Explained : पहले लॉकडाउन की शुरुआत से लेकर दूसरे लॉकडाउन के खतम होने तक देश के राज्यों में क्या-क्या हुआ, पढ़िए पूरा विश्लेषण
देश में 4 मई से लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. इस दौरान राज्यों में कोरोना कैसे पैर पसारता गया, पढ़िए इसका पूरा विश्लेषण.
लॉकडाउन का दूसरा चरण खत्म हो चुका है और तीसरे की शुरुआत हो चुकी है. ये तीसरा लॉकडाउन 17 मई तक चलेगा, जिसमें पिछले दो लॉकडाउन के मुकाबले कुछ छूट दी गई है. लेकिन पिछले दो लॉकडाउन के दौरान देश और अलग-अलग राज्यों में ऐसा क्या हुआ कि लॉकडाउन का तीसरा चरण लगाना पड़ा, इसे समझने की कोशिश करते हैं.
महाराष्ट्र फिलहाल देश में महाराष्ट्र ऐसा राज्य है, जो कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित है. तीसरे लॉकडाउन की शुरूआत वाले दिन यानि कि 4 मई की सुबह तक महाराष्ट्र में कुल 12,974 कोरोना पॉजिटिव केस आ चुके थे. इनमें से 548 लोगों की मौत हो चुकी थी, जबकि 2,115 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके थे. 4 मई की सुबह तक महाराष्ट्र में ऐक्टिव केस की संख्या 10,311 थी. लेकिन 24 मार्च को जब पहले लॉकडाउन का ऐलान हुआ था, उस दिन महाराष्ट्र में मात्र 116 कोरोना पॉजिटिव केस थे. 4 अप्रैल को महाराष्ट्र में आंकड़ा 500 को पार कर गया था और ये 635 तक पहुंच गया था. 14 अप्रैल को जब दूसरे लॉकडाउन का ऐलान हुआ, उस दिन महाराष्ट्र में 2,684 केस सामने आ चुके थे. एक हफ्ते के अंदर आंकड़ा पांच हजार को पार कर गया. 21 अप्रैल को महाराष्ट्र में 5,218 केस हो गए थे. 1 मई को जब तीसरे लॉकडाउन का ऐलान हुआ, उस दिन महाराष्ट्र में 11,506 केस हो चुके थे.
गुजरात कोरोना की वजह से दूसरा सबसे प्रभावित राज्य है गुजरात. यहां अब तक कुल 5,428 केस सामने आ चुके हैं. 24 मार्च को जब पहले लॉकडाउन का ऐलान हुआ था, उस दिन गुजरात में कोरोना पॉजिटिव सिर्फ 38 केस सामने आए थे. गुजरात में 4 अप्रैल को आंकड़ा 100 के पार पहुंचा और 108 हो गया. 14 अप्रैल को जब दूसरे लॉकडाउन का ऐलान हुआ, उस दिन तक गुजरात में 650 केस सामने आए थे. 1 मई को जब तीसरे लॉकडाउन की घोषणा गृह मंत्रालय की ओर से की गई, उस दिन गुजरात में आंकड़ा 4,721 पहुंच गया था.
दिल्ली कोरोना की वजह से तीसरा सबसे प्रभावित राज्य है दिल्ली. यहां पर कोरोना का पहला केस सामने आया था 2 मार्च को. 24 मार्च को जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई, उस दिन दिल्ली में आंकड़ा 30 तक था. 14 अप्रैल को जब दूसरा लॉकडाउन शुरू हुआ, उस दिन दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव कुल 1,561 मामले सामने आ चुके थे. 1 मई को तीसरे लॉकडाउन के एनाउंस के दौरान दिल्ली में आंकड़ा 3,515 तक पहुंच चुका था.
