भारत में कोराना का पहला केस सामने आया था 30 जनवरी, 2020 को. और जब आप इस खबर को पढ़ रहे होंगे, तब तक भारत में कोरोना के मामले 40 हजार को पार कर गए हैं. पहले केस और 40 हजारवें केस के बीच भारत में बहुत कुछ बदल गया है. जब पहला केस सामने आया था, तो भारत में ज़िंदगी अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी, जब 40 हजारवां केस सामने आया है तो देश की रफ्तार थमी हुई है, क्योंकि लॉकडाउन है और वो लगातार दो बार बढ़कर कुल 54 दिनों के हो गया है.
भारत में लॉकडाउन का रिहर्सल हुआ था 22 मार्च को, जब पीएम मोदी के कहने पर जनता कर्फ्यू लगा था. उस दिन तक भारत में कुल 396 केस सामने आए थे. और फिर 24 मार्च की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी पर आए और 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया. उस दिन तक भारत में कुल कोरोना पॉजिटिव केस 1000 से भी कम थे. ये आंकड़ा मात्र 536 का ही था. वहीं लॉकडाउन वाले दिन पूरे देश में कोरोना की वजह से कुल 10 लोगों की मौत हुई थी. 24 मार्च को जब लॉकडाउन लगा तो पूरे देश में पिछले 24 घंटे के दौरान एक भी नई मौत नहीं हुई थी, जबकि कोरोना संक्रमण के 37 नए मामले सामने आए थे.
लॉकडाउन के पांचवे ही दिन यानि कि 29 मार्च को भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा 1000 को पार कर गया था. उस दिन कुल 37 नए मामले सामने आए थे और इन आंकड़ों के साथ 29 मार्च को पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1024 हो गई. कोरोना की वजह से मौतों का आंकड़ा 27 तक था. 14 अप्रैल को इस लॉकडाउन की मियाद पूरी हो रही थी. लेकिन उसी दिन पीएम मोदी सुबह के 10 बजे फिर से टीवी पर आए और कहा कि अब लॉकडाउन को अगले 19 दिनों के लिए बढ़ाया जा रहा है. अब भारत में लॉकडाउन 3 मई तक रहेगा. जिस दिन प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान किया, उस दिन भारत में कोरोना पॉजिटिव लोगों का आंकड़ा 10,000 को पार कर गया था. पीएम मोदी ने जब दूसरा लॉकडाउन एनाउंस किया, उस दिन तक भारत में कोरोना के कुल 11,487 मामले सामने आ चुके थे. उस दिन तक भारत में कुल 393 लोगों की मौत हो चुकी थी. उस दिन कुल 1034 नए मामले सामने आए थे और कुल 35 लोगों की मौत पिछले 24 घंटे के दौरान हुई थी.
दूसरे लॉकडाउन के अभी दो ही हफ्ते बीते थे कि भारत में मौतों का आंकड़ा 1000 को पार कर गया. 28 अप्रैल तक भारत में कोरोना से कुल 1008 लोगों की मौत हो चुकी थी. वहीं कोरोना के कुल मामले भी 30,000 को पार कर गए थे और 28 अप्रैल को ये आंकड़ा 31,324 तक पहुंच गया था. 28 अप्रैल को पिछले 24 घंटे के दौरान 1873 नए मामले सामने आए थे, वहीं पिछले 24 घंटे के दौरान 69 लोगों की मौत हुई थी. दूसरे लॉकडाउन की मियाद 3 मई को पूरो हो रही थी. लेकिन जैसे आंकड़े सामने आते जा रहे थे, ये तय लग रहा था कि कोरोना पर अब भी कंट्रोल करना संभव नहीं है. और फिर इसे देखते हुए एक मई की शाम को गृहमंत्रालय की ओर से प्रेस रीलिज़ जारी की गई. बताया गया कि एक बार फिर से लॉकडाउन को अगले 14 दिनों के लिए बढ़ाया जा रहा है. अब लॉकडाउन की मियाद 17 अप्रैल को पूरी होगी.
जिस दिन गृहमंत्रालय की ओर से तीसरे लॉकडाउन का ऐलान किया गया, उस दिन भारत में कोरोना के कुल मामलों की संख्या थी 37,257. उस दिन तक भारत में कुल 1223 लोगों की मौत हुई थी. उस दिन भारत में कोरोना के कुल 2394 नए मामले सामने आए थे और उस दिन तक ये एक रिकॉर्ड था, क्योंकि 1 मई से पहले 24 घंटे के दौरान इतने ज्यादा मामले कभी नहीं आए थे. इससे पहले 18 अप्रैल को ही भारत में 24 घंटे के दौरान 2013 नए केस सामने आए थे. वहीं 1 मई को पिछले 24 घंटे के दौरान 69 लोगों की मौत हुई थी.
3 मई को जब दूसरे लॉकडाउन की मियाद खत्म हो रही है और तीसरा लॉकडाउन शुरू होने वाला है, तब भारत में कोरोना के कुल मामले 40 हजार को पार कर गए हैं. कोरोना पॉजिटिव केसों का आंकड़ा 3 मई की रात तक 40,263 का था, जिनमें से 1306 लोगों की मौत हो चुकी थी और 10,886 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके थे. कुल 28,070 ऐक्टिव केस थे.
इसके अलावा भी लॉकडाउन 1 से लेकर लॉकडाउन 3 के बीच कुछ बदला है. और वो है राज्यों की स्थिति. जब 24 मार्च को पहला लॉकडाउन लगा था, तब महाराष्ट्र जैसे राज्य में कोरोना पॉजिटिव लोगों की कुल संख्या थी 104. वहीं जिस केरल में भारत का पहला कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, वहां केस की कुल संख्या थी 105. तीन बार के लॉकडाउन के दौरान कोरोना पॉजिटिव केस का जो अंतर मात्र एक का था, वो अब 10 हजार से भी ज्यादा का है. 3 मई को जब लॉकडाउन का दूसरा चरण खत्म हो रहा है, महाराष्ट्र में कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 12296 है. इनमें से 521 लोगों की मौत हो चुकी है और 2000 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. यानि कि फिलहाल महाराष्ट्र में 9775 ऐक्टिव केस हैं.
वहीं जिस केर से इसकी शुरुआत हुई थी, वहां पर कोरोना के अब तक कुल 499 मामले ही सामने आए हैं. इनमें से भी 400 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, वहीं चार लोगों की मौत हो चुकी है. यानि कि फिलहाल केरल में सिर्फ 95 ऐक्टिव केस हैं. एक तरफ जहां महाराष्ट्र में हर रोज कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, वहीं केरल में पिछले कई दिनों में एक भी नया केस सामने नहीं आया है. ये लॉकडाउन एक से लॉकडाउन दो के बीच का हासिल है. अब लॉकडाउन तीन शुरू होने जा रहा है. इसमें पिछले दो लॉकडाउन की तुलना में ज्यादा रियायत मिलने की बात है. नई गाइडलाइंस भी इसी की ओर इशारा करती हैं. लेकिन हर रोज बढ़ रहे पॉजिटिव केस और हर रोज बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा इस बात की गवाही दे रहा है कि लॉकडाउन के दौरान हमने संक्रमण की रफ्तार पर भले ही काबू पा लिया है, हम संक्रमण को रोक नहीं पाए हैं.