Rahul Gandhi Mission South: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों कांग्रेस (Congress) की खोई हुई सियासी जमीन मजबूत करने के इरादे से 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) पर हैं. केरल के बाद राहुल गांधी की यात्रा ने कर्नाटक में एंट्री ली है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के स्वागत में यहां उनके कई पोस्टर्स लगाकर उनका जोरदार स्वागत किया. 2014 में लोकसभा चुनावों में हार के बाद से कांग्रेस सत्ता की लड़ाई में लगातार बीजेपी (BJP) से पिछड़ती जा रही है. राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड को छोड़कर आज कांग्रेस पूरे देशभर सत्ता से बाहर है.
आजादी के बाद देश में पहले आम चुनाव साल 1952 में हुए थे. उस समय पूरे देश में कांग्रेस ने 21 राज्यों में अपनी सरकार बनाई थीं. आज 2022 में यह आंकड़ा 2 राज्यों में सिमट कर रहा गया है. झारखंड और बिहार में कांग्रेस की हैसियत नंबर दो और तीन की रह गई है. 2014 के बाद से कांग्रेस का लगातार पतन जारी है. एक के बाद एक कई राज्यों से कांग्रेस सत्ता से बाहर हो चुकी है.
राहुल का दक्षिण भारत पर फोकस
राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपना पूरा फोकस दक्षिण भारत के राज्यों में कांग्रेस की नींव मजबूत करने में लगे हुए हैं. राहुल गांधी के लिए मिशन 2024 के लिए दक्षिण भारत काफी अहम है. दक्षिण भारत के पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक से कुल मिलाकर लोकसभा की 129 सीटें आती हैं. राहुल गांधी को अगर केंद्र में कांग्रेस की सत्ता स्थापित करनी है तो उन्हें दक्षिण भारत में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने पर फोकस करना होगा.
राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 22 महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा करेंगे, जिसमें से नौ दक्षिण भारत में स्थित है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेस और तेलंगाना में लोकसभा की 129 सीटों में से 28 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी इन राज्यों में 29 सीट जीतने में कामयाब रही थी.
मुश्किल समय में दक्षिण भारत से मिला साथ
कांग्रेस के इतिहास को देखा जाए तो जब-जब पार्टी मुश्किल में पड़ी है उसे दक्षिण भारत का भरपूर साथ मिला है. आपातकाल के बाद हुए चुनाव में इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी दोनों ही अपनी सीट हार गए थे. कांग्रेस को चुनाव में केवल 153 सीट ही हासिल हुई थी, जिसमें से अकेले 92 सीट दक्षिण भारत के राज्यों से मिली थी. मौजूदा समय में कांग्रेस लगभग उसी दौर में पहुंच चुकी है. पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह के चलते लगातार इसका जनाधार खोता जा रहा है. राहुल गांधी इसलिए दक्षिण भारत के राज्यों पर फोकस कर एक बार फिर से पार्टी को खड़ा करने की कोशिश में लगे हुए हैं.
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