पश्चिम बंगाल में एक जिला है हुगली. वहां पर एक इलाका है, जिसका नाम है तेलिनीपाड़ा. 10 मई की रात को तेलिनीपाड़ा के विक्टोरिया जूट मिल इलाके में दो समूहों के बीच हिंसा हो गई. इस हिंसा के दौरान कई दुकानों में लूटपाट की गई. दोनों तरफ के लोगों ने एक दूसरे पर सैकड़ों बम फेंके, जिसमें कई लोग घायल हो गए. अगले दिन 11 मई की सुबह भी हिंसा जारी रही. इस पूरी हिंसा के पीछे सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि विरोधी राजनीतिक पार्टी इलाके में सांप्रदायिक माहौल खराब करने के लिए राजनीतिक षड्यंत्र कर रही है.


हुगली के भद्रेश्वर का तेलिनीपाड़ा गंगा नदी के पास है. ये पूरा इलाका इंडस्ट्रियल इलाका है, जहां जूट मिल बहुतायत में हैं. कभी ये पूरा इलाका अपने जूट उद्योग के लिए मशहूर हुआ करता था. उत्तरी 24 परगना गंगा के ठीक पीछे है. इस पूरे इलाके में हर समुदाय के लोग रहते हैं और इससे पहले इस इलाके में सांप्रदायित तनाव की घटनाएं नहीं हुई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स कहती हैं कि 10 मई की घटना के पीछ कोरोना का ताना है. एक समूह के लोगों ने दूसरे समूह के लोगों को कोरोना कहकर बुलाया था, जिससे मामला भड़क गया था.


इस मामले में अब राजनीति भी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरी घटना को अपनी सरकार के खिलाफ एक साजिश करार दिया है. वहीं पश्चिम बंगाल के गृह विभाग ने कहा है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ रहे थे. हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी और बैरकपुर लोकसभा से सांसद अर्जुन सिंह ने इस पूरे हंगामे के बाद तेलिनीपाड़ा जाने की कोशिश की थी. उनका आरोप है कि पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था. उनका आरोप था कि पुलिस सत्ताधारी पार्टी और प्रशासन के कहने पर पक्षपाती रवैया अपना रहा है. इसे लेकर बीजेपी सांसदों ने कुछ दिन पहले पुलिस के सामने धरना भी दिया था.


वहीं 15 मई को स्थानीय टीएमसी विधायक और राज्य मंत्री इंद्रनील सेन ने हुगली के टीएमसी जिला अध्यक्ष दिलीप यादव के साथ भद्रेश्वर म्यूनिसिपॉलिटी और चंदननागौर पुलिस स्टेशन का दौरा किया था. इसके बाद बीजेपी नेताओं ने सवाल किए थे कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को कैसे तेलिनीपाड़ा जाने की इजाजत दी गई, जबकि उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया था.







वहीं प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक कुल 129 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राज्य के गृह मंत्रालय की ओर से 14 मई को बताया गया कि हुगली के तेलिनीपाड़ा में हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया गया है. पुलिस का कहना है कि 129 लोगों के अलावा इस मामले में शामिल और भी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस का कहना है कि इलाके में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई है और पुलिस पेट्रोलिंग कर रही है.





गृह मंत्रालय के मुताबिक इस पूरे इलाके में 12 मई से ही इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और ये बंदी 17 मई तक जारी रहेगी. इलाके में धारा 144 लगा दी गई है. स्थानीय थाने के इंस्पेक्टर को स्थिति को नियंत्रित न कर पाने के आरोप में हटा दिया गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि इस हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.