नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उज्ज्वला योजना 2.0 की शुरुआत करेंगे. इस कार्यक्रम की शुरुआत यूपी के महोबा से होगी. इस दौरान पीएम मोदी मौके पर मौजूद लाभार्थियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एलपीजी कनेक्शन का वितरण भी करेंगे. इस प्रोग्राम के दौरान पीएम मोदी उज्ज्वला के लाभार्थियों से बातचीत भी करेंगे. इससे पहले साल 2016 में उज्ज्वला योजना 1.0 की शुरुआत की गई थी. उस समय गरीबी रेखा के नीचे आने वाली 5 करोड़ महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था.

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 2.0

  • 2021-22 के बजट में उज्जवला योजना में 1 करोड़ और कनेक्शन देने की घोषणा हुई
  • इसमें कम आय वाले परिवारों को शामिल किया गया है
  • इसमें वो लोग शामिल हैं जिनको उज्जवला में लाभ नही मिला था
  • जमा-मुक्त कनेक्शन मिलेगा, पहला रिफिल और हॉटप्लेट फ्री दिया जाएगा
  • विडियो कांफ्रेस के जरिए पीएम यूपी के महोबा जिले के लाभार्थी को कनेक्शन सौंपेंगे

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 1.0

  • 1 मई 2016 को यूपी के बलिया से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू हुई.
  • 5 करोड़ परिवारों को 2016 से 2019 तक मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने की शुरुआत हुई.
  • 2018-19 के बजट में सरकार ने इसे बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया.
  • सरकार हर गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन पर 1600 रूपए की सब्सिडी देती है.
  • 8000 करोड़ की सब्सिडी के जरिए 5 करोड़ लोगों को कनेक्शन मिला.
  • 3 करोड़ और लोगों को एलपीजी देने के लिए सरकार ने 4800 करोड़ और दिए.
  • मार्च 2020 तक 8 करोड़ परिवारों को उज्जवला में कनेक्शन देना था.
  • लेकिन सरकार ने 7 महीने पहले अगस्त 2019 में लक्ष्य पा लिया था.

 देश में पीएम मोदी के नेतृत्व में हर घर एलपीजी

  2014 तक देश में इस समय
गैस कनेक्शन 13 करोड़ 29 करोड़
कितने फीसदी परिवार को कवरेज 55 फीसदी 99 फीसदी
गैस वितरक 13,896 25,116
गैस भरने वाले प्लांट 187 199
उज्जवला योजना में कनेक्शन - 8 करोड़

क्या है उज्जवला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए एलपीजी कनेक्शन दी जाती है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से इस योजना की शुरुआत की गई है.

इस योजना के तहत सरकार की कोशिश है कि खाना बनाने वाली महिलाओं को धुंए से दूर किया जाए. साथ ही धुंए के कारण पर्यावरण और महिलाओं के स्वास्थ्य पर होने वाले असर को या तो खत्म किया जाए या बहुत हद तक काबू किया जाए.