Falkland islands Controversy: देश की राजधानी दिल्ली में आज से यानी 25 अप्रैल से रायसीना डायलॉग शुरू हुआ. इस आयोजन में कई देश के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. यह कार्य़क्रम इस बार एक खास वजह से चर्चा में है. दरअसल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के दौरे के ठीक बाद अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो नई दिल्ली पहुंचे हैं और वह भी इस प्रोग्राम में शामिल हो रहे हैं. वह यहां एक खास मकसद से आए हैं और उनका मकसद फॉकलैंड द्वीप समूह विवाद को सुलझाने के लिए भारत का ब्रिटेन से बातचीत करना है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है फॉकलैंड द्वीप समूह विवाद जिस पर अर्जेंटीना भारत की मदद चाहता है.


क्या है फॉकलैंड द्वीप समूह विवाद


फॉकलैंड द्वीप समूह को लेकर ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच काफी लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. इस द्वीप की खोज यूरोपीय लोगों ने की थी. इसके बाद यह समय के साथ कई देशों का उपनिवेश बना. यह द्वीप दक्षिणी अटलांटिक सागर में स्थित है जिससे अर्जेंटीना की समुद्री सीमा लगती है. इस द्वीप पर अर्जेंटीना अपना दावा करता है और इसे माल्विनस कहता है. अर्जेंटीना का कहना है कि ब्रिटेन ने  इस द्वीप को 1833 में उससे गैरकानूनी तरीके से छीना था. फॉकलैंड द्वीप समूह को वापस पाने के लिए अर्जेंटीना ने 1982 में यहां युद्ध किया. यह युद्ध तीन महीने तक चला, ब्रिटेन ने अर्जेंटीना को हरा दिया और इस युद्ध के बाद ब्रिटेन ने अर्जेंटीना के साथ सभी संबंध तोड़ लिए थे और भविष्य में इस मुद्दे पर बातचीत न करने की बात कही थी. फॉकलैंड द्वीप ब्रिटेन के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन ने इसे मिलिट्री बेस कैंप के रूप में यूज किया.


भारत से क्यों इस मामले में हस्तक्षेप चाहते है अर्जेंटीना


दरअसल, पिछले कुछ साल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद तेजी से बढ़ा है. इंटरनेशनल लेवल पर उसका अच्छा दबदबा है. अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन भी उसके अच्छे मित्र हैं. हाल ही में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन यहां से सफल यात्रा करके लौटे हैं. दोनों देशों के अच्छे संबंधों को देखते हुए ही अर्जेंटीना चाहता है कि भारत इस मामले में ब्रिटेन से बात करे.


फॉकलैंड विवाद को लेकर आयोग बनाने की तैयारी


रिपोर्ट के मुताबिक, अर्जेंटीना के विदेश मंत्री सैंटियागो कैफिएरो रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेंगे और इस दौरान वह भारत में द कमीशन फॉर द डायलॉग ऑन द क्वश्चेन ऑफ द माल्विनास आईलैंड्स इन इंडिया नाम के एक आयोग को भी लॉन्च करेंगे. इस आयोग के सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, भाजपा नेता शाजिया इल्मी, कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर और अनुभवी शांतिदूत तारा गांधी भट्टाचार्जी शामिल होंगी.


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