भारत में कोरोना का पहला केस आया था 30 जनवरी को. एक केस से 10 हजार केस तक पहुंचने में करीब ढाई महीने का वक्त लगा. भारत में 13 अप्रैल को कोरोना का आंकड़ा 10 हजार को पार कर गया था. लेकिन अगर बात मई महीने की करें तो सिर्फ 16 मई और 17 मई यानि कि दो दिनों में ही कोरोना के 10 हजार से भी ज्यादा नए मामले सामने आ चुके हैं. 17 मई को 24 घंटे के अंदर 5200 से ज्यादा केस सामने आए, जबकि 16 मई को 4800 से ज्यादा मामले सामने आए थे.
ये दावा सरकार के उस दावे के ठीक उलट है, जिसमें कहा गया था कि मई महीने में कोरोना का कर्व फ्लैट होने लगेगा यानि कि कोरोना पॉजिटिव की संख्या घटने लगेगी. नीति आयोग के सदस्य और कोविड 19 का संक्रमण रोकने के लिए बने एम्पावर्ड ग्रुप के ग्रुप 1 के चेयरमैन डॉक्टर वीके पॉल ने लॉकडाउन के फैसले को सही बताते हुए कहा था कि मई के पहले और दूसरे हफ्ते में संक्रमण कम हो जाएगा. ग्राफ के जरिए डॉक्टर पॉल ने कहा था कि 16 मई को भारत में कोरोना का एक भी केस नहीं होगा. प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने इस ग्राफ को ट्वीट किया था.
लेकिन 16 मई के आंकड़ें देखें तो उस दिन करीब कोरोना पॉजिटिव करीब पांच हजार नए मामले सामने आए. 17 मई को ये आंकड़ा और बढ़ गया और दो दिनों को मिलाकर आंकड़ा 10 हजार को पार कर गया. ये तब हुआ, जब लॉकडाउन चल ही रहा है. फिर ऐसा क्या हुआ कि एक दिन में मामले पांच-पांच हजार तक बढ़ने लगे हैं. कुछ विशेषज्ञ इसके पीछे लॉकडाउन में दी जा रही ढील को जिम्मेदार मान रहे हैं.
4 मई से तीसरे लॉकडाउन की शुरुआत हुई है और इसी लॉकडाउन में लोगों को थोड़ी छूट मिलनी शुरू हुई है. वहीं लाखों की संख्या में मजदूर पैदल, साइकल से और ट्रकों पर बैठकर अपने-अपने घर जाने के लिए निकल गए हैं. कुछ मज़दूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भी अपने घर पहुंचे हैं. और इनमें सैकड़ों लोग कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं. 18 मई से लॉकडाउन में थोड़ी और छूट मिली है तो और भी ज्यादा लोग सड़क पर आएंगे. और जितने ज्यादा लोग सड़क पर आएंगे, सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होगी और कोरोना का कहर बढ़ेगा.
महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में तो कोरोना के मामले हर रोज बढ़ ही रहे हैं, लेकिन अब बिहार और ओडिशा में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बिहार में 16 मई को 145 नए केस सामने आए औऱ 17 मई को 106 नए केस सामने आए. इसके साथ ही बिहार में कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1284 तक पहुंच गई. ओडिशा में भी अब तक कुल 876 मामले सामने आए हैं और इनमें से 48 केस अकेले 17 मई को सामने आए थे.
17 मई को दिल्ली में भी 299 नए केस सामने आए और इसी के साथ वहां भी कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 10 हजार को पार कर गया. इससे पहले महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में आंकड़ा 10 हजार को पार कर चुका है. गोवा जैसे राज्य में भी 17 मई को 10 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. गोवा वो राज्य है, जहां पर सात कोरोना पॉजिटिव थे और सब ठीक हो गए थे.
पिछले एक महीने से गोवा में कोरोना का कोई नया मरीज नहीं था, लेकिन 17 मई को वहां भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ गए. गोवा में पिछले चार दिनों में 18 नए केस सामने आए हैं और इसकी वजह ये है कि गोवा में दिल्ली से एक श्रमिक ट्रेन पहुंची है. वहीं तेलंगाना और केरल में भी स्थितियां खराब होती जा रही हैं. हिमाचल प्रदेश और असम में भी लंबे समय के बाद कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने लगे हैं.