कोरोना संकट में गूगल पर क्या खोज रहे थे दुनिया के लोग?
कोरोना काल में गूगल पर खोजे गए शब्दों ने लोगों को कोरोना के बारे में खूब जागरूक किया. इसके अलावा ऐसे-ऐसे शब्द सामने आए कि अब वो शायद ही कभी किसी की जुबान से उतर पाएंगे.
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कोरोना कब खत्म होगा. क्या इसका इलाज खोज लिया गया है या फिर क्या इसकी वैक्सीन आ गई है. ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है. और जिसके भी पास सवाल हैं, वो जवाब खोजने के लिए सबसे पहले पहुंचता है गूगल पर. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के वक्त में लोग गूगल पर कई ऐसे सवालों के जवाब खोज रहे हैं, जिनसे कोरोना के बारे में दुनिया के लोगों को और भी जानकारी मिलती जा रही है.
इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. जब कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया, तब गूगल सर्च में एक कीवर्ड ट्रेंड कर रहा था. लोग सवाल पूछ रहे थे कि क्या सूंघने की क्षमता का कम हो जाना भी कोरोना का एक लक्षण है. और जिस वक्त में ये सवाल पूछा जा रहा था और Loss of Smell गूगल का ट्रेंडिंग कीवर्ड बना हुआ था, डॉक्टरों को भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि सूंघने की क्षमता का कम होना भी कोरोना का एक लक्षण है. जब गूगल पर ये सवाल लगातार पूछे गए, तब डॉक्टरों ने इसका जवाब तलाशना शुरू किया और फिर बताया कि सूंघने की क्षमता का कम होना भी कोरोना का एक लक्षण है. करीब 30 से 60 फीसदी कोरोना पॉजिटिव लोगों में ये लक्षण देखे गए हैं.
कोरोना की वजह से दुनिया के सर्वाधिक पीड़ित देश अमेरिका में करीब 10 दिन पहले गूगल पर सबसे ज्यादा खोजा जाने वाला सवाल था I can not smell यानि कि मैं सूंघ नहीं सकता. इटली में भी Non Sento Odori यानि कि मैं सूंघ नहीं सकता, कई दिनों तक गूगल के टॉप ट्रेंड में बना रहा. और जब ये ट्रेंड कर रहा था, उस वक्त ये रिसर्च सामने नहीं आई थी कि कोरोना की वजह से सूंघने की क्षमता भी कम हो जाती है. और ये लक्षण कोरोना का एक सामान्य लक्षण बन गया है.
इसी तरह से आंखों का दुखना कोरोना का कोई लक्षण नहीं था. लेकिन लोग गूगल पर सवाल कर रहे थे. आंखों में दर्द की वजह तलाश रहे थे. और जब डॉक्टरों को इसकी वजह पता चली तो लोगों के होश उड़ गए. डॉक्टरों ने बताया कि आंखों का दुखना भी कोरोना का एक लक्षण हो सकता है. चीन में ऐसा देखने को मिला है, जहां 38 लोगों पर एक रिसर्च की गई है. और उन 38 लोगों में से हर तीसरे आदमी को आंख में दिक्कत हुई है.
रही बात भारत की तो यहां के लोगों ने भी गूगल पर खूब सवाल किए. जैसे भारत में कोरोना के कितने केस हैं, कोरोना वायरस या कोविड 19 क्या है, भारत में कोरोना का वायरस कब खत्म होगा, क्या भारत में लॉकडाउन बढ़ेगा और चीन ने कोरोना को कैसे कंट्रोल किया. इसके अलावा फेस मास्क, सेनेटाइजर और हाथ को लगातार साबुन या हैंडवॉश से धोने को लेकर लोगों ने गूगल से खूब सवाल किए.
लॉकडाउन की वजह से अपनी सेहत को लेकर परेशान लोग ऑनलाइन योगा की भी तलाश में लगे थे. एक अप्रैल को तो वैक्सीन शब्द टॉप ट्रेंड में था. इसके अलावा लोग खुद से नज़दीकी शराबखाने और शराब की होम डिलिवरी के बारे में भी सर्च कर रहे थे. 8 अप्रैल को तो भारत में डल्गोना कॉफी ट्रेंड कर रही थी. लोग इसके बारे में जानने की कोशिश कर रहे थे, इसे बनाने की कोशिश कर रहे थे और इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा तलाश रहे थे. खाना कैसे बनाएं और तुरंत बनने वाले नूडल्स के बारे में भी लोग जानने की कोशिश कर रहे थे और सात अप्रैल को ये टॉप ट्रेंड में था.
इसके अलावा एक और चीज इस दौरान हुई. हमारे जेहन में आम तौर पर चार शब्द कभी नहीं आते थे, लेकिन अब ये चार शब्द हमेशा के लिए हमारे दिमाग में स्थिर हो गए होंगे. ये शब्द हैं पैनडेमिक, क्वॉ़रंटीन, सेल्फ आइसोलेशन और लॉकडाउन. इनके बारे में भी लोगों ने गूगल पर खूब तलाश किया है.
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