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मध्य प्रदेश के बाद कांग्रेस को गुजरात में बड़ा नुकसान हो गया!
कांग्रेस को गुजरात में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. इतना बड़ा नुकसान कि कांग्रेस ने कभी सोचा भी नहीं होगा. भले ही गुजरात में सरकार बीजेपी की है, लेकिन कांग्रेस के हाथ से जो चीज फिसलती दिख रही है, वो है राज्यसभा की एक सीट और वो भी सिर्फ पांच विधायकों के इस्तीफे की वजह से.
कोरोना वायरस की वजह से कमलनाथ सरकार पर से तो खतरा कुछ दिन के लिए टलता दिख रहा है, लेकिन कांग्रेस को गुजरात में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. इतना बड़ा नुकसान कि कांग्रेस ने कभी सोचा भी नहीं होगा. भले ही गुजरात में सरकार बीजेपी की है, लेकिन कांग्रेस के हाथ से जो चीज फिसलती दिख रही है, वो है राज्यसभा की एक सीट और वो भी सिर्फ पांच विधायकों के इस्तीफे की वजह से.
दो बीजेपी और दो कांग्रेस के उम्मीदवार जाने वाले थे राज्य सभा
गुजरात में विधानसभा की कुल सीटें हैं 182. इनमें से 103 विधायक बीजेपी के पास हैं. कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं. इसके अलावा भारतीय ट्राइबल पार्टी के पास दो और एनसीपी के पास एक सीट है. एक सीट निर्दलीय के पास है. और इन्हीं विधायकों के सहारे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवारों को राज्यसभा में भेजने की जुगत लगा रही है. गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 26 मार्च को वोटिंग होनी है. यहां पर एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए 37 वोटों की ज़रूरत है. इस लिहाज से बीजेपी अपने दो उम्मीदवारों को राज्यसभा में भेज सकती है, वहीं कांग्रेस भारतीय ट्राइबल पार्टी, एनसीपी या फिर निर्दलीय के सहयोग से अपने दो उम्मीदवारों को राज्यसभा भेज सकती थी. लेकिन कांग्रेस को उसके ही विधायकों ने गच्चा दे दिया.
तीसरी सीट के लिए भी बीजेपी ने उतारा उम्मीदवार
15 मार्च को कांग्रेस के चार विधायकों सोमाभाई कोली, प्रवीण मारू, प्रद्युम्न सिंह जडेजा और जेवी काकड़िया ने इस्तीफा दे दिया. रही सही कसर 16 मार्च को तब पूरी हो गई, जब कांग्रेस के पांचवे विधायक मंगल गवित ने भी विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को अपना इस्तीफा दे दिया. और इन इस्तीफों की वजह से अब कांग्रेस सीधे तौर पर बैकफुट पर आ गई है. क्योंकि जिन विधायकों के सहारे कांग्रेस अपने दो उम्मीदवारों भरत सिंह सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल को राज्यसभा भेजने का सपना देख रही थी, अब वो टूटता हुआ नज़र आ रहा है. पांच विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास सिर्फ 68 विधायक ही बचे हैं. ऐसे में कांग्रेस सिर्फ एक ही उम्मीदवार को राज्यसभा में भेज सकती है. लेकिन इन सबके बावजूद बीजेपी के लिए तीसरी सीट जीतना आसान नहीं है. बीजेपी के पास भी सिर्फ 103 ही विधायक हैं. उसे अभी 8 और विधायक चाहिए. अगर कांग्रेस के ये पांच बागी विधायक क्रॉस वोटिंग कर भी दें, तब भी बीजेपी को कम से कम तीन और विधायकों का समर्थन चाहिए होगा.
कांग्रेस ने होटल भेजे विधायक और वो गायब हो गए!
बीजेपी को ये तीन विधायक न मिल पाएं, इसके लिए कांग्रेस अब एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. टूट से बचाने के लिए कांग्रेस ने पहले ही अपने कुछ विधायकों को 14 मार्च को ही जयपुर के एक होटल में भेज दिया था. लेकिन उनमें से भी चार विधायक गायब हो गए थे. और अब इन्हीं विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस कोशिश कर रही है कि अब कोई टूट न हो, वहीं बीजेपी नेता और गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल का कहना है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक इस्तीफा देने वाले हैं. और यही वजह है कि बीजेपी ने राज्यसभा के लिए अपने तीन उम्मीदवारों अभय भारद्वाज, रमिला बारा और नरहरी अमीन को अपना उम्मीदवार बना रखा है. कांग्रेस भी क्रॉस वोटिंग के जरिए अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत का दावा कर रही है. कौन जीतेगा, कौन हारेगा ये तो 26 मार्च को ही पता चलेगा. तब तक दोनों ही पार्टियों के बीच चलती रहेगी रिजॉर्ट पॉलिटिक्स.
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अंशु पांडेयCounseling Psychologist
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