Explained : जिस कोरोना ने अमेरिका, इटली, चीन जैसे देश को रुला दिया, उससे कैसे बच पाए ये 15 छोटे-छोटे देश?
पूरी दुनिया के 185 से भी ज्यादा देश कोरोना से संक्रमित हैं. किसी देश में प्रभावितों की संख्या कम है तो किसी में ज्यादा. लेकिन दुनिया के नक्शे पर अब भी 15 ऐसे देश हैं, जहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं है.
पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 20 लाख को पार कर गया है. अब तक दुनिया के कुल 20,88,663 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 5,16,010 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. 1,34,755 लोगों की मौत हो चुकी है. यानि कि पूरी दुनिया में फिलहाल 14,37,898 ऐक्टिव केस हैं और अब तक 6,50,765 कोरोना केस को बंद किया जा चुका है. लेकिन इन बढ़ते हुए आंकड़ों के बीच दुनिया के नक्शे पर अब भी कई ऐसे देश हैं, जहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं है. वो देश कौन-कौन से हैं और कैसे वो देश अब भी इस महामारी से बचे हुए हैं, इसे समझने की कोशिश करते हैं.
अलज़जीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया के 185 देश फिलहाल इस महामारी से प्रभावित हैं. इनमें कुछ देश ऐसे हैं, जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या एक या दो है, तो कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां पर इनकी संख्या छह लाख को भी पार कर गई है. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां अब तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं है.
इस लिस्ट में पहला नाम है उत्तर कोरिया का. किम जोंग उन के नेतृत्व वाले इस देश ने दावा किया है कि उसके यहां एक भी कोरोनो का मरीज नहीं पाया गया है. हालांकि नॉर्थ कोरिया की बात पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है, फिर भी जब तक आधिकारिक आंकड़े सामने नहीं आ जाते, यही मानना पड़ेगा कि नॉर्थ कोरिया में एक भी कोरोना पेशेंट नहीं है. इसके अलावा एशिया के तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में भी अब तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं पाया गया है.
इस लिस्ट में अगला नाम है कॉमोरस देश का. ये हिंद महासागर में बसा एक आइलैंड है, जहां पर एक भी कोरोना का मरीज नहीं है. ये एक अफ्रीकन देश है. इसके अलावा एक और अफ्रीकन देश लिसोथो में भी एक भी कोरोना का मरीज अब तक नहीं है. प्रशांत महासागर और उसके आसपास फैले इलाके को ओशिआनिया कहा जाता है. इस इलाके में 10 ऐसे देश हैं, जहां अब भी कोरोना का संक्रमण नहीं है. ये देश हैं किरिबाती, तुवलू, टोंगा, सामोआ, मार्शल आइलैंड, सॉलमन आइलैंड, नौरू, पलाऊ, वनुआतू और माइक्रोनेशिया.
इन सभी देशों की आबादी मिलाकर भी 70 लाख से ज्यादा नहीं है. इन देशों में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति भी बेहद खराब है. इसलिए जब कोरोना ने चीन से निकलकर दुनिया में अभी तबाही की शुरुआत ही की थी, इन देशों ने खुद को पूरी तरह से लॉकडाउन कर लिया. दुनिया के और देशों से इन देशों ने अपना संपर्क काट लिया और नतीजा ये हुआ कि कोरोना जैसी महामारी भी इन देशों का कुछ नहीं बिगाड़ पाई. अब जबकि कोरोना दुनिया के देशों मे फिलहाल सबसे ज्यादा तबाही मचा रहा है, ये देश पूरी तरह से सुरक्षित हैं. अगर इन देशों में से किसी देश में कोरोना का एक भी मरीज पहुंच जाता तो पूरा देश ही संक्रमित हो जाता, क्योंकि इन देशों के पास कोरोना से बचने लायक संसाधन ही नहीं हैं.
इसे नौरू के उदाहरण से समझते हैं. यहां की आबादी करीब 10,000 है. यहां पर सिर्फ एक अस्पताल है और यहां पर कोई वेंटिलेटर नहीं है. नौरू से ऑस्ट्रेलिया की फ्लाइट है, जो हफ्ते में तीन दिन जाती है. लेकिन कोरोना को देखते हुए फ्लाइट को 15 दिन में एक बार उड़ान भरने के लिए कहा गया. होटलों को क्वॉरंटीन सेंटर में बृदल दिया गया और जो लोग ऑस्ट्रेलिया से नौरू आ रहे थे, उन्हें दो हफ्ते के लिए इन्हीं क्वॉरंटीन सेंटर में भेज दिया गया. और इस तरह से इस देश ने खुद को कोरोना से बचा लिया. हालांकि अगर कोरोना का प्रकोप लंबा चला तो ये देश भी खुद को नहीं बचा पाएंगे. क्योंकि ये देश बाहर से आयात पर निर्भर हैं. लिहाजा ये लंबे समय तक अपने देश में लॉकडाउनन को नहीं झेल सकते. और लॉकडाउन खोलने का मतलब खतरा है. इसलिए कब इन देशों में भी कोरोना का वायरस चला जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.