारिक जगहों पर क्यूआर कोड के जरिए इस्तेमाल होगा. इसके इस्तेमाल पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा. साथ ही इसे दूसरी करेंसी से भी बदला जा सकेगा यानि की इससे आप कागजी नोट भी ले सकेंगे. साथ ही बैंक में भी जमा करा सकेंगे.
देश की इकॉनामी को बढ़ावा देने के लिए इस करेंसी को लांच किया जा रहा है. इसीलिए सरकार इसे पहले लोगों के लिए उपयोग में आसान बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच कर रही है. अब देखना ये है कि लोगों के लिए ये कितना उपयोगी साबित होता है और इसके क्या फायदे देखने को मिलते हैं.