(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Explained: रोहिंग्या मुसलमानों पर हरदीप पुरी के बयान ने क्यों बीजेपी और संघ परिवार को किया असहज?
Puri's Rohingya Announcement Row:केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) के रोहिंग्या मुद्दे पर दिए बयान से राजग और गृहमंत्रालय का अपना ही स्टैंड हिलता दिखा था.
Hardeep Puri's Announcement Made BJP Squirm: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों (Union Minister For Housing and Urban Affairs) के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) के एक बयान ने केंद्र की राजग (NDA) सरकार और गृहमंत्रालय (Home Ministry) को असहज कर डाला है. बीते 8 साल में ये पहली बार हुआ जब पूरे देश में अपने शासन की धाक जमाने वाली एनडीए सरकार और उसके मंत्रियों के बीच साझेदारी की कमी दिखाई दे रही है.
हालात ये हो गए हैं कि सरकार को अपनी ही कैबिनट के मंत्री हरदीप पुरी के रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) पर दिए बयान को रद्द करने पर मजबूर होना पड़ा है. गौरतलब है कि बुधवार को मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एलान किया कि सरकार की दिल्ली में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को आवास और 24 घंटे पुलिस सुरक्षा देने की योजना है. उनका ये बयान देश में कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी क्योंकि एनडीए सरकार और सत्तारूढ़ दल यानी बीजेपी (BJP) दोनों ही रोहिंग्या मुद्दे पर बहुत अलग और सख्त रुख रखने के लिए मशहूर हैं.
सूत्रों की माने तो इस बयान से संघ परिवार (Sangh Parivar) और बीजेपी सकते में हैं. संघ परिवार और बीजेपी ने इसे लेकर अपनी नाखुशी शीर्ष नेतृत्व (Top Leadership ) को जाहिर कर दी है. आइए यहां जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर रोहिंग्या पर हंगामा क्यों बरपा है?
रोहिंग्या हैं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा: बीजेपी
बीजेपी (BJP) ने रोहिंग्या पर दिए अपने ही मंत्री के बयान को बेहद संजीदगी से लिया है. बीजेपी ने कहा कि रोहिंग्या राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा है और मोदी सरकार इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी. बीजेपी हेडक्वार्टर में हुई एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान बीजेपी की ये चिंता साफ दिखाई पड़ रही थी. इस दौरान पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) ने कहा कि खबरों में लोगों को रोहिंग्या के मुद्दे पर गुमराह करने के फैक्ट सामने आए थे. उन्होंने कहा कि इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के बयान ने सब साफ कर दिया है.
उन्होंने कहा कि हमारे देश के कानून के मुताबिक रोहिंग्या निर्वासित किए जाएंगे और यह पूरी तरह से गृहमंत्रालय के न्यायाधिकार में आता है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की साफ नीति है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इस मामले में बीजेपी ने आप को भी आड़े हाथों लिया. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आप राष्ट्रीट सुरक्षा को दरकिनार कर तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है.
वीएचपी भी बिफरी रोहिंग्या मुद्दे पर
विश्व हिन्दू परिषद( Vishva Hindu Parishad-VHP) भी केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के रोहिंग्या मुद्दे पर दिए बयान से सकते में है. वीएचपी ने एक बयान जारी कर इस मामले पर अपनी नाराजगी जता दी है. अपने बयान में वीएचपी अप्रत्यक्ष तौर पर मंत्री पुरी पर हमलावार नजर आ रही है. उसने पुरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के संसद में दिए उस बयान की याद ताजा करवाई है, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा था कि रोहिंग्या कभी भी भारत में स्वीकार नहीं किए जाएंगे. साल 2017 से ही लगातार केंद्रीय सरकार इस पर कायम रही है कि उसकी रोहिंग्या को न तो शरणार्थियों के तौर पर मान्यता देने की कोई मंशा है और न ही उन्हें देश में आवास और काम मुहैया कराने की कोई योजना है.
अमित शाह ने कहा- रोहिंग्या सेक्युलर देशों से आते हैं.
लोकसभा में 10 दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill ) पर हुई बहस के दौरान रोहिंग्याओं पर अमित शाह ने अपना रूख साफ कर दिया था. जब उनसे सवाल किया गया कि रोहिंग्या भी तो सताए हुए अल्पसंख्यकों (Persecuted Minority) की श्रेणी में आते हैं तो उन्हें भारत क्यों नहीं शरण दे सकता है? तब शाह ने जवाब दिया, रोहिंग्या बांग्लादेश (Bangladesh), म्यांमार (Myanmar) जैसे धर्मनिरपेक्ष (Secular) देशों से आते हैं.
हम कभी भी उन्हें देश में स्वीकार नहीं करेंगे, मैं ये साफ कर रहा हूं." गृहमंत्री अमित शाह ने अप्रैल में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि भारत अवैध घुसपैठ को बढ़ावा नहीं दे सकता है. रोहिंग्या भारत की जिम्मेदारी और जवाबदेही नहीं है, क्योंकि भारत की एक अपनी परिभाषित सीमा (Defined Boundry) है. अगर इस तरह से हर कोई देश में दाखिल होता रहेगा तो ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करेगा.