तमिलनाडु तमिलनाडु में अब तक कोरोना के कुल 3,023 केस सामने आए हैं. 24 मार्च को जब पहला लॉकडाउन शुरू हुआ, उस दिन तमिलनाडु में कुल 18 केस थे. 15 अप्रैल को जब पहला लॉकडाउन खत्म हो रहा था, उससे एक दिन पहले 14 अप्रैल को ही दूसरे लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया. उस दिन तक तमिलनाडु में कुल 1204 केस हो गए थे. 1 मई को तीसरे लॉकडाउन के एनाउंस के दौरान तमिलनाडु में कोरोना पॉजिटिव केस की कुल संख्या 2,526 हो गई थी.
राजस्थान राजस्थान में अब तक कोरोना के कुल 2,886 मामले सामने आए हैं. यहां पर 3 मार्च को पहली बार एक साथ तीन केस रजिस्टर हुए थे. 24 मार्च को जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा, तो उस वक्त राजस्थान में कोरोना के कुल 36 केस सामने आए थे. 14 अप्रैल को जब लॉकडाउन बढ़ा तो उस दिन तक राजस्थान में कुल 1005 केस थे. और जब 1 मई को तीसरी बार लॉकडाउन का ऐलान हुआ, राजस्थान में आंकड़ा दो हजार को पार कर गया था और ये 2,666 पर पहुंच गया था.
मध्यप्रदेश यहां पर भी कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा दो हजार के पार है. फिलहाल मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना के कुल 2,837 मामले सामने आए हैं. 24 मार्च को जब पहला लॉकडाउन लगा तो उस दिन राज्य में मात्र 14 केस ही थे. 14 अप्रैल को जब पहली बार लॉकडाउन बढ़ाया गया, उस दिन तक मध्य प्रदेश में कुल 741 मामले सामने आ चुके थे. और जब 1 मई को लॉकडाउन दूसरी बार बढ़ा और लॉकडाउन 3.O की घोषणा हुई, मध्यप्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 2,715 तक पहुंच गया था.
उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना के अब तक कुल 2,645 मामले सामने आ चुके हैं. यूपी में कोरोना का पहला मामला 4 मार्च को सामने आया था. उस दिन एक ही साथ 6 कोरोना मरीज मिले थे. 24 मार्च को जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा, उस दिन तक यूपी में कुल 38 केस मिले थे. 14 अप्रैल को जब दूसरे लॉकडाउन की बात हुई तो आंकड़ा बढ़कर 660 तक पहुंच गया था. और 1 मई को जब तीसरे लॉकडाउन की घोषणा हुई, यूपी में ये आंकड़ा बढ़कर 2,328 हो गया था.
आंध्रप्रदेश आंध्रप्रदेश में कोरोना के कुल 1,583 मामले सामने आए हैं. इस राज्य में कोरोना का पहला मामला 7 मार्च को सामने आया था. 24 मार्च को जब लॉ़कडाउन लगा, राज्य में कोरोना पॉजिटिव का आंकडा सिर्फ 10 तक था. 14 अप्रैल को जब दूसरे लॉकडाउन की बात पीएम मोदी ने की, उस दिन तक राज्य में कुल 483 केस सामने आए थे. 1 मई को जब गृहमंत्रालय की ओर से ये कहा गया कि 14 दिनों के लिए फिर से लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है, आंध्र प्रदेश में मामले 1,463 हो गए थे.
पंजाब पंजाब में भी कोरोना के कुल मामले एक हजार के पार हैं. यहां अब तक कुल 1,102 केस सामने आए हैं. हालांकि यहां पर महाराष्ट्र के नांदेड़ से आए लोगों की वजह से आंकड़ों में दो दिन के अंदर करीब-करीब दोगुने मामले बढ़े हैं. पंजाब में 9 मार्च को कोरोना का पहला केस सामने आया था. 24 मार्च को जब पहला लॉकडाउन शुरू हुआ, पंजाब में कुल 29 केस दर्ज हुए थे. 14 अप्रैल को जब दूसरे लॉकडाउन की घोषणा हुई, उस दिन तक पंजाब में सिर्फ 184 केस ही सामने आए थे. और जब 1 मई को तीसरे लॉकडाउन की घोषणा हुई पंजाब में आंकड़ा 585 तक पहुंच चुका था.
