'केरला स्टोरी' पर बवाल, लेकिन हजारों लड़कियों के गायब होने पर नहीं कोई सवाल- राज्यों से NCRB के चौंकाने वाले आंकड़े
Missing Women NCRB Data: केरला स्टोरी पर बवाल के बीच विपक्ष ने अब बीजेपी शासित राज्यों के आंकड़े निकाले हैं, जिनमें बताया गया है कि पिछले कुछ सालों में कितनी लड़कियां लापता हुई हैं.
Missing Women NCRB Data: 'द केरला स्टोरी' को लेकर देशभर में विवाद हो रहा है, कोई इस फिल्म को एक प्रोपेगेंडा बता रहा है तो कोई इसकी जमकर तारीफ करने में लगा है. केरल से कई लड़कियों के गायब होने और उनके धर्म परिवर्तन को लेकर बनाई गई इस फिल्म के बीच कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जो हैरान कर देने वाले हैं. ये आंकड़े केरल से नहीं, बल्कि देश के बाकी राज्यों से हैं. जिनमें बताया गया है कि कैसे रोजाना सैकड़ों महिलाएं और नाबालिग लड़कियां गायब हो रही हैं. ये आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के हैं. आइए जानते हैं कि देश में एक साल में कितनी लड़कियां गायब हो जाती हैं और कौन से राज्य इसमें टॉप पर हैं.
केरला स्टोरी के बीच सामने आए आंकड़े
अब फिर से केरला स्टोरी पर आते हैं. जिसे लेकर बीजेपी लगातार मुखर है और कहा जा रहा है कि ये असली सच्चाई है, इतनी सारी लड़कियां केरल से गायब हो गईं और किसी को पता भी नहीं चला. पीएम मोदी ने भी चुनावी मंचों से इस फिल्म का जिक्र किया. वहीं बीजेपी शासित राज्य इस फिल्म को टैक्स फ्री भी कर रहे हैं.
गुजरात को लेकर सवाल
अब केरल को लेकर सवाल उठा रही बीजेपी को काउंटर करने के लिए विपक्षी दलों की तरफ से एनसीआरबी डेटा निकाला गया है. जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े दिखाए गए हैं. बीजेपी शासित राज्य गुजरात को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. जहां पिछले 5 साल में 40 हजार लड़कियों के गायब होने का दावा किया गया है. गुजरात के अलावा महाराष्ट्र जैसे राज्यों के आंकड़े भी काफी हैरान कर देने वाले हैं.
क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े
अब आंकड़ों की बात हो रही है तो आपको एनसीआरबी के वो आंकड़े बताते हैं, जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. NCRB के मुताबिक साल 2021 में कुल 3,89,844 लोगों के मिस होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिनमें 2,65,481 महिलाएं शामिल थीं. ये आंकड़ा 2020 से काफी ज्यादा था. रिपोर्ट के मुताबिक 2020 के मुकाबले 2021 में मिसिंग मामलों में 20.6% का इजाफा हुआ.
हालांकि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि लापता लोगों में से ज्यादातर को ट्रेस कर लिया गया. इसके मुताबिक कुल 3,85,124 लोग (1,23,716 पुरुष, 2,61,278 महिलाएं) इसी साल या तो मिल गए या फिर उन्हें ट्रेस कर लिया गया.
वहीं नाबालिगों की बात करें तो इसका आंकड़ा भी काफी चौंकाने वाला है. साल 2021 में कुल 77,535 बच्चे लापता हुए, जिनमें 17,977 लड़के और 59,544 लड़कियां शामिल थीं. जो पिछले साल यानी 2020 के मुकाबले करीब 30.8 फीसदी ज्यादा थी. हालांकि इनमें से 58,980 बच्चों को ट्रेस और रिकवर कर लिया गया.
आंकड़ों में केरल की क्या है कहानी
सबसे पहले आपको उस केरल के आंकड़े बताते हैं, जिसे लेकर विवाद हो रहा है. केरल में कुल 6608 महिलाएं लापता हुईं. जिनमें 6242 महिलाओं को 2021 तक रिकवर या ट्रेस कर लिया गया था. यानी 366 महिलाएं एक साल में ऐसी थीं, जिन्हें खोजा नहीं जा सका. वहीं अगर नाबालिग लड़कियों की बात करें तो कुल 951 लड़कियों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, जिनमें से 2021 तक 919 को रिकवर कर लिया गया. 32 लड़कियों का पता नहीं चल पाया.
