नई दिल्ली: अमीर-ए- शहर के लिए फकीर-ए- शहर उस धूल की तरह साबित हो रही है जिसे रगड़-रगड़ कर प्रशासन साफ कर रहा है. हम बात कर रहे हैं सबसे ताकतवर देश के मुखिया के स्वागत में जुटे गुजरात की. यही सही है हम उस देश के वासी हैं जहां मेहमान भगवान की तरह होते हैं- अतिथि देवो भव, का संस्कार हमारे भीतर है, लेकिन जब झुग्गियों को छुपाने के लिए दीवार खड़ी कर दी जाए, जब झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को वहां से चले जाने का फरमान सुना दिया जाए, तो सवाल उठता है कि क्या ये मेहमाननवाज़ी है या शहर को विकसित और साफ सुथरा दिखाने की जिद.


बात तफसील से करते हैं, दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया आगामी 24 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं. ट्रंप के भारत दौरे की चर्चा जोरो पर है. खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उन्हें लेने हवाई अड्डे पर जाएंगे. ट्रंप के स्वागत के लिए अहमदाबाद की सड़कें सज गई है. हालांकि शहर की सजावट के साथ कई और मुद्दों की वजह से ट्रंप का यह दौरा चर्चा का विषय बना हुआ है.


भारत 'नमस्ते ट्रंप' की तो तैयारियां कर रहा है लेकिन साथ ही कुछ ऐसी चीजें भी हो रही है जो सवाल उठा रही है. सवाल यह कि क्या गरीबी छिपाकर 'नमस्ते ट्रंप' होगा. आइए जानते हैं ट्रंप के दौरे से पहले ही देश में यह दौरा क्यों इतनी चर्चा में है.


झुग्गियों को ढकने के लिए दीवार


डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत से पहले गुजरात की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से साबरमती आश्रम के रास्ते में स्थित एक झुग्गी बस्ती को छुपाने के लिए लंबी दीवार खड़ी कर दी. अहमदाबाद नगर निगम सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट से इंदिरा ब्रिज को जोड़ने वाली सड़क के किनारे झुग्गी के सामने एक दीवार का निर्माण किया. मकसद साफ है दीवार बनने की वजह से लोग इन इलाकों में पड़ने वाली झोपड़ी और कच्चे मकान नहीं देख सकेंगे. यहां तकरीबन दो हजार लोग रहते हैं. झुग्गी-झोपड़ी के सामने दीवार बनाने के मामले को लेकर मेयर बिजल पटेल ने कहा कि मैंने यह अभी नहीं देखा है. मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि स्थानीय अखबारों के मुताबिक इलाके में मुख्य सड़क पर आधा किलोमीटर तक दीवार बनाई जा रही है. झुग्गियों में रहने वालों का कहना है कि ऐसा गरीबी छुपाने के लिए किया जा रहा है.


45 परिवारों को बस्ती खाली करने का आदेश


सबसे ताकतवर देश के प्रमुख का भारत आने की तैयारियां जहां जोरो पर है तो वहीं ट्रंप का दौरा करीब 45 परिवारों के लिए सदमे से कम नहीं है. दरअसल इन 45 परिवारों पर बेघर होने का संकट आ गया है. ट्रंप के दौरे की वजह से अहमदाबाद में मोटेरा स्टेडियम के आसपास बसे स्लम में रहने वाले 45 परिवारों पर बेघर होने का संकट आ गया है. अहमदाबाद नगर निगम ने 45 परिवारों को उनके रहने की जगह को खाली करने का नोटिस दिया है. हालांकि म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने इस तरह का नोटिस देने की खबर से इनकार किया है. हालांकि स्लम में रहने वाले परिवारों का कहना है कि वे दो दशकों से यहां रह रहे हैं और ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम की वजह से उन्हें यहां से जाने को कहा गया है.


डोनाल्ड ट्रंप को बदबू न आए इसलिए यमुना में मिला रहे गंगा का पानी


गरीब और गरीबी जब छुप जाएगी तो प्रशासन की अगली जिम्मेदारी होगी किस तरह सबसे ताकतवर देश के मुखिया से भारत गंदी नदियों को छुपाया जा सके. इसके लिए भी इंतजाम हो गया है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अनोखा फॉर्मुला अपनाया है. यमुना की सफाई अब तक नहीं हो पाई ये एक सत्य है लेकिन जब आगरा के ताजमहल का दीदार करने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जाएंगे तो उन्हें यमुना साफ दिखे, उससे आती हुई बदबू से उनकी हालत खराब ने हो इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सिंचाई विभाग ने फैसला लिया है कि वह यमुना में बुलंदशहर के गंगा नहर से 500 क्यूसेक पानी छोड़ेगा. ताकि यमुना थोड़ी साफ और बहती हुई दिखाई पड़े. पानी में बहाव बढ़ेगा तो बदबू कम होगी.


इन मुद्दों के बाद ये सवाल गर्म हो गया है कि क्या भारत में गरीबी छिपाकर होगा 'नमस्ते ट्रंप'?