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पाकिस्तान में इमरान खान का राजनीतिक करियर हो गया खत्म? जानें अब क्या बचे हैं विकल्प
Imran Khan को चुनाव आयोग ने संसद सदस्य बनने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री का राजनीतिक करियर समाप्त हो गया है या उनके पास कोई विकल्प बचा है.
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Imran Khan Disqualification: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (Election Commission) ने शुक्रवार को तोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया. इस फैसले के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान अगले पांच साल तक संसद के सदस्य नहीं बन सकते. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इमरान खान का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है? या फिर अभी भी उनके पास अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए कोई विकल्प बचा है.
क्या है विकल्प?
पहले ये जान लेते हैं कि इमरान खान के पास अब क्या विकल्प बचा है. चुनाव आयोग के फैसले के बाद हर किसी को इमरान खान या फिर उनकी पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार था. ऐसे में पीटीआई के महासचिव असद उमर सामने आए और उन्होंने घोषणा की कि इस फैसले को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. दूसरी ओर, पीटीआई के एक अन्य नेता फवाद चौधरी ने चुनाव आयोग के फैसले को खारिज कर दिया और इमरान खान के समर्थकों से विरोध प्रदर्शन करने को कहा.
इमरान का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है?
चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इमरान खान का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है. फिलहाल तो ऐसा बिल्कुल नहीं लग रहा है, क्योंकि पीटीआई ने चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करने से इनकार किया है और कोर्ट जाने की तैयारी है. इसी के साथ इमरान खान की पॉपुलैरिटी भी पाकिस्तान में पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है. इसका सबूत है पाकिस्तान में हुए ताजा उपचुनाव के नतीजे.
उपचुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीती
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने देश में संसद और प्रांतीय विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की है. न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, उपचुनाव के लिए रविवार (9 अक्टूबर) को मतदान हुआ और मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Imran Khan's party PTI) के बीच था.
इमरान खान की लॉन्ग मार्च की तैयारी
पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान ने शुक्रवार को अपने समर्थकों से पाकिस्तान के चुनाव आयोग के तोशाखाना मामले में उन्हें अयोग्य घोषित करने के फैसले के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को वापस लेने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से पार्टी के लॉन्ग मार्च के लिए तैयार रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "मैंने कहा था कि मैं महीने के अंत तक एक लंबा मार्च निकालूंगा. मैं सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन करूंगा...वास्तविक स्वतंत्रता के लिए मेरा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कानून की सर्वोच्चता स्थापित नहीं हो जाती."
कई मामले दर्ज, लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है, लेकिन उन पर कई ऐसे मामले दर्ज हैं, जिससे उनका राजनीतिक करियर खत्म हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, कई मामलों को लेकर उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. ऐसे ही कुछ मामले हम आपको बताने जा रहे हैं.
विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन
69 वर्षीय राजनेता के खिलाफ पहली एफआईआर में कहा गया है कि वूटन क्रिकेट लिमिटेड के मालिक आरिफ मसूद नकवी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के बैंक खातों में से एक में "गलत तरीके से" धन ट्रांसफर किया है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि खान और पीटीआई ने पैसों के लेन-देन में लाभार्थी बनकर विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन किया है.
महिला जज, पुलिस को धमकी देने का आरोप
इस साल अक्टूबर में पाकिस्तान की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने जेबा चौधरी नाम की एक महिला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश को कथित रूप से धमकाने के लिए खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इस मामले में खान ने सत्र अदालत में जजों के सामने पेश होने के बाद जेबा चौधरी से व्यक्तिगत रूप से माफी भी मांगी थी.
'लीक' ऑडियो टेप केस
2 अक्टूबर को पाकिस्तान कैबिनेट ने लीक हुई ऑडियो फाइलों को लेकर खान के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला किया. जिसमें पूर्व पीएम को कथित तौर पर अपनी पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा करते हुए सुना जा सकता है कि कैसे अमेरिका के नेतृत्व वाली साजिश के रूप में उन्हें पद से हटाने की साजिश रची जाए. कहा जाता है कि ये टेप उस समय के हैं जब वह प्रधानमंत्री थे और नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे थे.
'आजादी मार्च' के दंगे
इस साल मई में, पाकिस्तान पुलिस ने 'आजादी मार्च' के दौरान हुए दंगों को लेकर खान और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जो शरीफ प्रशासन के विरोध में किया गया था. मामले में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिसमें मेट्रो बस स्टेशनों को जलाने, सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाने का जिक्र है.
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