Mobile Phone Application: आज के दौर में हम सभी स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं. स्मार्ट और तकनीक से भरी इस दुनिया में बिना स्मार्ट फोन के कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है. स्मार्ट फोन हमारी जरूरत और मजबूरी दोनों बन गए हैं. दरअसल, हम अपने फोन में किसी न किसी एप्लिकेशन का इस्तेमाल जरूर करते है. कई एप्लिकेशन हमारी प्राइवेसी का ध्यान रखती हैं तो कई बार हमारी प्रइवेसी में सेंधमारी हो जाती है.


सोचकर "Allow" पर क्लिक करें
फोन में एप्लिकेशन चलाते समय कई बार आपसे अनुमति मांगी जाती है, जिसे आप परमिशन दे भी देते हैं. लेकिन क्या होता है जब आप किसी एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय "Allow" पर क्लिक करते हैं? इस स्टोरी में हम जानेंगे कि एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय क्यों Allow का बटन सोच-समझकर दबाना चाहिए.


मुश्किल में फंसने से बचें
जानकर हैरानी होगी कि स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हुए एप्लीकेशन डाउनलोड करते समय आप जो परमीशन देते हैं, असल में वही साइबर फ्रॉड में सहायक बनती है. अब इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, ऐसा नहीं करने पर आप मुश्किल में फंस सकते हैं. यदि अगर आप इसपर अमल करें तो साइबर खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता है.             


ऐसी एप्लीकेशन मौजूद असुरक्षित
ऐसी हजारों की संख्या में एप्लीकेशन मौजूद हैं जो साइबर खतरे के लिहाज से असुरक्षित तो हैं ही, फोन में ई-वॉलेट से तमाम गोपनीय जानकारियों को भी चुराने में सक्षम होते हैं. इनका इस्तेमाल कर साइबर जालसाज चंद सेकेंड में आप के बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं, या फिर फोटो और डॉक्युमेंट चुरा सकते हैं.




चाइनीज एप्स की भरमार
दरअसल, एंड्राइड फोन में इस्तेमाल होने वाले ‘प्ले स्टोर’ पर चाइनीज एप्स की भरमार है, जिनसे सबसे ज्यादा खतरा रहता है. हाल ही में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सभी पुलिस कर्मियों और उनके परिवारों को 52 चाइनीज एप्लीकेशन तुरंत अनइंस्टाल करने की सलाह दी थी.


क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
साइबर एक्सपर्ट मानते हैं कि स्मार्ट फोन पर थर्ड पार्टी एप के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही यूजर की प्राइवेसी पर भी खतरा मंडरा रहा है. फेस ब्यूटी, फोटो एडिटिंग, गेम्स, सहित ऐसे कई थर्ड पार्टी एप्लीकेशन हैं जो निजी जानकारियों का एक्सेस शेयर करने की अनुमति मांगते हैं. वहीं गूगल प्ले स्टोर पर अनगिनत थर्ड पार्टी एप्स् मौजूद हैं. इनमें आपके फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट, सोशल मीडिया का एक्सेस, आपकी लोकेशन, ब्राउजर हिस्ट्री समेत कई तरह की जानकारियां मांगते हैं.


ऐसे में Allow का बटन दबाने से बचें
कई बार ऐसा होती है कि आप एप्लीकेशन इंस्टॉल करते के दौरान एक के बाद एक Allow का बटन दबाते चले जाते हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आगे से पहले पूरी जानकारी लेने के बाद ही एप्लीकेशन को अनुमति दें, ऐसा करने से आपकी प्रइवेसी बच सकती है.


हैकरों से रहें सावधान
एप इंस्टॉल करते समय परमिशन देने के बाद हैकर स्मार्ट फोन को रिमोट एक्सेस पर लेकर डाटा को आसानी से चुरा लेते हैं.  क्योंकि इस्तेमाल करने की परमीशन एप इंस्टॉल करने के समय यूजर अनजाने में दे चुके होते हैं. इस तरह हैकर परमीशन के बाद वह सारा डाटा एक्सेस कर लेते हैं, इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है.




ये सावधानियां बरतें



  • जरुरत न हो तो अपने मोबाइल का डाटा ऑफ रखें.

  • सार्वजनिक जगहों पर फ्री के वाइफाई के इस्तेमाल से बचें.

  • थर्ड पार्टी एप तो डाउनलोड करने से बचें.

  • फोन में सिक्योरिटी एप का इस्तेमाल जरुर करें.

  • एप डाउनलोड करते समय उसकी प्राइवेसी पॉलिसी देखें.


सतर्क रहने की जरुरत
इंटरनेट पर एप्लीकेशन की बाढ़ सी आ गई है. इससे हमें फायदे और नुकसान दोनों है, हमें जरुरत है तो बस सावधान और सतर्क रहने की. बीते सालें में रुटीन क्राइम के साथ-साथ साइबर क्राइम की घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है. इसलिए साइबर खतरों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरुरत होती है.


गैर जरूरी एप डाउनलोड न करें
साइबर खतरों से बचने के लिए सबसे पहले आप मोबाइल में गैर जरूरी एप्लीकेशन डाउनलोड न करें. अगर आप डाउनलोड कर भी रहे हैं तो कांटेक्ट लिस्ट, फोटो गैलरी वगैरह की परमीशन नहीं दें. इस तरह साइबर खतरों से काफी हद तक बचा जा सकता है.


ऐसे एप को बेहिचक न कहें
इसी के साथ में आप किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के बाद जब इंस्टॉल करें तो ध्यानपूर्व सभी चीजों को पढ़ें. आपसे ऐप किसी भी चीज की परमिशन मांगता है तो वो Allow करने से पहले आप पढ़े कि वो क्यों परमिशन मांग रहा है. अगर आपको लगता है कि उस ऐप को आपके फोन की उस चीज के अनुमति की जरूर नहीं है तो आप उसे बेहिचक मना कर दें. इस तरह से आप साइबर क्राइम से काफी हद तक बचे रह सकते हैं.