मध्य प्रदेश का वीडियो सांप्रदायिक एंगल से कर्नाटक का बताकर किया गया शेयर
वायरल वीडियो कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक का नहीं, बल्कि बीजेपी शासित मध्य प्रदेश का है, जहां मूर्ति स्थापना को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद में एक पक्ष ने सरदार पटेल की मूर्ति को गिरा दिया था.
फैक्ट चैक
[असत्य]यह वीडियो कर्नाटक का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के उज्जैन का है, जहां जनवरी 2024 में दो पक्षों के बीच विवाद में सरदार पटेल की मूर्ति को तोड़ दिया गया था. |
दावा क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ट्रैक्टर की मदद से एक मूर्ति को गिराया जा रहा है. मूर्ति के पीछे भगवान राम का एक कट-आउट भी आ रहा है. इस वीडियो के ज़रिये दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक में भगवान राम की मूर्ति को तोड़ा जा रहा है और उसका अपमान किया जा रहा है.
वीडियो के अंत में एक युवक इसे ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करने की अपील करते हुए कहता है कि "80 प्रतिशत होने का कोई फ़ायदा नहीं है, जब 20 प्रतिशत लोग उत्पात मचा रहे हैं." ग़ौरतलब है कि इसमें 80 बनाम 20 का मतलब हिंदू और मुसलमान से है. 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऐसा ही बयान दिया था, जिस पर भी काफ़ी विवाद हुआ था.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूज़र ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन दिया, "कर्नाटक के हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार को हराकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई थी। अब कांग्रेस सरकार की हरकतों और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के कारण पछता रहे हैं." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. इसी दावे के साथ शेयर किये गए अन्य पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/फ़ेसबुक/स्क्रीनशॉट)
हालांकि, यह वीडियो कर्नाटक का नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के उज्जैन का है, जहां जनवरी 2024 में सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति स्थापित करने को लेकर दो समूहों के बीच विवाद के बाद उनकी मूर्ति को ट्रैक्टर की मदद से तोड़ दिया गया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें जनवरी 25, 2024 को प्रकाशित दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो में दिखाए गए दृश्य मौजूद हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घटना मध्य प्रदेश के उज्जैन की है, जहां ट्रैक्टर, रॉड और पत्थर की मदद से सरदार पटेल की मूर्ति को गिरा दिया गया. इसके बाद दो पक्ष आमने-सामने आ गए और जमकर पथराव हुआ.
दैनिक भास्कर रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट. (सोर्स: दैनिक भास्कर/स्क्रीनशॉट)
दरअसल, उज्जैन के माकड़ोन मंडी गेट और बस स्टैंड के पास खाली ज़मीन थी. भीम आर्मी वहां डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करना चाहती थी, जबकि पाटीदार समाज के लोग सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित करने की मांग कर रहे थे. यह मामला स्थानीय पंचायत में भी विचाराधीन था. इसी बीच कुछ लोगों ने रात में वहां सरदार पटेल की प्रतिमा स्थापित कर दी. दूसरे पक्ष को जब इसकी जानकारी हुई तो सुबह प्रतिमा को तोड़ दिया गया. इस पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाटीदार समुदाय के लोगों ने जून 24 की रात सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित की थी. रिपोर्ट में पुलिस अधीक्षक (उज्जैन) सचिन शर्मा के हवाले से कहा गया है कि मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद हुआ था. न्यूज़ 24 वीडियो रिपोर्ट (आर्काइव यहां) के मुताबिक़, सरदार पटेल की मूर्ति को तोड़ने के आरोप में 19 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
द हिंदू, नवभारत टाइम्स, आज तक समेत कई मीडिया संस्थानों ने इस घटना पर ख़बरें प्रकाशित की थीं.
हालांकि, जून 28 को विवाद का समाधान हो गया जब कलेक्टर एसपी ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की और एक समझौता हुआ जिसमें यह निर्णय लिया गया कि माकड़ोन में सरदार पटेल के साथ अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की जाएगी.
यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश का है और इसमें भगवान राम की नहीं बल्कि सरदार पटेल की मूर्ति को तोड़ा गया है. साथ ही, हमने यह भी खोजा कि क्या कर्नाटक में भी ऐसी कोई घटना हुई है, लेकिन हमें इसकी पुष्टि करने वाली कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
निर्णय
हमारी अब तक की जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि वायरल वीडियो कांग्रेस शासित राज्य कर्नाटक का नहीं, बल्कि बीजेपी शासित मध्य प्रदेश का है, जहां मूर्ति स्थापना को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद में एक पक्ष ने सरदार पटेल की मूर्ति को गिरा दिया था.
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले logicallyfacts.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.