Explained : अचानक से ऐसा क्या हुआ कि कोरोना प्रभावित टॉप 10 राज्यों में शामिल हो गया बिहार?
भारत में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों में अब बिहार भी शामिल हो गया है. आखिर बिहार में ऐसा क्या हुआ कि जहां पर केस की संख्या कम थी, वहां अचानक से इतनी बढ़ोतरी हुई कि वो कोरोना प्रभावित चोटी के 10 राज्यों में शुमार हो गया.
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन नाकाफी साबित हो रहा है. चौथे चरण के लॉकडाउन को खत्म होने में एक हफ्ते से भी कम का वक्त बचा है, लेकिन अब भी केस बढ़ते जा रहे हैं. और इस बार केस के बढ़ने की रफ्तार पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा हो गई है. अगर बात सिर्फ भारत की करें तो पिछले 24 घंटे के दौरान यहां पर कुल 6654 नए मामले सामने आए हैं. और इसी के साथ भारत में कुल कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा 125,101 तक पहुंच गया है.
इस कोरोना की वजह से भारत में सबसे ज्यादा मुसीबत झेली है महाराष्ट्र ने, जहां अब तक कुल 44,582 केस सामने आए हैं. लेकिन इस बढ़ती हुई संख्या से अगर सबसे ज्यादा परेशान कोई राज्य है, तो वो है बिहार. बिहार में अब तक कोरोना का ग्राफ नियंत्रण में था, लेकिन अब बिहार देश के 10 सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्यों में शामिल हो गया है. यहां अब तक कुल 2,166 केस सामने आ चुके हैं. और इसने अब पंजाब को पीछे छोड़ दिया है, जहां अब तक कुल 2,029 केस सामने आ चुके हैं.
हालांकि जब तक पंजाब में महाराष्ट्र के नांदेड़ से लोग वापस नहीं लौटे थे, वहां भी कोरोना का ग्राफ सामान्य था. लेकिन नांदेड़ से लौटे लोगों की वजह से पंजाब की हालत खराब हो गई थी. अब कुछ ऐसी ही स्थिति बिहार की होती जा रही है. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की बड़ी-बड़ी कंपनियों में छोटे-छोटे काम करने वाले प्रवासी मजदूरों का जत्था बिहार लौट रहा है. जांच के दौरान इनमें से कई मज़दूर कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं और बिहार के कुल आंकड़े में बढ़ोतरी होती जा रही है. उदाहरण के लिए पंजाब में 22 मई को सिर्फ एक नया केस सामने आया, जबकि बिहार में ये आंकड़ा 179 का था. इससे एक दिन पहले 21 मई को बिहार में कुल 380 नए केस सामने आए थे.
अगर बिहार की बढ़ती रफ्तार को आंकड़ों में देखें तो पिछले एक हफ्ते के दौरान बिहार में कोरोना केस के दोगुने होने की रफ्तार 6.45 दिन की हो गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये औसत 13.33 दिन का है. बिहार के कुल कोरोना पॉजिटिव केस में से करीब 50 फीसदी केस वो हैं, जो महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और हरियाणा से लौटे हैं. इनमें भी दिल्ली से लौटे मजदूरों में में कोरोना का संक्रमण ज्यादा है. दिल्ली से लौटे मजदूरों में करीब 25 फीसदी मज़दूरों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. वहीं पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से लौ़टे करीब 10 फीसदी मजदूर कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं बिहार में स्थाई रूप से रह रहे लोगों की जांच के लिए इकट्ठा किए गए सैंपल में संक्रमण का आंकड़ा करीब 3 फीसदी का ही है.
अगर कोरोना से संक्रमित भारत के शीर्ष 10 राज्यों की बात की जाए, तो सबसे ऊपर अब भी महाराष्ट्र ही है, जहां अब तक कुल 44,582 केस सामने आए हैं. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां अब तक 14,753 केस रजिस्टर किए गए हैं. तीसरा नंबर गुजरात का है, जहां ये आंकड़ा 13,273 का है. चौथा नंबर राजधानी दिल्ली का है, जहां अब तक 12,319 केस हैं. पांचवे नंबर पर राजस्थान है, जहां कोरोना का आंकड़ा 6381 पहुंच गया है. छठे नंबर पर है मध्यप्रदेश, जहां ये आंकड़ा 6170 का है. सातवां नंबर उत्तर प्रदेश का है, जहां अब तक कोरोना के कुल 5735 मामले सामने आ चुके हैं. आठवें नंबर पर पश्चिम बंगाल है, जहां कोरोना के 3332 केस हैं. नवां नंबर आंध्र प्रदेश का है, जहां ये आंकड़ा 2514 तक पहुंचा है. 10वें नंबर पर अब बिहार है, जहां कोरोना का आंकड़ा 2166 तक पहुंचा है.
ये सारे आंकड़े उस 22 मई के हैं, जिस दिन भारत में सबसे ज्यादा 6654 नए केस सामने आए हैं. इनमें से भी पांच हजार केस तो सिर्फ पांच राज्यों से आए हैं, जिनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली शामिल है. इसके अलावा और भी राज्य, जहां पर स्थितियां समान्य थीं या सामान्य हो रही थीं, वहां भी मामले बिगड़ गए. असम में 22 मई को कुल 59 नए केस सामने आए और कुल आंकड़ा 259 तक पहुंच गया. छत्तीसगढ़ में कुल 172 केस हैं, जिनमें 44 22 मई को सामने आए. हिमाचल प्रदेश में भी 16 नए केस सामने आए हैं और आंकड़ा 168 तक पहुंच गया है. वहीं केरल जैसे राज्य में भी एक दिन में 42 नए मामले सामने आए हैं, जो इसके लिए अब तक का एक दिन का सबसे अधिक नंबर है.