(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Explained: आज से वैक्सीनेशन के लिए नई गाइडलाइन प्रभावी, आखिर टीका लेना हुआ कितना आसान? जानें- सभी सवाल के जवाब
केंद्र ने 18+ के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीनेशन मुहैया कराने के लिए गाइडलाइन जारी की है. टीकाकरण से संबंधित आपके मन में उठ रहे सभी सवालों का जवाब यहां पढ़ सकते हैं.
नई दिल्ली: देश में कोविडटीकाकरण की आज से नई नीति लागू हो गई है. अब केंद्र की ओर से 18 साल से ऊपर सभी व्यक्तियों को सरकारी सेंटर पर मुफ्त टीका लगाया जा रहा है. सात जून को देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने 21 जून से सभी राज्यों में 18 से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए मुफ्त टीकाकरण मुहैया कराने का एलान किया था. इसके लिए नई गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं.
अब गाइडलाइन में क्या बदलाव किए गए
पहले अगर राज्यों ने टीकाकरण मुफ्त नहीं किया है तो 18 से 44 साल तक के लोगों को भुगतान करना पड़ सकता था. लेकिन अब देशभर के सभी सरकारी सेंटर पर मुफ्त टीका लगाया जा रहा है. पहले टीका निर्माताओं से केंद्र कुल उत्पादन का 50 फीसदी हिस्सा ही खरीद रही थी. इब कंपनियों से 75 फीसदी हिस्सा केंद्र की ओर से खरीदा जाएगा. पहले 25 फीसदी टीका राज्यों को खरीदना था, अब राज्य सरकारों की टीकाकरण खरीद में कोई भूमिका नहीं है.
कोविन ऐप पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं
नई गाइडलाइंस के अनुसार, वैक्सीनेशन सेंटर पर जाने से पहले कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य नहीं है. आप अपनी सुविधा के अनुसार वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर भी ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. हालांकि कोविन पोर्टल में सरकार ने किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. आप चाहें तो सेंटर पर जाने से पहले भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
टीकाकरण के लिए नए दिशानिर्देश की मुख्य बातें
- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी जाने वाली फ्री ऑफ कॉस्ट वैक्सीन को प्राथमिकता के आधार पर लगाया जाएगा. पहले हेल्थ केयर वर्कर्स, फिर फ्रंट लाइन वर्कर्स, इसके बाद 45 साल से अधिक उम्र के लोग, जिन लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जानी है और फिर 18 साल या उससे ऊपर के लोग.
- भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवांस में उन्हें सप्लाई की जाने वाली वैक्सीन की डोज के बारे में जानकारी देगी. इसी तरह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी एडवांस में डिस्ट्रिक्ट और वैक्सीनेशन सेंटर्स को उन्हें दी जाने वाली डोज के बारे में जानकारी देंगे. ताकि इसे और अधिक विजिबल और सुविधाजनक बनाया जा सके.
- आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को सरकार की तरफ से ई-वाउचर मुहैया कराया जाएगा. इस वाउचर के जरिए ये लोग प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री टीका लगवा सकते हैं. हालांकि केंद्र ने ये अपील भी की है कि आर्थिक रूप से सक्षम लोग प्राइवेट अस्पतालों में पैसे देकर वैक्सीन लगवाएं.
निजी अस्पतालों के लिए अधिकतम कीमत क्या है
सरकार ने देश में उपलब्ध तीन कोविड टीकों के लिए निजी अस्पतालों द्वारा वसूले जाने वाला अधिकतम कीमत भी तय कर दी है. इसके तहत निजी अस्पताल कोविशील्ड के लिए 780 रुपये, कोवैक्सीन के लिए 1410 रुपये और स्पूतनिक-वी के लिए अधिकतम 1145 रुपये वसूल कर सकते हैं. ये वैक्सीन के एक डोज की कीमत है. इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल आपसे सर्विस चार्ज के रूप में 150 रुपए तक ले सकते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि अगर निजी टीकाकरण केंद्र टीकों के लिए निर्धारित दाम से ज्यादा दाम वसूलें तो उनके खिलाफ उचित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
फ्री वैक्सीनेशन के लिए कितना खर्चा आएगा
नई वैक्सीन नीति के लिए अब सरकार को 45-50 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता पड़ेगी. इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैक्सीन की खरीद और उसे लोगों को देने के 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था. दूसरी ओर पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) इस साल नवंबर तक जारी रखने का एलान किया है. इस योजना पर इस वित्त वर्ष में 1.1-1.3 लाख करोड़ तक का खर्चा आ सकता है.
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