यही नहीं 12 फरवरी 2020 में उत्तराखंड में एक चुनावी जनसभा के दौरान वादा किया था कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो वह रोहिंग्या को बाहर फेंक देगी. उन्होंने ये भी कहा था कि कांग्रेस (Congress) तुष्टिकरण की राजनीति की शुरुआत कर चुकी है. यही वजह है कि रोहिंग्या मुसलमान उत्तराखंड के पहाड़ों में भी दिखाई देने लगे हैं. अमित शाह ने कहा, "मैं यहां आपसे वादा करने आया हूं कि अगर आप पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाते हैं तो मैं राज्य से रोहिंग्याओं को बाहर कर दूंगा "
रोहिंग्या पर पहला सार्वजनिक बयान
रोहिंग्या मुद्दे पर पहला सार्वजनिक बयान 21 सिंतबर 2017 को तत्तकालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने दिया था. यह बयान उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission of India) के एक सेमीनार में दिया था. तब उन्होंने कहा था कि गृहमंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के सामने शपथनामा (Affidavit) देकर अपनी स्थिति साफ कर दी है कि देश में अवैध अप्रावासी(Illegal Immigrant) हैं, जिन्हें निर्वासित किया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा था कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं है. ये एफिडेविट मंत्रालय ने साल 2017 में रोहिंग्याओं के नॉन रिफॉउलमेंट (Non- Refoulement) के जवाब में दाखिल किया था. इस याचिका में रोहिंग्या को बलपूर्वक भारत से बाहर न करने की प्रार्थना की गई थी.
राजनाथ सिंह ने कहा था कानूनी तौर पर शरणार्थी का स्टेट्स पाने की एक प्रक्रिया है, लेकिन रोहिंग्याओं ने इनमें से किसी का भी पालन नहीं किया है. किसी भी रोहिंग्या को भारत में आश्रय नहीं दिया गया और न ही इन लोगों ने आश्रय पाने के लिए आवेदन किया है. ये पूरी तरह से अवैध अप्रवासी हैं. सरकार संसद में अक्सर रोहिंग्याओं के सवाल पर अपना रूख साफ करती रही है और कहती रही है कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. यहां सरकार ये भी बताने से नहीं चूकी कि कुछ रोहिंग्या के अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने की रिपोर्ट्स हैं. ये भी पाया गया था कि कुछ रोहिंग्या के पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के साथ ही अन्य देशों में मौजूद इसी तरह के आतंकी संगठनों से भी रिश्ते हैं.
गृह मंत्रालय ने नकारा पुरी के बयान को
केंद्रीय गृहमंत्रालय ऑफिस (Home Minister) से केंद्रीय मंत्री के हरदीप सिंह पुरी के बयान को सिरे से नकारने के बाद खुद मंत्री पुरी भी इस बयान से भी पीछे हटते नजर आए हैं. गौरतलब है कि मंत्री पुरी के ट्वीट से खासा बवाल मचा. पहले आप (APP) उनके बयान के विरोध में उतरी तो वहीं दूसरी तरफ विश्व हिन्दू परिषद( Vishva Hindu Parishad-VHP) इस बयान पर तीखे तेवर दिखने लगे. वीएचपी ने रोहिंग्याओं को भारत से बाहर करने की बात कही.
यही वजह रही की पुरी के रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट और पुलिस सुरक्षा की सुविधाएं वाले ट्वीट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय-एमएचए (Ministry of Home Affairs-MHA)को तुरंत हरकत में आना पड़ा. इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय को इस बयान पर सफाई देने के लिए सामने आया. अपने बयान में मंत्रालय ने साफ कर दिया कि रोहिंग्या अवैध विदेशियों (Illegal Foreigners) के लिए इस तरह की सुविधाएं देने की योजना वाला कोई फैसला सरकार की तरफ से नहीं लिया गया है. इस दौरान मंत्रालय ने रोहिंग्या को निर्वासित करने की बात कर ये भी साफ कर दिया है कि सरकार का रूख इस मामले में नरम नहीं पड़ने वाला है.
आलाकमान की इस मामले में संजीदगी देख केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. गृह मंत्रालय के बयान के बाद मंत्री पुरी ने फिर एक ट्वीट किया है. इसमें उन्हें मंत्रालय के ट्वीट को ही रिट्वीट करते हुए अपना पक्ष साफ करने की कोशिश करते देखा जा सकता है. पुरी ने ट्वीट में लिखा, "गृह मंत्रालय का रोहिंग्या अवैध विदेशियों के मुद्दे पर दिया बयान इस बारे में सही स्थिति बताता है." गृहमंत्रालय ने अपने ट्वीट में कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए जगह ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा था.
मंत्रालय ने ये भी कहा कि रोहिंग्या अपनी मौजूदा जगह पर ही बने रहेंगे क्योंकि एमएचए (MHA) पहले ही विदेश मंत्रालय के जरिए संबंधित देश के साथ अवैध विदेशियों के निर्वासन का मामला उठा चुका है. मंत्रालय के मुताबिक, अवैध विदेशियों को कानून के मुताबितक उनके निर्वासित होने तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने मौजूदा जगह को अभी तक डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया है. मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को तुरंत करने के निर्देश दिए हैं.
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