दुनिया के हर देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. हर रोज कोरोना संक्रमित लोगों और कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा होता ही जा रहा है. लेकिन इस बीच एक अच्छी खबर केरल है. केरल में 12 तारीख को सिर्फ दो नए मामले सामने आए हैं, जबकि 36 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है.


केरल का जिक्र करना इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि भारत में कोरोना का पहला मामला केरल में ही सामने आया था. इसके बाद से ही वहां की पिनराई विजयन सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकेने की कवायद शुरू कर दी थी. इसी वजह से केरल में कुल 179 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, जबकि कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या अब सिर्फ 194 रह गई है. और ये एक अच्छी खबर है, क्योंकि केरल में कोरोना के कई हॉट स्पॉट होने के बाद भी वहां पर कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या में बढ़ोतरी सिंगल डिजिट में आ गई है.


अगर राष्ट्रीय स्तर पर तुलना करें तो भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों के ठीक होकर घर जाने का औसत करीब 9 फीसदी है. यानि कि हर 100 कोरोना पॉजिटिव में से 9 लोग फिलहाल ठीक होकर घर जा चुके हैं. लेकिन अगर बात केरल की करें तो करीब 48 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो गए हैं और अपने-अपने घर चले गए हैं.


केरल के एक अधिकारी के मुताबिक मार्च के आखिरी 10 दिनों में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ी थी, लेकिन ये वो लोग थे जिनकी विदेश की ट्रैवल हिस्ट्री थी. ये लोग वापस आए तो कोरोना पॉजिटिव पाए गए. और अब केरल में जो भी कोरोना पॉजिटिव लोग पाए जा रहे हैं, वो विदेश से लौटे इन लोगों के संपर्क में रहे हैं. इस लिहाज से ये कहा जा सकता है कि केरल में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है. इसके अलावा केरल सरकार ने कोरोना को लेकर सख्ती भी दिखाई है. केरल में जिनका भी विदेश यात्रा का इतिहास रहा है, उन सबके नाम और नंबर इकट्ठा किए गए हैं, सबको होम क्वॉरंटीन किया गया है और उन लोगों ने विदेश से लौटने के बाद जिससे-जिससे मुलाकात की थी, सबको होम क्वॉरंटीन कर दिया गया है. अब चूंकि इनको क्वॉरंटीन किए हुए 14 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने वाला है, तो सरकार सिर्फ विदेश से लौटे लोगों की जांच पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.


केरल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 30 जनवरी से अब तक केरल में कुल 375 केस आए हैं और उनमें भी 233 का विदेश यात्रा का इतिहास रहा है. सात विदेशी यात्री रहे हैं, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके अलावा 19 ऐसे लोग हैं, जो तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. बाकी बचे हुए लोगों में कोरोना का वायरस विदेश से लौटे लोगों से मिलने के बाद हुए संक्रमण से फैला था. केरल में अब तक कोरोना की वजह से सिर्फ दो लोगों की मौत हुई है. केरल के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक जो लोग कोरोना पॉजिटिव थे, उन्हें ठीक होने में करीब तीन हफ्ते का समय लगा है. हालांकि जो तीन लोग वुहान से लौटे थे, उन्हें ठीक होने में एक महीने से थोड़ा ज्यादा का वक्त लगा है.