एक्सप्लोरर

Explained : कैसे होता है कोरोना का टेस्ट और ये ज़रूरी क्यों है?

कोई आदमी कोरोना से संक्रमित है या नहीं, इसे जानने का इकलौता उपाय है टेस्ट. और इस टेस्ट की प्रक्रिया थोड़ी सी लंबी होती है.

देश में एक संस्था है. नाम है ICMR. पूरा नाम है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च. किसी शख्स को कोरोना है या नहीं, इसकी जांच का जिम्मा इसी संस्था के पास है. ये संस्था कोरोना की जांच दो चरणों में करती है. पहला चरण है प्रीलिम्स और दूसरा चरण है फाइनल. प्रीलिम्स में संभावित लक्षणों के आधार पर इस बात का अंदाजा लगाया जाता है कि किसी को कोरोना हो सकता है. और जिनमें इसकी संभावना ज्यादा होती है, उनके सैंपल लिए जाते हैं. सैंपल किसका लिया जाएगा, इसके लिए भी आईसीएमआर ने क्राइटेरिया तय कर रखा है. ICMR के मुताबिक सैंपल उसी का लिया जाता है, जो

# विदेश यात्रा से लौटे हों और उनमें कोरोना के लक्षण जैसे कि तेज बुखार, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ, स्वाद का खत्म होना और सूंघने की क्षमता का घटना दिख रहा हो.

# जो किसी कोरोना पीड़ित के सीधे संपर्क में आए हों

# जिन्हें अंदेशा हो कि वो किसी कोरोना पीड़ित के संपर्क में आ गए हैं और अब उनमें लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं.

प्रारंभिक जांच के लिए ऐसे लोगों का सैंपल लिया जाता है. सैंपल लेने की प्रकिया भी थोड़ी पेचीदी है. शरीर में नाक और गले के पिछले हिस्से में दो ऐसी जगहें हैं, जहां पर इस वायरस के होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. इसलिए एक ट्यूब के जरिए नाक या गले से सैंपल लिया जाता है और फिर उसे जांच के लिए भेज दिया जाता है. इसके अलावा ब्रोंकोस्कोप के जरिए फेफड़ों में ट्यूब डालकर वहां से भी सैंपल लिया जाता है. फिलहाल देश में 52 ऐसी लैब्स हैं, जहां इन सैंपल्स की जांच हो रही है. इसके अलावा आईसीएमआर की ओर से कुछ प्राइवेट लैब्स को भी कोरोना की जांच के लिए अधिकृत किया गया है, साथ ही ये भी तय किया गया है कि वो जांच के लिए 4500 रुपये से अधिक चार्ज नहीं कर सकते हैं. इस जांच के तरीके को कहते हैं पीसीआर टेस्ट यानि कि पॉलीमरीज चेन रिएक्शन टेस्ट.

इसमें इकट्ठा किए गए सैंपल्स को ऐसे सॉल्यूशन में डाला जाता है, जिससे कि सैंपल्स से कोशिकाएं अलग-अलग होने लगती हैं. लैब्स के डॉक्टर्स के पास कोरोना वायरस की कोशिकाएं पहले से रहती हैं. इसलिए अगर इन सैंपल्स में कोरोना वायरस की कोशिकाओं जैसी संरचना दिखती है तो लैब्स के डॉक्टर इन सैंपल्स को कोरोना पॉजिटिव बताते हैं और अगर इन सैंपल्स में कोरोना वायरस की कोशिकाओं जैसी संरचना नहीं दिखती है तो फिर डॉक्टर तुरंत ही सैंपल्स को निगेटिव बता देते हैं.

लेकिन जिन सैंपल्स को ये लैब्स पॉजिटिव बताती हैं, उन्हें भी तुरंत ही कोरोना पॉजिटिव घोषित नहीं किया जाता है. ऐसे ही सैंपल्स को जांच के लिए फाइनल स्टेज में भेजा जाता है. पहले ये जांच देश की सिर्फ एक ही लैब में होती थी, जिसका नाम है नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी, जो पुणे में है. ये लैब सैंपल्स का जीन सिक्वेंस निकालती थी और फिर उसकी तुलना कोरोना वायरस यानी कि SARS-Cov-2 के जीन सिक्वेंस से करती थी. अगर दोनों में समानता पाई जाती थी तो फिर ये तय हो जाता था कि सैंपल कोरोना पॉजिटिव है. पहले ये तकनीक सिर्फ NIV पुणे के ही पास थी, लेकिन अब ये सभी 52 लैब में मौजूद है, जिसकी वजह से टेस्टिंग की संख्या बढ़ गई है और भारत पहले से ज्यादा टेस्ट कर पा रहा है.

