कोरोना की वजह से खराब हुई अर्थव्यवस्था की हालत को सुधारने के लिए 1 जून से अनलॉक 1 शुरू हुआ था. 30 जून को इसका वक्त खत्म हो गया और अब 1 जुलाई से अनलॉक 2 शुरू हो गया है. लेकिन अनलॉक 1 में जिस रफ्तार से भारत में कोरोना का कहर बढ़ा है, उसने देश के सामने मुश्किल हालात पैदा किए हैं. भारत जैसे देश के लिए कितना भारी पड़ा है अनलॉक 1 और कितना भारी पड़ा है ये जून का महीना, इसे आंकड़ों के जरिए समझने की कोशिश करते हैं.


31 मई, 2020 को भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों का कुल आंकड़ा था 190,609. ये लॉकडाउन का आखिरी दिन था. इसके बाद 1 जून से अनलॉक 1 शुरू हुआ. लॉकडाउन था, लेकिन सिर्फ कंटेनमेंट जोन में. 1 जून से ज़िंदगी लगभग पटरी पर लौटने लगी थी. 2 जून को अनलॉक 1 का एक दिन बीता था. और इस दिन कोरोना के कुल मामले हो गए थे 207,191. अनलॉक 1 के पहले दिन यानि कि 1 जून को कुल 7761 मामले सामने आए, वहीं अगले दिन 2 जून को ये आंकड़ा बढ़कर 8821 तक पहुंच गया. और जैसे-जैसे दिन बीतते गए, कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया. 30 जून को जब अनलॉक 1 खत्म हुआ तब देश में कोरोना संक्रमण का कुल आंकड़ा 5,85,792 तक पहुंच गया था. यानि कि लॉकडाउन के दौरान जो कोरोना का संक्रमण दो लाख के आंकड़े को भी नहीं छू पाया था, वो अनलॉक 1 के खत्म होते-होते छह लाख के आंकड़े को छूने वाला था. इन 30 दिनों में भारत में कोरोना संक्रमण के कुल 3,95,183 मामले सामने आए थे. प्रतिशत के लिहाज से देखें तो कुल बढ़ोतरी हुई थी करीब 207 फीसदी.


अगर रोज के हिसाब से देखें तो जून महीने की शुरुआत से ही स्थितियां खराब होने लगी थीं. 1 जून को सामने आए थे 7761 मामले. 2 जून को ये बढ़ गया और कुल 8821 नए मामले सामने आए. 3 जून को 9633 नए मामले सामने आए. 6 जून को आंकड़ा 10 हजार के पार हो गया. उस दिन 10,438 नए केस सामने आए. 20 जून को नए केस का आंकड़ा 15 हजार को पार कर गया. कुल 15,915 नए केस सामने आए. 27 जून को नए केस का आंकड़ा 20 हजार को भी पार कर गया. उस दिन कुल 20,131 नए केस सामने आए. महीने के आखिरी दिन यानि कि 30 जून को कुल 18,256 नए मामले सामने आए. अब अगर इनका औसत निकाला जाए तो जून महीने में हर दिन करीब 13,172 नए मामले सामने आए हैं.


जून में स्थितियां कितनी खराब रही हैं, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आखिरी के दो लाख केस पिछले 12 दिनों में सामने आए हैं. इसके अलावा 31 मई को कोरोना की वजह से मरने वालों का कुल आंकड़ा 5,408 था जो 30 जून को 17,410 तक पहुंच गया. यानि की मौतों के आंकड़े में भी करीब 220 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसके अलावा अगर कुल संक्रमित मरीजों की संख्या और कुल ठीक हुए मरीजों की संख्या देखेंगे तो पता चलेगा कि ऐक्टिव केस की तुलना में ठीक होने वालों का आंकड़ा ज्यादा है. लेकिन अगर हर रोज के केस के हिसाब से देखें तो नए संक्रमित मरीजों की संख्या, ठीक होने वाले लोगों की संख्या में कम से कम पांच से छह हजार ज्यादा है. और जब तक ये आंकड़ा उल्टा नहीं होता है यानि कि जब तक हर रोज ठीक होने वालों की संख्या, हर रोज संक्रमित होने वालों की संख्या में ज्यादा नहीं हो जाती है, कोरोना का खतरा बरकरार है.


हालांकि जून महीने में कुछ अच्छे आंकड़े भी सामने आए हैं, जिनपर नज़र डालनी ज़रूरी है. 31 मई तक पूरे भारत में करीब 40 लाख सैंपल का टेस्ट किया गया था. लेकिन अकेले जून महीने में करीब 48 लाख सैंपल टेस्ट किए गए हैं. ICMR के 30 जून के आंकड़े के मुताबिक भारत में अब तक कुल 88,26,525 कोरोना सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं. ये बढ़े हुए केस, बढ़े हुए टेस्ट का भी नतीजा हैं. हालांकि ये भी अब साफ है कि अनलॉक 1 खूब लापरवाही हुई है जो अब भारी पड़ती दिख रही है.