Will Mallikarjun Kharge Become The Oldest President: कांग्रेस पार्टी 22 साल के बाद अपना अध्यक्ष को चुनने जा रही है. 30 सितंबर को नामांकन के आखिरी दिन ही साफ हो गया कि था कि इस दौड़ में वरिष्ठ और अनुभवी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) सबसे आगे चल रहे हैं.
अपने जीवन के 80 बसंत देख चुके खड़गे ने केवल साल 2019 के लोकसभा चुनावों में ही हार का स्वाद चखा है. माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव में भी वो अपने लगातार जीतने का रिकॉर्ड कायम रख सकते हैं.
एक तरह से देखा जाए तो अगर खड़गे इस पद का चुनाव जीत जाते हैं तो उनके नाम के आगे पार्टी का सबसे पहला उम्रदराज और दूसरा दलित अध्यक्ष होने का रिकॉर्ड भी जुड़ जाएगा. बेदाग छवि और विवादों से दूर रहने वाले दक्षिण के इस दलित नेता को पार्टी का भरोसेमंद माना जाता है.
कांग्रेस के अध्यक्ष पद का सफर
आजादी के बाद साल 1948 से अब तक कांग्रेस (Congress) में साल 2022 तक 36 अध्यक्ष देखे हैं. कई अध्यक्षों के एक बार से अधिक बार अध्यक्ष चुने जाने की वजह से 74 साल में पार्टी में वैसे 18 अध्यक्ष ही कहे जा सकते हैं. इसमें गांधी परिवार से जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी 3- 3 बार पार्टी अध्यक्ष रह चुके हैं.
पार्टी में गांधी परिवार से सबसे अधिक बार अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड सोनिया गांधी का रहा है. वो 1998 से लेकर अब तक 6 बार पार्टी के अध्यक्ष पद पर हैं. इस परिवार से राहुल गांधी साल 2017 से लेकर 2019 तक केवल एक बार अध्यक्ष रहे.
गांधी परिवार के बाद इस पद पर सबसे अधिक बार चुने जाने का रिकॉर्ड यूएन धेबार के नाम है. वह 5 बार पार्टी के अध्यक्ष रहे. इसके बाद नीलम संजीव रेड्डी, के कामराज पीवी नरसिम्हा राव तीन-तीन बार इस पद के लिए चुने गए. एस निजलिंगप्पा दो बार इस पद पर रहे. डॉ पट्टाभि सीतारमैया, पुरुषोत्तम दास टंडन, बाबू जगजीवन राम, डॉ शंकर दयाल शर्मा, सीताराम केसरी और देवकांत बरुआ इस पद पर एक-एक बार आसीन हुए.
कैसे होंगे खड़गे सबसे उम्रदराज अध्यक्ष
इन सबसे अध्यक्षों को उम्र के लिहाज से देखा जाए तो सबसे कम उम्र में कांग्रेस के अध्यक्ष पद पुरुषोत्तम दास टंडन रहे थे. वह डॉ पट्टाभि सीतारमैया के 1948 से लेकर 1949 के कार्यकाल के बाद इस पद पर आसीन हुए थे. भारत रत्न से सम्मानित पुरुषोत्तम दास टंडन ने केवल 32 साल की उम्र में 1950 में ये पद संभाला था. उनका जन्म 1 अगस्त 1882 को हुआ था. साल 1948 से अब तक रहे अध्यक्षों में सबसे अधिक उम्र के अध्यक्ष की बात की जाए तो उसमें पहला नंबर सीताराम केसरी (Sitaram Kesri) का आता है. उनका जन्म साल 1919 में हुआ था और वह साल 1996 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए थे. यानी जब वो इस पद पर आए तो उनकी उम्र 77 साल थी.
इस तरह से देखा जाए तो अगर मल्लिकार्जुन खड़गे 19 अक्टूबर को विजयी घोषित होते हैं तो उनके नाम के साथ पार्टी के सबसे उम्रदराज अध्यक्ष होने का तमगा भी जुड़ जाएगा. उनका जन्म 21 जुलाई 1942 को हुआ है. वह चुनाव के नतीजे का एलान होने के दिन तक 80 साल तीन महीने के हो जाएंगे. उनके 80 साल तीन महीने में 21 जुलाई के दो दिन ही कम होंगे.
अगर पार्टी के सबसे अधिक उम्र के निर्वाचित अध्यक्षों की बात की जाए तो सीताराम केसरी के बाद उनमें सोनिया गांधी का नाम आता है. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) साल 1946 में जन्मी हैं और उन्होंने 1998 के बाद छठी बार साल 2019 में कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार ग्रहण किया. इस हिसाब से छठी बार इस पद को संभालने के वक्त उनकी उम्र 73 साल रही थी. कांग्रेस के 1948 के बाद अध्यक्ष पद के इतिहास में कोई भी इस उम्र का नहीं रहा.
दूसरे दलित अध्यक्ष का ताज भी
मल्लिकार्जुन खड़गे अगर आज से 18 दिन कांग्रेस अध्यक्ष पद की बाजी जीत जाते हैं तो उनके सिर पर पार्टी के दूसरे दलित नेता होने का ताज भी सज जाएगा. साल 1948 के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अब तक केवल एक बार ही दलित नेता काबिज हो पाए हैं. इस पद पर 50 साल पहले काबिज होने वाले वो दलित नेता बाबू जगजीवन राम (Babu Jagjivan Ram) थे. उन्होंने साल 1970 से लेकर 1971 तक कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद संभाला था. खड़गे का नाम नामांकन के आखिरी पलों में ही निकल कर सामने आया था. हार्ड कोर कांग्रेसी और गांधी खानदान के चहेते माने जाने वाले खड़गे के चुनाव में जीत हासिल करने की अधिक उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में 50 साल बाद पार्टी को दूसरा दलित अध्यक्ष मिलना भी तय माना जा रहा है.
19 को आएंगे नतीजे
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव साल 2000 में हुआ था. इस साल 24 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई थी. शुक्रवार (30 सितंबर) को कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (Congress Presidential Election) के नामांकन के आखिरी दिन शशि थरूर (Shashi Tharoor), मल्लिकार्जुन खड़गे और केएन त्रिपाठी ने नामांकन दाखिल किया. उम्मीदवारों के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर रखी गई है. इस पद के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग की जाएगी. 19 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी और इसी दिन नतीजों का एलान भी कर दिया जाएगा.
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