कोरोना काल बढ़ा तो कैसे ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चे ये चीजें खो देंगे?
कोरोना ने कितना नुकसान किया है, इसका अंदाजा कमोबेश सबको होगा. खोया हुआ पैसा आ जाएगा, लेकिन खोई ज़िंदगी नहीं. उसी तरह से कोरोना में खोए बचपन की चीजों को दोबारा हासिल नहीं किया जा सकता है.
![कोरोना काल बढ़ा तो कैसे ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चे ये चीजें खो देंगे? What our children are loosing when the zoom app has been changed as their classroom कोरोना काल बढ़ा तो कैसे ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चे ये चीजें खो देंगे?](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/04/17134652/zoom-2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
अपने बचपन में हम सबने राजा-रानी की कहानियां सुनी होंगी. बचपन में सुनाया जाता था कि एक राजा था. उसका खूब बड़ा सा महल था. या फिर एक राजा था. वो बेहद ताकतवर था. राजा का महल कितना बड़ा था या फिर वो कितना ताकतवर था, ये सिर्फ हमारी कल्पनाओं का हिस्सा हुआ करता था. क्योंकि उस वक्त मोबाइल नहीं था. और टीवी किसी-किसी घर में था. तो हमें पता ही नहीं होता था कि बड़े का मतलब कितना बड़ा होता है. या फिर ताकतवर का मतलब कितना ताकतवर होता है.
हम अपनी कल्पना से अंदाजा लगाते थे. लेकिन अब बच्चों की कल्पना खत्म हो गई है. क्योंकि जैसे ही कहा जाता है कि एक बड़ा सा महल था, उसके सामने एक वीडियो चलता है महल का और उसकी सारी कल्पना खत्म हो जाती है. वो बाहुबली को देख लेता है और अंदाजा लगा लेता है कि ताकतवर का मतलब क्या होता है. हमारे बच्चों ने यही खोया है. लेकिन अब कोरोना का काल है. स्कूल बंद हैं, कॉलेज बंद हैं और पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है. तो इस ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भी इन बच्चों को कुछ न कुछ खोना ही पड़ रहा है.
खोने वाली जो पहली चीज है, वो है क्लास. आप किसी स्कूल में दाखिल होते हैं. भले ही आपके पिता कितने ही अमीर हों या फिर कितने ही गरीब हों, अगर बच्चे का दाखिला हो गया, तो फिर वो बराबर हो जाता है. एक तरह की कुर्सी, एक तरह की मेज और एक तरह के कपड़े उसे समानता का एहसास दिलाते हैं, अमीरी-गरीबी का फर्क मिटाना सिखाते हैं. बच्चे क्लास में छोटी-मोटी गलतियां करते हैं और फिर सबके सामने माफी मांगते हैं. पढ़ते-पढ़ते कोई बच्चा सो जाता है और फिर उसका दोस्त उसे जगाकर कहता है कि उठो, टीचर तुम्हें देख रहे हैं. इसके अलावा क्सासरूम में टीचर और बच्चे एक दूसरे के आमने-सामने होते हैं. दोनों की नज़र एक दूसरे पर होती है.
हर बच्चे का बैकग्राउंड अलग-अलग होता है. कोई बच्चा देर से आता है, तो उसके पास अलग वजह होती है. किसी बच्चे के मोजे गंदे हों तो वो बताता है कि मां बीमार थी, इसलिए कपड़े नहीं धुले. किसी की फीस टाइम पर जमा नहीं होती तो वो सबके सामने बताता है कि उसकी क्या मज़बूरी रही है. किसी ने होमवर्क नहीं किया है तो वो बताता है कि उसे पिता के साथ रातभर अस्पताल में रहना पड़ा था. ऐसी ही बहुत सी कहानियां हर रोज क्लासरूम में आती हैं. टीचर्स की भी अपनी कहानियां होती हैं. देर से आने की, जल्दी जाने की, न आने की.
लेकिन कोरोना के इस दौर में पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है. इस पढ़ाई के लिए खास तौर पर जूम ऐप का इस्तेमाल हो रहा है. और इस दौरान बच्चों की पारिवारिक पृष्ठभूमि का अंतर भी साफ देखने को मिल रहा है. बच्चे का घर, उसका बैकग्राउंड, उसके कपड़े, उसका फर्नीचर, इंटीरियर वगैरह-वगैरह. बच्चा जब क्लासरूम में होता है तो वहां सिर्फ बच्चे और टीचर होते हैं, लेकिन इस ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बैकग्राउंड में कभी मम्मी टहलती नज़र आ रही हैं तो कभी बच्चे का डॉगी घूमता हुआ उसके पास आ जा रहा है. इसके अलावा टीचर और बच्चे एक दूसरे को आमने-सामने देख भी नहीं पा रहे हैं. ऐप में ब्लॉक्स बने हुए हैं और हर ब्लॉक में एक-एक बच्चा है और एक ब्लॉक में बैठा टीचर उन्हें पढ़ा रहा है.
इसके अलावा बच्चे एक और ज़रूरी चीज खो देंगे और वो है क्लासरूम वाली दोस्ती. बच्चे जब क्लास में जाते हैं तो क्लास में उनके दोस्त बनते हैं. बच्चे एक दूसरे को समझते हैं और फिर अपना दोस्त चुनते हैं. पढ़ाते वक्त टीचर को भी पता चल जाता है कि कौन सा बच्चा तेज है और किस बच्चे पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है. लेकिन जब पढ़ाई जूम ऐप से होने लगेगी जो कि अभी हो रही है तो टीचर को पता ही नहीं है कि कौन सा बच्चा क्या कर रहा है.
कुछ ऐसी ही चीजें हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के लेवल पर भी हो रही हैं. ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन वालों को कुछ अलग तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि जूम ऐप के जरिए आप क्लासरूम का माहौल बनाने की कोशिश कर सकते हैं, क्लासरूम नहीं बना सकते हैं. और क्लासरूम के बारे में कहा जाता है कि क्लासरूम कोई स्वर्ग नहीं होता है, लेकिन क्लासरूम वो जगह होती है, जहां स्वर्ग बनाया जाता है. जूम ऐप स्वर्ग तो नहीं ही बना सकता.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)