World's Biggest Terrorist Attacks: सोमालिया (Somalia) के आतंकी हमले ने एक बार फिर मुंबई आतंकी हमले जैसी दहशत फैलाने का काम किया है. सोमालिया के हयात होटल में आतंकी समूह अल-शबाब (Al-Shabaab) के बंदूकधारियों ने हमला कर दिया. इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई और कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमले ने दुनिया में हुए कई आतंकी हमलों की धुंधली तस्वीर को एक बार फिर साफ कर दिया है. इनमें से एक तस्वीर 14 साल पहले 26 नवंबर 2008 की है जब मुंबई गोलियों की आवाज से दहल उठी थी. चलिए आपको बताते हैं दुनिया के पांच ऐसे बड़े हमले, जब खूंखार आतंकी संगठनों ने खेला मौत का खेल.
कई आतंकी हमलों के जख्म भले ही भर गए हो लेकिन, निशान अब भी बाकी हैं. आतंकियों ने कई बार दुनिया भर को ऐसा दर्द दिया जिसे शायद ही कोई भूल सके. आज भी इनमें से कई ऐसे हमले हैं, जिन्हें याद कर रूह कांपने लगती है. गोलीबारी की आवाज अपने कानों में सुनाई देने लगती है. सोमालिया में हुए हमले ने इन आवाजों को और गहरा कर दिया है.
26/11 मुंबई हमला
उस रात को एकाएक मुंबई गोलियों की आवाज से दहल उठा था. मुंबई के दो पांच सितारा होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया गया था. इस रात मौत का तांडव हुआ था, हर जगह चीख-पुकार, अंधाधुंध गोलियों की आवाज. लियोपोल्ड कैफे से शुरू हुआ यह हमला ताज होटल पर जाकर खत्म हुआ लेकिन, शुरू होने और खत्म होने के बीच की दर्दनाक घटना में 166 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए. यह इतिहास का सबसे भयावह हमला था.
9/11 आतंकी हमला
11 सितंबर 2001 का वो हमला, जब अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया दहल उठी थी. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को अल कायदा ने 9/11 के विमान हमले ने हक्का-बक्का कर दिया था. इस हमले में 102 मिनट में 2763 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जब अल-कायदा के 19 आतंकियों ने 11 सितंबर की सुबह चार विमानों को हाईजैक कर लिया था. इन आतंकियों का मकसद था सभी विमानों को अलग-अलग जगह पर क्रेश करना.
यजीदी समुदाय पर 2 टन विस्फोटक से हमला
इराक में 14 अगस्त 2007 में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें एक कार का इस्तेमाल किया गया था. इस हमले में करीब 756 लोगों की मौत हुई और 1,500 से ज्यादा लोग घायल हुए. इस हमले में यजीदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था. तीन कारों में दो टन विस्फोटक भरकर उसे इमारत से टकरा दिया.
कनिष्क विमान हमला
आज भी इस हमले के जख्म हरे हैं. वो दिन जब एअर इंडिया की फ्लाइट 182 ने 22 जून 1985 को कनाडा के मॉन्ट्रियल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी लेकिन, फ्लाइट लैंड न हो सकी 23 जून को आयरिश हवाई क्षेत्र में आसमान में विमान ब्लास्ट होकर अटलांटिक महासागर में जा गिर. इस विमान में कुल 22 क्रू मेंबर और 307 यात्री सवार थे. भारत ने पहले ही इस हमले को लेकर अलर्ट कर दिया था लेकिन, कनाडा की सिक्युरिटी एजेंसियों की चूक के कारण हमला रोका न जा सका और आतंकी प्लेन में बम रखने में कामयाब रहे.
बेसलान स्कूल हत्याकांड
आतंकवाद न तो कभी मजहब देखता है, न ही अमीर-गरीब और न बच्चे-बूढ़े. सितंबर 2004 को रूस के बेसलान स्कूल में हुए आतंकी हमले में कई मासूमों की जान गई. किसने सोचा था बच्चों को स्कूल भेजना उनकी मौत को न्यौता देने का काम करेगा जब नकाबपोश महिलाएं और पुरुष विस्फोटक बेल्ट पहनकर स्कूल में घुस आएंगे और 1000 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लेंगे. तीन दिन चले इस घटनाक्रम में कुल 330 लोगों की जान गई, जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल थे.
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