भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते पिछले दो महीनों में जो आंकड़े सामने आए थे, वो बेहद चिंताजनक रहे हैं. कोविड मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा होने की वजह से उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा था और ना उनकी कोविड जांच हो पा रही थी, कई बार तो जांच सही से ना होने पर गलत रिपोर्ट इलाज को प्रभावित कर रही थी, लेकिन अब इसका एक इंस्टेंट इलाज मिल गया है. कोविड का स्व परीक्षण करने का नया तरीका एक विकल्प प्रदान कर सकता है. ये टेस्टिंग सेंटर का बोझ कम करने के साथ साथ समय भी बचा सकता है.
भारत में आईसीएमआर ने हाल ही में एक स्व परीक्षण किट को मंजूरी दी है, जो 15 मिनट में संक्रमण के लिए परिणाम दे सकती है. वहीं अब फ्लोरिडा विश्वविद्यालय और ताइवान के राष्ट्रीय चियाओ तुंग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कोविड 19 बायोमार्कर के लिए एक तीव्र और संवेदनशील परीक्षण विधि विकसित की है. उनका सेंसर सिस्टम एक सेकेंड के अंदर डिटेक्शन प्रदान करता है. वहीं भारत की किट का इस्तेमाल कर व्यक्ति घर पर ही अपना कोविड 19 टेस्ट कर सकता है और पता लगा सकता है कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है या नेगेटिव.
भारत के लिए कितनी लाभकारी है किट
देश में स्व परीक्षण किट के जरिए लोग अपने घर पर ही अपनी और परिवार के अन्य सदस्यों की जांच कर सकते हैं और समय पर इलाज ले सकते हैं. इस किट की वजह से टेस्टिंग सेंटर में घंटों लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी और ना दूसरों को संक्रमण का खतरा रहेगा. साथ ही समय पर इलाज मिलने से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कम रहेगी और कोविड के बढ़ते आंकड़े भी कम हो सकेंगे.
फ्लोरिडा की किट की खासियत
ये इंस्टेंट किट वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए बायोमार्कर की संख्या को बढ़ाती है, वहीं ये परीक्षण एक बायोसेंसर पट्टी का उपयोग करता है जो आकार में ग्लूकोज परीक्षण स्ट्रिप्स के समान है. फिर सेंसर स्ट्रिप्स को सर्किट बोर्ड से जोड़ा जाता है, और एक छोटा विद्युत परीक्षण संकेत कोविड एंटीबॉडी और एक अन्य सहायक इलेक्ट्रोड के साथ बंधे हुए इलेक्ट्रोड के बीच भेजा जाता है. जिससे कोविड पॉजिटिव है या नहीं इसका पता लगाया जा सकता है.
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