भारत में कोरोना का संक्रमण अब 10 लाख के आंकड़े को पार कर चुका है. मौतों का आंकड़ा भी 25 हजार को पार कर चुका है. 17 जुलाई को सामने आए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या करीब 35 हजार है, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. इन नए केस के बाद भारत में संक्रमण का कुल आंकड़ा 1,003,832 हो गया है. इस आंकड़े के साथ ही भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरा ऐसा देश बन गया है, जहां कोरोना का आंकड़ा 10 लाख के पार हुआ है. इन आंकड़ों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी महाराष्ट्र की है. उसके बाद नंबर तमिलनाडु का है और तीसरे नंबर पर है दिल्ली. लेकिन पिछले कुछ दिनों के आंकड़ों पर नज़र डालें तो सबसे ज्यादा राहत की खबर भी दिल्ली से ही आई है.


24 घंटे के दौरान जो करीब 35 हजार नए केस सामने आए हैं, उनमें सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से हैं, जहां आंकड़ा 8641 है. वहीं दूसरे नंबर पर है तमिलनाडु जहां 4549 नए मामले सामने आए हैं. तीसरे नंबर पर है कर्नाटक, जहां 4169 मामले सामने आए हैं. चौथा नंबर आंध्रप्रदेश का है, जहां 2593 मामले सामने आए हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश है, जहां 2058 नए मामले सामने आए हैं. और अब बात अगर दिल्ली की करें तो यहां पर पिछले 24 घंटे के दौरान 1652 नए मामले सामने आए हैं.


इसी दिल्ली में जून महीने में हर रोज करीब 3000 नए केस आते थे. लेकिन फिर केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने हाथ मिलाया. एक साथ काम शुरू किया. एक कमिटी बनाई गई, जिसमें एम्स के डायरेक्टर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और तमाम प्रोफेशनल्स थे. जहां-जहां मैनपावर की कमी थी, उसे तुरंत पूरा किया गया. टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू हो गई, कंटेनमेंट जोन में सख्ती और बढ़ा दी गई, सिरोलॉजिकल सर्वे करवाया गया, प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू हुआ और लोगों तक ऑक्सीमीटर की पहुंच हो गई. इसकी वजह से संक्रमण तो कंट्रोल में आया ही, मौतों का आंकड़ा भी नियंत्रित हो गया. जिस दिल्ली में जून में हर रोज 3000 नए केस आते थे, उसी दिल्ली में जुलाई के दूसरे हफ्ते में नए केस का आंकड़ा 1200 से 1600 के बीच पहुंच गया.


हालांकि विशेषज्ञ दिल्ली में कोरोना के कम होते आंकड़ों को दूसरी नज़र से भी देखते हैं. दिल्ली सरकार के मुताबिक अब यहां हर रोज करीब-करीब 20 हजार टेस्टिंग होती है. इस टेस्टिंग में RT-PCR टेस्टिंग के अलावा एंटीजन टेस्ट भी शामिल हैं. एंटीजन टेस्टिंग का नतीजा जल्दी आ जाता है, तो टेस्टिंग की संख्या बढ़ जाती है. लेकिन एक फैक्ट और भी है कि सिर्फ एंटीजन टेस्टिंग के आधार पर ही किसी शख्स को कोरोना निगेटिव घोषित नहीं किया जा सकता है. खुद ICMR की ये गाइडलाइंस कहती है कि अगर किसी शख्स का एंटीजन टेस्ट कोरोना निगेटिव आ रहा है, तो फिर उसकी RT-PCR टेस्टिंग करनी ही होगी और तभी किसी को कोरोना पॉजिटिव या कोरोना निगेटिव घोषित किया जा सकता है.


रही बात दिल्ली में कोरोना से हो रही मौतों की, तो दिल्ली में कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़े में भी कमी आई है. अगर 15 जून से 21 जून के बीच का आंकड़ा देखें तो 504 लोगों की मौत हुई थी. यानि कि 72 मौतें हर दिन. वहीं पिछले हफ्ते यानि कि 6 जुलाई से 12 जुलाई के बीच मौतों का आंकड़ा 305 है. यानि कि करीब 43 मौतें हर दिन. इन आंकड़ों से जाहिर है कि दिल्ली में कोरोना फिलहाल नियंत्रण में दिख रहा है, लेकिन ये कितने दिनों तक नियंत्रण में रहेगा, इसका दावा कोई नहीं कर सकता.


रही बात देश के दूसरे हिस्सों की, तो अब भी महाराष्ट्र देश के लिए सबसे बड़ी चिंता बना हुआ है. दक्षिण भारत के राज्यों की ओर से सरकारें निश्चिंत थी कि वहं कोरोना का संक्रमण नियंत्रण में है, लेकिन अब आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में जिस तरह से केस बढ़ते जा रहे हैं, वो सरकारों के लिए परेशानी का सबब हैं. बिहार में भी शुरुआती दौर में कोरोना नियंत्रण में था, उत्तर प्रदेश के तो मॉडल तक की बात होने लगी थी, लेकिन अब इन दोनों राज्यों में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.