नई दिल्ली: देश में त्योहारों का सीज़न शुरू हो गया है. पेट्रोल हो, डीजल हो या सीएनज-पीएजी हो, हर चीज़ का दाम बढ़ता जा रहा है. इन सबके महंगा हो जाने से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो रहा है, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ रहा है. बढ़ती महंगाई ने आपके किचन का बजट बढ़ा रखा है. जानिए

महंगाई ने जनता की जेब साफ कर दी है और आम इंसान की कमर तोड़ दी है. बढ़ती महंगाई के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम हैं, जो शतक लगाने के बाद भी नहीं रुक रहे. दर्द ये है कि पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों से हर चीज के दाम बढ़ते हैं. ये असर अब चीजों पर दिखना शुरू हो गया है.

महंगाई की चौतरफा मार देखिए

पिछले महीनों में-

  • मीट-मछली के दाम 19%
  • अंडे के दाम 33%
  • खाद्य तेल के दाम 33%
  • दालें के दाम 81%
  • तेल और बिजली के दाम 95%
  • स्वास्थ्य सेवाओं के दाम 78%
  • परिवहन और संचार सेवाओं के दाम 24% बढ़े हैं.

बैंक से पैसा निकालकर खर्च करने को मजबूर हुए लोग

जून में RBI के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से मार्च के बीच 25 राज्यों में 159 जिलों में लोगों के फिक्सड डिपॉजिट कम हुए हैं. यानी लोग बैंक से पैसा निकालकर खर्च करने को मजबूर हुए हैं.  इतना ही नहीं 2020-21 में घरेलू कर्ज बढ़ कर जीडीपी के 37 फीसदी तक पहुंच गया है. आंकड़े बता रहे हैं कि लोगों की बचत घट रही है और कर्ज बढ़ रहा है. सच ये है कि देश के 94 फीसदी लोगों पर महंगाई की सीधी मार पड़ रही है. जेब साफ हो रही है. लोग पूछ रहे हैं कि सरकार को ये दिखाई नहीं देता या सरकार ये जानबूझ कर लोगों का दर्द देखना नहीं चाहती.

गैस सिलेंडर के बढ़ते दामों ने बढ़ाई चिंता

महंगाई की मार से घर के चूल्हे की आग भी ठंडी होती जा रही है. ताजा मार गैस सिलेंडर पर पड़ी है. तेल कंपनियों ने बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर के दाम 15 रुपए बढ़ा दिए हैं. इस बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर करीब 899 रुपये पचास पैसे का हो गया.

एक जनवरी 2021 को दिल्ली में सिलिंडर के दाम 694 रुपये थे, जो दस महीने में बढ़कर 899 रुपए हो गए हैं. यानी सिलिंडर के दामों में 205 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. बिहार की राजधानी पटना में सिलिंडर के दाम 998 रुपए तक पहुंच गए हैं यानी 1000 से सिर्फ दो रुपए कम. पिछले 5 साल में सिलिंडर के रेट बेतहाशा बढ़े हैं.

घरेलू सिलिंडर के दाम

  • अक्टूबर 2016 में गैस के दाम 490 रुपए थे.
  • 6 अक्टूबर 2021 को गैस के दाम हो गए रुपए 50 रुपए हो गए.
  • यानी पांच साल में एक सिलिंडर के दाम 409 रूपए बढ़ गए.

कमर्शियल सिलेंडर के दाम

  • अक्टूबर 2016 में दाम 895 रुपए थे.
  • अब दाम 1736 रुपए हैं.
  • यानी पांच साल में दाम 841 रुपए बढ़ गए हैं.

कब कैसे बढ़ी महंगाई?

 

1 जनवरी 2021

6 अक्टूबर 2021

कितना बढ़ा

फीसदी में बढोत्तरी

घरेलू सिलिंडर

694 रुपए

899.50 रुपए

205.5 रुपए

30 फीसदी

कर्मिशियल सिलिंडर

1349 रुपए

1736.50 रुपए

387.5 रुपए

29 फीसदी

पेट्रोल

83.71 रुपए

102.94 रुपए

19.23 रुपए

23 फीसदी

डीजल

73.87 रुपए

91.42 रुपए

17.55 रुपए

24 फीसदी

अब इस एंगल से समझिए महंगाई का खेल

घरेलू सिलेंडर

  • अगर एक परिवार में हर महीने 1 सिलेंडर का यूज होता हो तो हर महीने 205.5 रूपए का अतरिक्त भार पड़ेगा.

पेट्रोल

  • अगर एक व्यक्ति हर महीने 50 लीटर पेट्रोल भरवाता हो तो हर महीने 961.5 रूपए का अतरिक्त भार पड़ेगा

डीजल

  • अगर एक ट्रांसपोर्ट वाला ट्रक ड्राइवर एक बार में 40 से 50 लीटर डीजल भरवाता है तो एक बार में उस पर 700 से 900 रूपए का अतरिक्त भार पड़ेगा.

दिल्ली में दालों का दाम (1 जनवरी से 5 अक्टूबर के बीच)

 

वस्तुओं के नाम

1 जनवी को दाम

5 अक्टूबर को दाम

कितने दाम बढ़े

कितने फीसदी दाम बढ़े

तूर दाल

114

110

-4

4% घटे

उड़द दाल

108

123

15

14% बढ़े

मूंग दाल

108

101

-7

6% घटे

मसूर दाल

75

100

25

33% बढ़े

मूंगफली का तेल

187

191

4

2% बढ़े

सरसों का तेल

154

200

46

30% बढ़े

वनस्पति तेल

122

145

23

19% बढ़े

सोया तेल

134

155

21

16% बढ़े

पाम तेल

117

132

15

13% बढ़े

आलू

20

19

-1

5% घटे

प्याज

30

37

7

23% बढ़े

टमाटर

30

48

18

60% बढ़े

कोरोना काल में महंगाई की मार जेब खाली करने आ गई है. लोगों को डर सताने लगा है कि आने वाले वक्त में हालात इससे भी बुरे हुए तो त्योहार मनाना तो दूर घर चलाना तक मुश्किल हो जाएगा.

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