Xplained: कृषि कानून रद्द करने की क्या है संवैधानिक प्रक्रिया, यहां समझिए
Farm Laws To Be Repealed: क्या पीएम मोदी के एलान करने भर से ही कृषि कानून निरस्त हो गए? नहीं. कानून निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया होती है. समझिए क्या है कानून निरस्त करने की संवैधानिक प्रक्रिया
Farm Laws To Be Repealed: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का बड़ा एलान किया है. पीएम मोदी ने आंदोलन कर रहे किसानों से नई शुरुआत करने और अपने-अपने घर, अपने खेत और अपने परिवार के बीच लौटने का आग्रह किया. साथ ही वादा किया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इन कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देगी. आखिर क्या है संवैधानिक प्रक्रिया, यहां समझते हैं
कृषि कानून रद्द करने की क्या है संवैधानिक प्रक्रिया
तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए सबसे पहले कानून मंत्रालय की ओर से कृषि मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके बाद कृषि मंत्रालय के मंत्री कानूनों को रद्द करने के लिए संसद में बिल पेश करेंगे. पहले सरकार की ओर से लोकसभा में बिल पेश किया जाएगा. यहां बहस होगी और वोटिंग होगी. लोकसभा से बिल पास होने के बाद राज्यसभा में बिल पेश किया जाएगा. यहां भी बहस होगी और फिर वोटिंग होगी. इसके बाद राष्ट्रपति के पास बिल भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद तीनों नए कृषि कानून निरस्त हो जाएंगे.
ये तीनों कृषि कानूनों होंगे रद्द
- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
- कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
सुप्रीम कोर्ट तीनों कृषि कानूनों पर लगा रखी है रोक
इन तीनों कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जनवरी 2021 में केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर अस्थाई तौर पर रोक लगाने का एलान किया था. इसके साथ ही कोर्ट ने एक कमेटी का भी गठन किया था लेकिन किसान कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए थे. किसानों का मानना था कि ये काले कानून है जो सरकार को वापस लेने चाहिए. इसके लिए पंजाब, हरियाणा और हिमाचल राज्यों में किसानों के बीच 3 नवंबर 2020 से सुगबुगाहट शुरू हुई थी. इसके बाद कृषि मंडियों, जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तरों और सड़कों पर कुछ छोटे विरोध प्रदर्शन किए गए. वहीं इसके बाद किसानों ने अपने आंदोलन को बड़ा करते हुए 25 नवंबर को दिल्ली कूच करने का एलान किया था.
तीन कृषि कानून पर क्या बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं सभी देश वासियों से क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से कहना चाहता हूं कि हमारे प्रयास में कमी रही होगी कि हम उन्हें समझा नहीं पाए. आज गुरू नानक जी का पवित्र प्रकाश पर्व है. आज मैं आपको ये बताने आया हूं, कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे. मेरी किसानों से अपील है कि अपने घर लौटें, खेतों में लौटें.'
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