तेलंगाना तेलंगाना में भी कोरोना के कुल मामले 1000 से ज्यादा हैं. यहां अब तक कुल 1,082 मामले सामने आ चुके हैं. तेलंगाना में कोरोना का पहला मामला सामने आया था 2 मार्च को. 24 मार्च को जब देश में लॉकडाउन शुरू हुआ, तेलंगाना में कुल 39 मामले सामने आए थे. 15 अप्रैल को जब दूसरे लॉकडाउन की शुरुआत हुई, तेलंगाना में कुल 650 केस सामने आ चुके थे. 1 मई को जब तीसरे लॉकडाउन की घोषणा हुई, तेलंगाना में मामले एक हजार को पार करके 1,044 पहुंच गए थे.
पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल में अब भी कोरोना के मामले एक हजार से कम हैं. यहां पर अब तक कुल 922 मामले सामने आए हैं. यहां पर 16 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आया था. 24 मार्च को जब लॉकडाउन शुरू हुआ, उस दिन तक राज्य में कुल 9 मामले ही दर्ज हुए थे. 15 अप्रैल से दूसरे लॉकडाउन की शुरुआत हुई और उस दिन तक राज्य में कुल 213 मामले सामने आ चुके थे. 1 मई को गृहमंत्रालय ने बताया कि लॉकडाउन का तीसरा चरण 4 मई से शुरू होगा. जिस दिन गृहमंत्रालय की ओर से ये ऐलान हुआ, उस दिन तक पश्चिम बंगाल में कुल 795 केस दर्ज हो चुके थे.
जम्मू-कश्मीर जम्मू-कश्मीर में अब तक कुल 701 मामले सामने आए हैं. इनमें से 287 लोग ठीक हो चुके हैं और 8 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में कुल 406 ऐक्टिव केस हैं. यहां पर 9 मार्च को पहला केस सामने आया था. 24 मार्च को यानि कि लॉकडाउन शुरू होने वाले दिन तक राज्य में कुल 7 मामले सामने आ चुके थे. 15 अप्रैल से लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू हुआ और उस दिन तक जम्मू-कश्मीर में कुल 300 मामले सामने आए थे. 1 मई को जब लॉकडाउन के तीसरे चरण की घोषणा हुई, जम्मू-कश्मीर में आंकड़ा 639 तक पहुंच चुका था.
कर्नाटक कर्नाटक में जम्मू-कश्मीर की तुलना में ज्यादा मौतें हुई हैं, हालांकि केस के लिहाज से कर्नाटक की स्थिति बेहतर है. कर्नाटक में अब तक कुल 614 मामले सामने आए हैं. यहां पर 10 मार्च को पहली बार चार मामले सामने आए थे. 24 मार्च को जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई, यहां पर केस की संख्या 42 पहुंच चुकी थी. 15 अप्रैल से जब लॉकडाउन का फेज 2 शुरू हुआ, उस दिन तक राज्य में कुल 279 केस सामने आ चुके थे. 1 मई तक कर्नाटक में कुल 589 कोरोना के पॉजिटिव केस हो चुके थे.
बिहार बिहार में अब तक कुल 517 केस सामने आए हैं. चार लोगों की मौत हुई है और 117 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. यहां पर 7 मार्च को पहला केस सामने आया था. 24 मार्च तक संख्या बढ़कर चार पर पहुंची थी. 15 अप्रैल को लॉकडाउन का फेज दो शुरू होने के साथ ही आंकड़ा 72 तक पहुंच गया था. और 1 मई को जब तीसरे लॉकडाउन की गाइडलाइंस जारी की जा रही थीं, बिहार में कोरोना का कुल आंकड़ा 481 तक पहुंच चुका था.
