पूरी दुनिया में 32 लाख से भी ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. दो लाख 34 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और 10 लाख से भी ज्यादा लोग इस वायरस से ठीक होकर अपने-अपने घर को जा चुके हैं. इस वायरस से लड़ने के लिए दुनिया के कई देशों ने अपने यहां लॉकडाउन कर रखा है. भारत जैसे देश में पहले 21 दिन, फिर 19 दिन और फिर 14 दिन का लॉकडाउन किया जा चुका है. चीन, स्पेन, इटली, ब्रिटेन, न्यूज़ीलैंड और अमेरिका जैसे देशों ने खुद के यहां थोड़ा कम या थोड़ा ज्यादा लॉकडाउन कर रखा है. लेकिन दुनिया में कई ऐसे भी देश हैं, जिन्होंने अपने यहां लॉकडाउन नहीं किया है, जबकि वहां पर मामले तुलनात्मक रूप से ज्यादा हैं.


इस लिस्ट में पहला नाम स्वीडन का है. इस देश की आबादी एक करोड़ से थोड़ी ज्यादा है, लेकिन यहां पर 21,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि अब तक कुल 2400 लोगों की मौत हो चुकी है. फिर भी इस देश में स्कूल और दूसरे व्यवसाय खुले हुए हैं. हालांकि लोगों को सलाह दी गई है कि वो बेवजह बाहर न जाएं. वहीं बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गई है. देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट चल रहे हैं, लेकिन सरकार अपने लोगों से अनुरोध कर रही है कि वो उनका इस्तेमाल न करें. हालांकि ऐसा नहीं है कि स्वीडन की सरकार अपने यहां कोरोना को रोकने की कोशिश नहीं कर रही है, लेकिन वहां के डॉक्टरों का मानना है कि लॉकडाउन थोपने से बेहतर है लोगों को समझाना कि वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, जिससे कि वो कोरोना से बच पाएंगे. वहीं स्वीडन में इस महामारी को रोकने के लिए बनाई गई टीम के वैज्ञानिक एंगर्स टेंगेल ने ये भी कहा है कि स्वीडन हर्ड इम्युनिटी पर काम नहीं कर रहा है, जिसके तहत एक बड़ी आबादी को कोरोना से संक्रमित किया जाना था, ताकि लोगों में खुद से कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन सके.


इस लिस्ट में दूसरा नाम दक्षिण कोरिया का है. इस देश में कोरोना के 10 हजार से भी ज्यादा केस हैं. 247 लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी इस देश ने अपने यहां लॉकडाउन नहीं लगाया है. हां, इस देश में टेस्टिंग बड़े पैमाने पर हो रही है, कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए लोगों की शिनाख्त की जा रही है और उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है. और ऐसा करके दक्षिण कोरिया ने खुद के यहां स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है. पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक्त में 30 अप्रैल वो पहला दिन था, जब दक्षिण कोरिया में कोरोना का एक भी नया पॉजिटिव केस नहीं मिला था.


इसके अलावा मध्य एशिया के देश तुर्कमेनिस्तान की सरकार का दावा है कि उसके यहां कोरोना का एक भी केस नहीं है, लिहाजा उसे लॉकडाउन की कोई ज़रूरत नहीं है. हालांकि वहां पर भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पूरी तरह से रोक लगी है. लेकिन लोग एक जगह इकट्ठे हो रहे हैं और खुशियों के मौकों को सेलिब्रेट कर रहे हैं. वहीं तजाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां 30 अप्रैल को पहली बार कोरोना के मरीज मिले हैं और उनकी संख्या 15 है. इस देश में भी लॉकडाउन नहीं है, लेकिन यहां पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं और खेलों को रोक दिया गया है. लोगों को भीड़ लगाने से मना किया गया है और घर से बाहर निकलने के लिए मास्क को ज़रूरी बना दिया गया है.