अब रही बात कि इसकी ज़रूरत क्यों है तो बिना टेस्ट के दुनिया का कोई भी डॉक्टर या वैज्ञानिक इस बात का दावा नहीं कर सकता कि कोई शख्स कोरोना से पीड़ित है या नहीं. सामान्य सर्दी-खांसी को भी लोग कोरोना पॉजिटिव बता दे रहे हैं. अगर किसी को सांस की पुरानी बीमारी है, तो अब लोग उसे भी कोरोना संक्रमित की नज़र से देखने लगे हैं. ऐसे में बिना टेस्ट के इस बात का दावा नहीं किया जा सकता है कि किसे कोरोना है और किसे नहीं.

और देखें
Advertisement
IOI
Don't Miss Out
00
Hours
00
Minutes
00
Seconds
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

बिहार में एक्टिव हुई कांग्रेस, क्या इस बार अपने दम पर लड़ना चाहती है विधानसभा चुनाव?
बिहार में एक्टिव हुई कांग्रेस, क्या इस बार अपने दम पर लड़ना चाहती है विधानसभा चुनाव?
Champions Trophy: दुबई की पिच देगी टीम इंडिया को धोखा? पिच क्यूरेटर ने खुद किया बड़ा खुलासा; जानें क्या कहा
दुबई की पिच देगी टीम इंडिया को धोखा? पिच क्यूरेटर ने खुद किया बड़ा खुलासा; जानें क्या कहा
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी.... 'सनम तेरी कसम' एक्टर हर्षवर्धन राणे ने सुनाई आपबीती
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी, एक्टर ने सुनाई आपबीती
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Mahakumbh 2025: तथ्यों की कसौटी पर धर्माचार्यों के तर्क..abp न्यूज़ पर सबसे बड़ी बहस | ABP NewsMahakumbh 2025: आस्था की होड़..भीड़ की 'सुनामी'! | Prayagraj | ABP News | Hindi NewsMahakumbh 2025: आस्था पर सवाल....विधानसभा में बवाल ! | Chitra Tripathi | ABP News | Mahadangal | ABP NEWSMahakumbh 2025: महाकुंभ को लेकर सुधांशु त्रिवेदी का ये तर्क सुनकर चौंक जाएंगे आप! | Chitra Tripathi | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बिहार में एक्टिव हुई कांग्रेस, क्या इस बार अपने दम पर लड़ना चाहती है विधानसभा चुनाव?
बिहार में एक्टिव हुई कांग्रेस, क्या इस बार अपने दम पर लड़ना चाहती है विधानसभा चुनाव?
Champions Trophy: दुबई की पिच देगी टीम इंडिया को धोखा? पिच क्यूरेटर ने खुद किया बड़ा खुलासा; जानें क्या कहा
दुबई की पिच देगी टीम इंडिया को धोखा? पिच क्यूरेटर ने खुद किया बड़ा खुलासा; जानें क्या कहा
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी.... 'सनम तेरी कसम' एक्टर हर्षवर्धन राणे ने सुनाई आपबीती
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी, एक्टर ने सुनाई आपबीती
मां के पेट में कब और कैसे सोता है बच्चा, जानें पैदा होने के कितने दिन बाद बदल जाता है ये रूटीन
मां के पेट में कब और कैसे सोता है बच्चा, जानें पैदा होने के कितने दिन बाद बदल जाता है ये रूटीन
Best Stocks For Today: शेयर मार्केट के बाजीगर निकले ये 10 स्टॉक, गिरते बाजार में भी लगा अपर सर्किट
शेयर मार्केट के बाजीगर निकले ये 10 स्टॉक, गिरते बाजार में भी लगा अपर सर्किट
PAK vs NZ: कैसे फ्री में देखें पाकिस्तान-न्यूजीलैंड मैच? चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल्स
कैसे फ्री में देखें पाकिस्तान-न्यूजीलैंड मैच? चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल्स
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.