केरल केरल ही वो राज्य है, जहां भारत का पहला कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया था. 30 जनवरी को ही यहां पर पहला केस रजिस्टर हुआ था. इसके करीब 54 दिनों के बाद भारत में लॉकडाउन की शुरुआत हुई. तारीख थी 24 मार्च, 2020. उस दिन तक केरल में कुल 109 केस सामने आ चुके थे. 15 अप्रैल को जब लॉकडाउन दो शुरू हुआ तो केरल में कोरोना पॉजिटिव कुल केस की संख्या 387 तक पहुंच गई थी. 1 मई को ये आंकड़ा 497 का था. और अब फिलहाल इस राज्य में कुल केस की संख्या 499 है, जिसमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 401 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. राज्य में फिलहाल सिर्फ 95 ऐक्टिव केस हैं.
हरियाणा हरियाणा में अब तक कुल 442 मामले सामने आए हैं. कुल पांच लोगों की मौत हुई है और 245 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. फिलहाल हरियाणा में कुल 192 ऐक्टिव केस हैं. यहां पर चार मार्च को एक साथ 14 केस दर्ज किए गए थे. 24 मार्च को जब लॉकडाउन शुरू हुआ, हरियाणा में आंकड़ा 28 तक पहुंच गया था. 15 अप्रैल से लॉकडाउन पार्ट 2 शुरू हुआ और उस दिन तक हरियाणा में कुल 204 केस हो गए थे. 1 मई को जब गृहमंत्रालय ने लॉकडाउन तीन के लिए गाइडलाइंस जारी कीं, हरियाणा में कुल केस की संख्या 357 तक पहुंची थी.
ओडिशा ओडिशा में पहला केस 16 मार्च को सामने आया था. 24 मार्च को जब लॉकडाउन शुरू हुआ तो ओडिशा में सिर्फ दो केस ही सामने आए थे. 15 अप्रैल को जब लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू हुआ तो राज्य में कोरोना पॉजिटिव लोगों का कुल आंकड़ा 60 तक पहुंच गया था. 1 मई को जब तीसरे लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो राज्य में कुल केस 149 थे. आज की तारीख में ओडिसा में कुल 162 केस हैं, जिनमें से 60 ठीक हो चुके हैं और एक की मौत हो चुकी है.
झारखंड झारखंड में कुल केस 115 हैं और वहां पर अब तक कुल तीन लोगों की मौत हुई है. राज्य में पहला केस दर्ज किया गया था 31 मार्च को. यानि कि लॉकडाउन शुरू होने के एक हफ्ते के बाद. वहीं जब लॉकडाउन का फेज 2 शुरू हुआ तो राज्य में कुल 28 केस थे. 1 मई को तीसरे लॉकडाउन की एनाउंसमेंट के वक्त राज्य में केस की संख्या 113 तक पहुंची थी.
बाकी बचे हुए चंडीगढ़, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव लोगों का कुल आंकड़ा 50 से ज्यादा लेकिन 100 से कम है. वहीं असम, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार में कोरोना पॉजिटिव लोगों का कुल राज्यवार आंकड़ा 30 से ज्यादा लेकिन 50 से कम है. त्रिपुरा, मेघालय और पु्ड्डुचेरी में 10 से ज्यादा लेकिन 20 से कम केस अब तक रिकॉर्ड किए गए हैं. गोवा में कुल केस सात हैं, जबकि मणिपुर में कुल दो कोरोना पॉजिटिव पेशेंट हैं. वहीं अरुणाचल प्रदेश, दादरा और नगर हवेली, मिजोरम और नागालैंड में अब तक एक-एक केस सामने आए हैं.
हिमाचल में इस वायरस से दो लोगों की मौत हुई है, जबकि चंडीगढ़, उत्तराखंड, असम और मेघालय में वायरस की वजह से एक-एक आदमी की मौत हुई है. नागालैंड, मिजोरम, दादरा और नगर हवेली, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, गोवा, पुड्डुचेरी, त्रिपुरा, अंडमान-निकोबार, लद्दाख और छत्तीसगढ़ में इस वायरस की वजह से एक भी मौत नहीं हुई है.