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा मिसिंग केस
अब उन राज्यों की बात कर लेते हैं, जिनकी ये खौफनाक स्टोरी जानना आपके लिए जरूरी है. महिलाओं के लापता होने के मामले में सबसे ऊपर मध्य प्रदेश है. जहां कुल 68,738 महिलाएं लापता हो गईं. जिनमें से 2021 तक सिर्फ 35464 का ही पता लग पाया. बाकी 33274 महिलाओं का पता नहीं लगाया जा सका. नाबालिगों की बात करें तो कुल 13034 लड़कियों की मिसिंग रिपोर्ट लिखाई गई. जिनमें से 2021 तक 10204 लड़कियों का पता लगा लिया गया, वहीं 2830 बच्चियों का पता नहीं लग पाया.
पश्चिम बंगाल
मध्य प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल महिलाओं के लापता होने के मामले में दूसरे नंबर पर है. जहां कुल 64276 महिलाएं लापता हुईं, जिनमें 2021 तक 35464 महिलाओं का पता लगा लिया गया. हालांकि 35110 को ट्रेस नहीं किया जा सका. करीब 51.6% महिलाओं को रिकवर किया गया. नाबालिग बच्चियों में कुल 13278 लड़कियों की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज हुई, जिनमें 7669 को 2021 तक ट्रेस कर लिया गया. कुल 5609 लड़कियों का पता नहीं लग पाया.
महाराष्ट्र
लापता महिलाओं के मामले में तीसरा नंबर महाराष्ट्र का है. जहां कुल 60435 महिलाएं लापता हुईं, जिनमें से 2021 तक 39805 महिलाओं को ट्रेस कर लिया गया. वहीं 20630 महिलाएं लापता ही रहीं. नाबालिग लड़कियों में कुल 3937 लापता हुईं, जिनमें से 2021 तक 2752 को रिकवर कर लिया गया था. बाकी 1185 का पता नहीं लग पाया.
ओडिशा
इस लिस्ट में चौथा नंबर ओडिशा का है. जहां कुल 35981 महिलाएं लापता हुईं, जिनमें से 2021 तक 16806 महिलाओं का ही पता लग पाया. वहीं 19175 महिलाएं लापता ही रहीं. नाबालिगों की बात करें तो ओडिशा में कुल 6399 बच्चियां लापता हुईं, जिनमें से 2021 तक 3943 लड़कियों को रिकवर कर लिया गया. हालांकि 2456 बच्चियों का पता नहीं लग पाया.
राजस्थान
पांचवें नंबर पर राजस्थान आता है. एनसीआरबी के मुताबिक राजस्थान में कुल लापता महिलाओं की संख्या 30182 थी, जिनमें से 2021 तक 18401 को रिकवर या ट्रेस कर लिया गया, लेकिन 11781 महिलाओं का पता नहीं लग पाया. वहीं नाबालिगों की बात करें तो कुल 4935 बच्चियां लापता हुईं, जिनमें से 2021 तक 4172 को रिकवर कर लिया गया. यानी 763 बच्चियों को ट्रेस नहीं किया जा सका.
अब लिस्ट में टॉप-5 राज्यों के आंकड़े तो आपने देख लिए, इनके अलावा बाकी राज्यों में दिल्ली (29676), तमिलनाडु (23964), छत्तीसगढ़ (22126), तेलंगाना (15828), गुजरात (15221), बिहार (14869), कर्नाटक (14201), हरियाणा (12622), उत्तर प्रदेश (12249) और पंजाब में कुल 7303 महिलाओं के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
क्या हैं लापता होने के कारण?
देश के अलग-अलग राज्यों में हजारों की संख्या में महिलाओं और बच्चियों के लापता होने के अलग-अलग कारण हैं. कई राज्यों से महिलाओं को बहला-फुसलाकर दूसरे राज्यों में ले जाया जाता है, जहां उनसे देह व्यापार जैसे काम कराए जाते हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाओं का पता नहीं लग पाता. इनमें शादी और नौकरी देने का लालच सबसे ज्यादा होता है. इसके अलावा विदेश में नौकरी के बहाने से भी लड़कियों की ट्रैफिकिंग की जाती है. फिलहाल बीजेपी शासित राज्यों के आंकड़ों के जरिए विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. उद्धव ठाकरे गुट वाली सेना ने गुजरात और महाराष्ट्र के पिछले पांच साल के आंकड़े सामने रख बीजेपी सरकारों को घेरा है.