Explainer: क्या है ला-नीना, जिसने ठंड से उत्तर भारत में लोगों को झकझोर दिया
La Nina Effect: दिल्ली में जहां ठंड का रिकॉर्ड टूट गया, राजस्थान में कई जगह पारा माइनस में पहुंच गया. ठंड का आलम यह है कि लद्दाख में नदी जम गई. नदी के पानी की जम चुकी ऊपरी परत चांदी की तरह चमक रही.
North-West India in La Nina Effect: उत्तर भारत इस वक्त जबरदस्त शीतलहर (Cold Wave) की चपेट में है. दिल्ली (Delhi) से लेकर कश्मीर तक शीतलहर (Cold Wave) का प्रकोप बना हुआ है. राजधानी में पारा सामान्य से 5 डिग्री लुढ़ककर 3.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया जो अभी तक इस मौसम का सबसे कम न्यूनतम तापमान है. ज्यादातर अन्य स्थानों पर भी न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से 6 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है.
हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल में भी हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है. राजस्थान (Rajasthan) के चुरू में रविवार को सबसे कम शून्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया. अगर मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो IMD शीतलहर की घोषणा करता है. बताया जा रहा है कि इस साल 'ला-नीना' (La Nina) के प्रभाव के कारण उत्तर भारत में सामान्य से अधिक ठंड बढ़ गई है.
इतनी ज्यादा ठंड पड़ने की भविष्यवाणी मौसम वैज्ञानिकों ने पहले ही कर दी थी. इसकी वजह है ला नीना (La Nina). मौसम में परिवर्तन लाने वाली एक जटिल प्रक्रिया का नाम है. ये स्पेनिश शब्द है. इसका मतलब होता है छोटी बच्ची.
क्या है ला-नीना (La Nina)?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अल नीनो और ला नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में होने वाले परिवर्तन से है. वैज्ञानिक भाषा में प्रशांत महासागर में भूमध्य रेखा से ऊपर 140 से 120 डिग्री के बीच के हिस्से को नीनो-3.4 रीजन कहा जाता है, जब इस क्षेत्र में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से नीचे होता है तो इस स्थिति को ला-नीना कहते हैं. इससे दुनियाभर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है. इसकी वजह से अल नीनो की वजह से तापमान गर्म हो जाता है और ला नीना की वजह से ठंडा. ला नीना की वजह से भारत में भारी ठंड और बारिश की संभावना बढ़ जाती है.
ला-नीना का मौसम से संबंध
- ला नीना (La Nina) की शुरुआत प्रशांत महासागर में होती है और इसका असर दुनियाभर के मौसमों पर होता है
- प्रशांत महासागर के बीच में मौजूद नीनो नाम के इलाके में मौसम संबंधी बदलाव होते हैं
- नीनो इलाके का तापमान बढ़ता है तो इसे अल नीनो कहा जाता है, ये गर्मी को बढ़ाता है
- नीनो इलाके का तापमान जब घटता है तो इसे ला नीना कहा जाता है, ये ठंड को बढ़ाता है.
तो इसी ला-नीना की वजह से उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में सर्दी सामान्य से अधिक रहने की संभावना बताई गई है. कहा यही जा रहा है कि प्रशांत महासागर का 'ला नीना' सामान्य से अधिक तेजी से ठंडा हो रहा है, जिसका असर अभी दिख रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिन और ज्यादा ठंडे रहने वाले हैं. सर्दी और ज्यादा बढ़ने वाली है.