President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में अब लगभग एक सप्ताह शेष रह गया है और इसके साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन- एनडीए (National Democratic Alliance-NDA) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के पक्ष में चलने वाली समर्थन की हवाएं भी तेज होने लगी है. वैसे ही उनका पलड़ा एनडीए की उम्मदीवार होने से भारी है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए पहले से ही मजबूत स्थिति में है. सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस जैसे दलों का बेहद जरूरी समर्थन भी द्रौपदी मुर्मू को हासिल है. इस पर उत्तर प्रदेश से विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी मिल जाने से उनके लिए सोने पर सुहागा वाली स्थिति बन गई है.


यूपी से भी बही समर्थन की बयार


शनिवार को यूपी के विपक्षी दलों ने भी एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान कर दिया है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नेता और समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव, सुभासपा नेता ओपी राजभर, जनसत्ता दल के नेता राजा भैया और बसपा के एक इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह ने एनडीए की उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है.


जीत के आंकड़े के करीब हैं एनडीए उम्मीदवार


राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए मतदाताओं के वोट की कुल वैल्यू 10,86,431 है. इस तरह राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए 5,43,216 वोटों की जरूरत है. एनडीए (NDA) गठबंधन के पास 5,26 लाख वोट हैं.बीजेपी ( BJP) की अगुवाई वाली एनडीए के पास इस जीत के आंकड़े वाले वोट में महज कुछ वोटों का ही अंतर है.इस इलेक्टोरल कॉलेज में बीजेपी और साथी दलों के पास को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए उन्हें वायएसआर कांग्रेस और बीजेडी जैसे दलों की ज़रूरत थी.


इन दलों का समर्थन मिलने से वो कसर भी पूरी हो गई है. एनडीए के लिए बाकि की लड़ाई बस इतने ही वोटों के लिए थी. ये लड़ाई भी दो क्षेत्रीय दल -बीजू जनता दल- बीजद (Biju Janata Dal -BJD) और युवजन श्रमिका रायथु कांग्रेस पार्टी -वाईएसआरसीपी ( Yuvajana Shramika Rythu Congress Party-YSRCP) का समर्थन मिलने से उसके पक्ष में हो गई है.


गौरतलब है कि एनडीए के द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही बीजद का समर्थन लगभग सुरक्षित हो गया था. इससे पहले ही साफ हो गया था कि बीजेपी वाईएसआरसीपी के समर्थन के बिना भी आराम से राष्ट्रपति पद का जादुई आंकड़ा पार कर जाएगी, लेकिन जब वाईएसआरसीपी ने भी समर्थन दे दिया है तो एनडीए की उम्मीदवार की बल्ले-बल्ले है.


इस मामले में मुर्मू बेहद लकी रहीं हैं कि उन्होंने विपक्षी पार्टियों ने भी आगे बढ़-बढ़कर समर्थन दिया है. उधर दूसरी तरफ कांग्रेस नीत यूपीए (UPA)के नेतृत्व में द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ खड़े यशवंत सिन्हा वोट के मामले में इतने लकी नहीं रहे.


यशवंत सिन्हा की राह नहीं आसान


कांग्रेस की यूपीए के नेतृत्व में  विपक्ष ने टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant sinha) राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, लेकिन उनके लिए राष्ट्रपति पद ये मंजिल काफी मुश्किल लग रही है. उनको जिताने के लिए पूरा विपक्ष एक नहीं हो पाया है जहां एनडीए की उम्मीदवार को बढ़-बढ़ कर विपक्षी पार्टियां भी सहयोग और समर्थन दे रही है उसकी तुलना में सिन्हा के लिए यह समर्थन नहीं दिख रहा है.अगर विधायकों और सांसदों की बात की जाए तो एनडीए के पास 5 लाख 26 हजार 966 वोट हैं. उधर यूपीए के पास अपने उम्मीदवार के लिए महज दो लाख 64 हजार 158 वोट ही हैं.


बीजेडी और वाईएसआर ने बिगाड़ा काम


एनडीए के उम्मीदवार को जीतने के लिए केवल 12 हजार 492 वोट वैल्यू की आवश्यकता थी जो  बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन देने के साथ ही पूरी हो गई हैं. देखा जाए तो राष्ट्रपति चुनाव के मतदान से पहले ही एनडीए की उम्मीदवार के लिए बहुमत का आंकड़ा पार हो चुका है.


बीजेडी के पास 31 हजार 668 वोट और वाईएसआर कांग्रेस के पास 45 हजार से अधिक वोट हैं. आंध्र प्रदेश की सत्ता पर काबिज  वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) और उड़ीसा की सत्ताधारी बीजेडी ने विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के राष्ट्रपति पद तक पहुंचने की रही-सही उम्मीद पर भी पानी फेर दिया है.


इसके साथ द्रौपदी मुर्मु के देश के भावी महामहिम की गद्दी पर बैठना एक तरह से तय हो चुका है. अब पूरे विपक्ष के एकजुट होकर वोट देने से भी यशवंत सिन्हा की नैया पार नहीं लगने वाली क्योंकि बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन के बगैर उनका जीतना नामुमकिन है. 


राष्ट्रपति चुनाव निर्वाचक मंडल का वेटेज


इस साल के 16 वे राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल (Electoral College) में 4809 सदस्य हैं. इनमें  233 राज्यसभा, 543 लोकसभा और विधानसभाओं के 4033 सदस्य हैं. इसके अलावा मतदान के वक्त हर सदस्य और विधान सभा के सदस्य के वोट का महत्व होता है. इस चुनाव में संसद सदस्य के प्रत्येक वोट की कीमत 700 है,जबकि विधानसभा सदस्यों के मतों की वैल्यू राज्य की जनसंख्या पर निर्भर है.


उदाहरण के लिए यूपी के प्रत्येक विधानसभा सदस्य के वोट का वेटेज 208 है, जबकि मिज़ोरम में आठ और तमिलनाडु में 176 है. विधानसभा सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 5,43,231 रहा है. सदस्य के कुल सदस्यों के मतों का वेटेज 543,200 है. इस तरह से इलेक्टोरल कॉलेज के सभी सदस्यों के वोटों का वेटेज 1086431 है.


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